कानपुर : जिन महिलाओं की 42 या उससे अधिक की उम्र हो जाती है, उन्हें मासिक धर्म न होकर रजोनिवृत्ति होने लगती है. रजोनिवृत्ति के बाद ब्लीडिंग होना बड़े खतरे का संकेत होता है. शहर के एलएलआर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में जब इस समस्या से पीड़ित काफी महिलाएं पहुंचीं तो विशेषज्ञ चिकित्सकों ने सर्वे कराया. सर्वे के दौरान चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं. कई महिलाओं में बच्चेदानी के कैंसर समेत कई बीमारियों के लक्षण मिले.
एलएलआर अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर डाॅ. सीमा द्विवेदी ने बताया कि महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोंस की मात्रा बढ़ गई थी. हार्मोंस की वजह से महिलाओं को 42 साल के बाद समस्या हुई थी. बहरहाल अब महिलाओं को बहुत अधिक सतर्कता तब बरतनी होगी, जब उनकी रजोनिवृत्ति हो गई और फिर भी एक, दो या तीन साल बाद उनके मासिक धर्म जैसी ब्लीडिंग शुरू हो गई है.
अंदरूनी परत आठ से 10 मिमी. तक बढ़ गई : वरिष्ठ प्रोफेसर सीमा द्विवेदी ने बताया कि जिन महिलाओं में रजोनिवृत्ति हो जाती है उनमें अंदरूनी परत की लंबाई सामान्यत: दो से तीन मिलीमीटर होनी चाहिए, मगर अस्पताल में सर्वे में देखा गया कि अधिकतर महिलाओं में परत की लंबाई आठ से 10 मिमी. तक पहुंच गई थी. कुछ महिलाओं की बायोप्सी जांच हुई तो सामने आया उनमें बच्चेदानी का कैंसर हो गया है. अब, सभी पीड़ित महिलाओं का इलाज कर उन्हें जरूरी सावधानियां बताई गई हैं.
ब्लीडिंग होने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- सबसे पहले ध्यान रखना है रजोनिवृत्ति वाली उम्र में हैं तो ब्लीडिंग न हो.
- अगर ब्लीडिंग हुई तो फौरन बिना देरी के ही नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें.
- खतरे की घंटी मानते हुए अंदरूनी गांठ, फायब्रायड, या बच्चेदानी का कैंसर संबंधी जांच कराएं.
- बेहतर ढंग से इलाज कराते हुए समय से अपनी दवाइयां लें और घबराएं बिल्कुल नहीं.
इन आदतों को अपनाएं, रहेंगी पूरी तरह से स्वस्थ
- सब्जियों को अच्छी तरह धोकर व पकाकर खाना बनाएं और हल्का खाना खाएं.
- शक्कर, बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थ और वसायुक्त खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं.
- शारीरिक सक्रियता को बरकरार रखें, यह न सोचें कि काम नहीं हो पाएगा अब.
- शरीर में मसल्स अधिक हों और फैट कम से कम हो.
- किसी जानकार से परामर्श लेकर रोजाना व्यायाम जरूर करें.