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मुजफ्फरनगर कांड: कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाए गए आरोपी, धारा 144 लागू - यूपी न्यूज

5 साल पहले हुए कवाल कांड के आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को कोर्ट लाया गया. मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा में जहां 57 लोगों की जान गई थी. वहीं करीब 18 सौ से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए थे.

मुजफ्फरनगर कांड
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Published : Feb 8, 2019, 1:46 PM IST

मुजफ्फरनगर: 5 साल पहले हुए कवाल कांड के आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को कोर्ट लाया गया. इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही. फैसला सुनाए जाने तक कचहरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. शहर में धारा 144 लागू की गई है.

2013 में मुजफ्फरनगर में भड़का था दंगा.
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बता दें 27 अगस्त 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था. बुधवार को इस मामले में मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने मृतक शाहनवाज के पक्ष के फुरकान, अफजल, मुजस्सिम, इकबाल, मुजम्मिल, नदीम और जहांगीर को हत्या का दोषी ठहराया था.

इस कांड में मलिकपुरा गांव के सचिन और उसके ममेरे भाई गौरव की हत्या में दोषी ठहराए गए सात लोगों को अदालत आज (शुक्रवार) सजा सुनाएगी. कोर्ट से फैसला आने के चलते पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं. इसके अलावा मलिकपुरा गांव और कवाल में पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है.

मुजफ्फरनगर जिले में हुई हिंसा में, जहां 57 लोगों की जान गई थी. वहीं करीब 18 सौ से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए थे. इस घटना से प्रदेश में राजनीतिक तौर पर भी भूचाल आ गया था. फिलहाल आज इस मामले में फैसला आ रहा है. सातों आरोपियों को न्यायालय में लाया जा चुका है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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मुजफ्फरनगर: 5 साल पहले हुए कवाल कांड के आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को कोर्ट लाया गया. इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही. फैसला सुनाए जाने तक कचहरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. शहर में धारा 144 लागू की गई है.

2013 में मुजफ्फरनगर में भड़का था दंगा.
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बता दें 27 अगस्त 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था. बुधवार को इस मामले में मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने मृतक शाहनवाज के पक्ष के फुरकान, अफजल, मुजस्सिम, इकबाल, मुजम्मिल, नदीम और जहांगीर को हत्या का दोषी ठहराया था.

इस कांड में मलिकपुरा गांव के सचिन और उसके ममेरे भाई गौरव की हत्या में दोषी ठहराए गए सात लोगों को अदालत आज (शुक्रवार) सजा सुनाएगी. कोर्ट से फैसला आने के चलते पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं. इसके अलावा मलिकपुरा गांव और कवाल में पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है.

मुजफ्फरनगर जिले में हुई हिंसा में, जहां 57 लोगों की जान गई थी. वहीं करीब 18 सौ से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए थे. इस घटना से प्रदेश में राजनीतिक तौर पर भी भूचाल आ गया था. फिलहाल आज इस मामले में फैसला आ रहा है. सातों आरोपियों को न्यायालय में लाया जा चुका है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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Intro:मुजफ्फरनगर के बहुचर्चित कवाल कांड में दोषी करार दिए गए सातों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जा रहा है, कवाल कांड पर आज फैसला आने की पूरी उम्मीद है ,कोर्ट परिसर में सुरक्षा के तमाम पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, काबिलेगौर है की दो सगे भाइयों की हत्या का फैंसला आज सुनाया जाना है।सुबह से ही एडीजे 7 न्यायालय के इर्द गिर्द जहां भारी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं,वहीं सातों आरोपी कोर्ट परिसर में लाये जा चुके हैं।लंच के बाद फैंसला सुनाएंगे जज हिमांशु भटनागर।

कृपया सम्बन्धित खबर के विसुअल....
mujaffarnagar kaand08-02-19
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Body:मुजफ्फरनगर में सपा शासनकाल में हुए दंगे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं, आज मुजफ्फरनगर कोर्ट में सगे भाइयों की हत्या के मामले में फैसला सुनाया जाना है,एडीजे7 की अदालत में हिमांशु भटनागर इस दोहरे हत्याकांड फैंसला सुनाएंगे। काबिलेगौर है कि जिले में पहले से ही धारा 144 लागू है, जिले में तमाम तरह से पुलिस और प्रशासन मुस्तैद देखा जा सकता है तो वहीं कोर्ट परिसर को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है हम आपको बता दें कि कवाल कांड में गौरव और सचिन की हत्या के लिए कोर्ट ने 7 लोगों को दोषी करार दिया है और आज इस मामले में सजा सुनाई जाएगी सचिन और गौरव की हत्या के बाद ही मुजफ्फरनगर जिले में हिंसा भड़की थी जिसके बाद यहां दंगा हुआ था और इस दंगे में जहां 57 लोगों की जान गई थी वहीं करीब 18 सौ से ज्यादा परिवार से प्रभावित हुए थे के बाद प्रदेश में राजनीतिक तौर पर भी भूचाल आ गया था फिलहाल आज इस मामले में फैसला आ रहा है उससे पहले सातों आरोपियों को न्यायालय में लाया जा चुका है सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं भले ही दंगे को अब काफी दिन हो गए लेकिन आज भी इस का दंश सैकड़ों परिवार झेल रहे हैं हम आपको बता दें कि इस दंगे का सीधा असर उस वक्त के राजनीतिक हालातों पर भी पड़ा था जिसके बाद प्रदेश और केंद्र की राजनीति ही दूसरा स्वरूप ले गई थी फिलहाल आज इस मामले में सुनवाई होनी है और सुनवाई की पूरी खत्म हो चुकी है आज फैसला आएगा एडीजे 7 की अदालत में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं, और इंतजार है कि जैसे ही फैसला आता है उसके बाद किसी भी तरह की कोई हिंसा न भड़के उसके लिए अफसरों के द्वारा तमाम प्रशासनिक स्तर से तैयारियां की गई हैं, सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद यहां कर दी गई है


Conclusion:हम आपको बता दें कि उस वक्त जहां केंद्र में कॉंग्रेस सत्ता में थी वहीं प्रदेश में सपा की सरकार थी,तमाम राजनीतिक हस्तियों ने उस वक्त अपने अपने ढंग से इस मामले पर बयानबाजियां की थीं,बल्कि खुद तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी एयर राहुल गांधी ने भी मुजफ्फरनगर के दौर किया था।
हम आपको यह बताना चाहेंगे कि 27 अगस्त 2013 को से और 27 17 सितंबर 2013 तक करीब 21 दिन तक यहां हिंसा भड़की रही थी जिसमें करीब 57 लोगों की जान गई थी दंगे में कुल 90 से ज्यादा लोग हताहत हुए थे तो वहीं इसमें करीब हजार गिरफ्तारियां हुई थी जिसके बाद करीब 57 हजार लोगों ने यहां से पलायन किया था तो वहीं अट्ठारह सौ परिवारों को सरकार की तरफ से पांच रुपये प्रति परिवार के हिसाब से मुआवजा भी यहां दिया गया था ,जिसमें कुल 500 से ज्यादा मुकदमे भी दर्ज किए गए थे, जबकि करीब 6800 से ज्यादा नामजद आरोपी कस मामले में बनाये गए थे, फिलहाल अब तक नामजद आरोपियों में 17 मृतक है तो वहीं 117 मुकदमों को जांच के बाद एसआईटी ने खारिज कर दिया था 169 मुकदमों में एसआईटी ने जांच के बाद एफआर लगा दी थी तो वहीं 41 मुकदमों में गवाहों के पक्ष द्रोही होने के बाद आरोपी बरी किए जा चुके हैं 172 मुकदमों में एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी वापस लेने के लिए प्रारंभ हुई थी हत्या की हत्या के मुकदमे भी शामिल थे इस मामले में मुकदमा वापस लेने के लिए शासन से जारी हो चुका है फिलहाल पूरी तरह से यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और किसी भी तरह की हिंसा ना भड़के इसके लिए प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी लोकल इंटेलिजेंस विशेष तौर पर हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं।

ओनली विसुअल्स


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