मुजफ्फरनगर: पिछले 14 साल से अधूरा पड़ा नेशनल हाईवे 58 के पुल का रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान व राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने फीता काटकर लोकार्पण किया. इस अधूरे पुल के कारण हुए सड़क हादसे में 56 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन इस पुल का निर्माण नहीं हो सका था.
...इस वजह से नहीं हो रहा था पुल का निर्माण
अधूरे पड़े पुल के नीचे एक मदरसा आने के कारण निर्माण कार्य रोक दिया गया था, लेकिन पिछले साल संजीव बालियान ने इस मदरसे को मुआवजा दिलाकर और हटवा कर पुल का निर्माण कार्य दोबारा शुरू कराया था. इस पुल के निर्माण के बाद रविवार को इसका उद्धघाटन किया गया. पुल का नाम राम सेतु संधावली पुल रखा गया है.
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा
- इस पुल पर 14 साल में 56 मौतें हुई हैं.
- पुल के निर्माण के लिए जनता को लम्बा संघर्ष करना पड़ा.
- इस पुल का निर्माण करना सबसे कठिन काम था.
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को स्वयं यहां पर आना पड़ा.
- 50 पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मैंने लिखे थे.
- जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तब धार्मिक स्थल को हटाकर निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ.
- प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री कपिल देव के सुझाव पर इस पुल का नाम रामसेतु संधावली पुल रखा गया है.
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राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया
- यह मुजफ्फरनगर में बडा विवादित स्थान था, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है.
- डॉक्टर संजीव बालियान के प्रयास से हमारे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी यहां पर आए.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से इस पुल का निर्माण बहुत कम समय में हुआ है.
- भगवान श्रीराम के नाम पर इसका नाम रामसेतु संधावली रखा गया है.