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सवर्णों और मुस्लिमों को टारगेट कर बनाया जाता है कानून: शेर सिंह राणा

राष्ट्रीय जनलोक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा रविवार को चंदौली में महड़ौरा प्रधानपति पंकज सिंह के तेरहवीं में शामिल हुए. यहां उन्होंने कहा कि 1947 में देश आजाद होने के बाद सवर्ण व मुस्लिम जाति के लोगों को टारगेट करके कानून बनाए गए.

शेर सिंह राणा चंदौली में
शेर सिंह राणा चंदौली में
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Published : Jun 13, 2021, 11:02 PM IST

चंदौली: राष्ट्रीय जनलोक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा रविवार को चंदौली दौरे पर रहे. इस दौरान वे महड़ौरा प्रधानपति पंकज सिंह की तेरहवीं में शामिल हुए. उन्होंने पंकज सिंह को श्रद्धांजलि दी और परिजनों को ढांढस बंधाया. इसके बाद वे जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह से मिले और उनके खिलाफ एसडीएम सकलडीहा द्वारा की जा रही कार्रवाई को द्वैषपूर्ण बताया. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 1947 में देश आजाद होने के बाद सवर्ण व मुस्लिम जाति के लोगों को टारगेट करके कानून बनाए गए, जो देश व समाज दोनों के लिए ठीक नहीं है.

यूपी उत्तराखंड और पंजाब में लड़ेंगे चुनाव

शेर सिंह राणा ने चंदौली में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में पार्टी की अहम भूमिका रहेगी. मूल एजेंडे के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी सक्रिय रहेगी. जुलाई के शुरुआत में पश्चिमी यूपी में यात्रा निकाली जाएगी. वहीं, पूर्वांचल में यह यात्रा सितंबर में निकालने की योजना पर मंथन चल रहा है, जिसका समापन लखनऊ में होगा.

शेर सिंह राणा चंदौली में

यूपी में अलायंस के लिए दो पार्टियों से चल रही बात

उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने को लेकर दो राजनीतिक दलों से शुरुआती बातचीत चल रही है. उन तमाम राजनीतिक दलों से समझौता किया जाएगा, जो हमारे मूल उद्देश्यों व मंशा का समर्थन करेगी. हालांकि पार्टी के नाम पर अंतिम मुहर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक तय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम न तो दूसरों के हक व अधिकार छीनने की बात करते हैं और न ही अपने अधिकार व हक किसी को छीनने देंगे. यही उनका मुख्य एजेंडा होगा. देश के सभी राजनीतिक दलों ने राजपूतों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. उन्हें उनका हक देना होगा.

'योगी सरकार में नहीं मिली सवर्णों को नौकरी'

योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वैसे तो साधु की कोई जात नहीं होती, लेकिन वे राजपूत होते हुए भी उनके लिए कुछ नहीं कर सके. सिर्फ बेरोजगारी बढ़ी है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शासन काल में हम लोगों को सरकारी नौकरियों में एक प्रतिशत भी जगह नहीं मिली. समाज का पढ़ा-लिखा नौजवान मुंबई व दिल्ली जैसे शहरों में टैक्सी चलाकर और चौकीदार करके आजीविका चला रहे हैं.

फूलन देवी की हत्या के बाद चर्चा में आए शेर सिंह राणा

शेर सिंह राणा दस्यु सुंदरी फूलन देवी हत्याकांड के लिए बाद चर्चा में आए. दरअसल, कानपुर के सिकंदरा क्षेत्र के बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी (Dasyu Sundari Foolan Devi) ने गिरोह के साथ पहुंचकर 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद साल 2001 में शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की हत्या कर दी. शेर सिंह ने हत्या की बात स्वीकार कर जेल में सजा काटी. यहीं नहीं, तिहाड़ जेल में सजायाफ्ता होने के दौरान वे जेल से भागकर अफगानिस्तान के कंधार से पृथ्वीराज चौहान की अस्थि लेकर लौटे थे, जिसके बाद क्षेत्रिय समाज के बीच खासे लोकप्रिय हो गए.

इसे भी पढ़ें- उन्नाव में फिर दफन शवों को नोचने लगे कुत्ते-कौवे

चंदौली: राष्ट्रीय जनलोक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा रविवार को चंदौली दौरे पर रहे. इस दौरान वे महड़ौरा प्रधानपति पंकज सिंह की तेरहवीं में शामिल हुए. उन्होंने पंकज सिंह को श्रद्धांजलि दी और परिजनों को ढांढस बंधाया. इसके बाद वे जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह से मिले और उनके खिलाफ एसडीएम सकलडीहा द्वारा की जा रही कार्रवाई को द्वैषपूर्ण बताया. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 1947 में देश आजाद होने के बाद सवर्ण व मुस्लिम जाति के लोगों को टारगेट करके कानून बनाए गए, जो देश व समाज दोनों के लिए ठीक नहीं है.

यूपी उत्तराखंड और पंजाब में लड़ेंगे चुनाव

शेर सिंह राणा ने चंदौली में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में पार्टी की अहम भूमिका रहेगी. मूल एजेंडे के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी सक्रिय रहेगी. जुलाई के शुरुआत में पश्चिमी यूपी में यात्रा निकाली जाएगी. वहीं, पूर्वांचल में यह यात्रा सितंबर में निकालने की योजना पर मंथन चल रहा है, जिसका समापन लखनऊ में होगा.

शेर सिंह राणा चंदौली में

यूपी में अलायंस के लिए दो पार्टियों से चल रही बात

उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने को लेकर दो राजनीतिक दलों से शुरुआती बातचीत चल रही है. उन तमाम राजनीतिक दलों से समझौता किया जाएगा, जो हमारे मूल उद्देश्यों व मंशा का समर्थन करेगी. हालांकि पार्टी के नाम पर अंतिम मुहर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक तय किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम न तो दूसरों के हक व अधिकार छीनने की बात करते हैं और न ही अपने अधिकार व हक किसी को छीनने देंगे. यही उनका मुख्य एजेंडा होगा. देश के सभी राजनीतिक दलों ने राजपूतों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. उन्हें उनका हक देना होगा.

'योगी सरकार में नहीं मिली सवर्णों को नौकरी'

योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वैसे तो साधु की कोई जात नहीं होती, लेकिन वे राजपूत होते हुए भी उनके लिए कुछ नहीं कर सके. सिर्फ बेरोजगारी बढ़ी है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शासन काल में हम लोगों को सरकारी नौकरियों में एक प्रतिशत भी जगह नहीं मिली. समाज का पढ़ा-लिखा नौजवान मुंबई व दिल्ली जैसे शहरों में टैक्सी चलाकर और चौकीदार करके आजीविका चला रहे हैं.

फूलन देवी की हत्या के बाद चर्चा में आए शेर सिंह राणा

शेर सिंह राणा दस्यु सुंदरी फूलन देवी हत्याकांड के लिए बाद चर्चा में आए. दरअसल, कानपुर के सिकंदरा क्षेत्र के बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी (Dasyu Sundari Foolan Devi) ने गिरोह के साथ पहुंचकर 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद साल 2001 में शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की हत्या कर दी. शेर सिंह ने हत्या की बात स्वीकार कर जेल में सजा काटी. यहीं नहीं, तिहाड़ जेल में सजायाफ्ता होने के दौरान वे जेल से भागकर अफगानिस्तान के कंधार से पृथ्वीराज चौहान की अस्थि लेकर लौटे थे, जिसके बाद क्षेत्रिय समाज के बीच खासे लोकप्रिय हो गए.

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