चंदौलीः उत्तर प्रदेश चंदौली के रामगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बाबा कीनाराम जन्मस्थली में आज रविवार को आगमन निर्धारित है. जिसे लेकर जिला प्रशासन और भारतीय जनता पार्टी के लोग तैयारियों में जुटे हुए है. वहीं उनके आगमन को लेकर समाजवादी पार्टी सीएम योगी के आगमन को लेकर मुखर दिखी और उनके कार्यक्रम पर निशाना साधा. पूर्व सपा सांसद रामकिशुन यादव ने इस कार्यक्रम से भाजपा को कोई भी लाभ नहीं मिलने तक की बात तक कह डाली.
पूर्व सांसद ने कहा आजकल मुख्यमंत्री चंदौली जिले पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं लेकिन इसका भाजपा को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. बाबा कीनाराम का आशीर्वाद सपा को पहले ही मिल चुका है. 2022 में सपा की सरकार बनने जा रही है.
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने चंदौली जिले का इतना अधिक दौरा किया है, जितना आज तक किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किया था. चन्दौली के लाल राजनाथ सिंह ने भी नहीं किया. उनके इस दौरे का जिले को कोई खास लाभ नहीं मिला है. केवल वह पहले की योजनाओं का उद्घाटन करते और चुनावी लाभ के लिए कुछ योजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं. ऐसे में जनता उनके झांसे में आने वाली नहीं है.
रामकिशुन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 साल पहले चंदौली में बाबा कीनाराम के मठ में आए थे, और उन्होंने वहां के सुंदरीकरण और विकास की योजनाओं के बारे में तमाम तरह की बातें की थीं. चंदौली जिले से जाने के बाद वह सब भूल गए. अब जब चुनाव आया है तो बाबा कीनाराम के परिसर में ऑडिटोरियम और तमाम तरह की योजनाओं का शिलान्यास करके उसका राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन योगी आदित्यनाथ को यह नहीं मालूम होना चाहिए कि चंदौली जिले की जनता उनके इस बहकावे में नहीं आएगी. बाबा कीनाराम के मठ का आशीर्वाद समाजवादी पार्टी के साथ है.
उन्होंने दलील देते हुए कहा कि चंदौली जिले में मेडिकल कॉलेज की शुरुआत समाजवादी पार्टी ने की थी. उसका नामकरण खुद योगी आदित्यनाथ ने ही बाबा कीनाराम के नाम पर कर दिया है. ऐसी हालत में बाबा कीनाराम का आशीर्वाद भाजपा को नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी को ही मिलेगा. जिसका असर 2022 में देखने को मिलेगा.
जिले की जनता, किसान, युवा, व्यापारी सब परेशान है. ऐसे में जिले की जनता मुख्यमंत्री के चुनावी झांसे में आने वाली नहीं है. 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबक सिखाने का काम करेगी और एक बार फिर से समाजवादी पार्टी की सरकार बनाते हुए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी सपाध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंपने जा रही है.
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