चंदौली : जिले के विकास व जनहित से जुड़े ज्वलंत मुद्दों को लेकर सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव सक्रिय नजर आ रहे हैं. उन्होंने नियम-51 के तहत सदन में जिला मुख्यालय के विकास के मुद्दे को उठाया, इसके अलावा नियम-301 के तहत सड़कों के मुद्दे को उठाया. उन्होंने सड़कों के मरम्मत की मांग की. इसके अलावा जिला अस्पताल में व्याप्त दुर्व्यस्था का भी मुद्दा उठाया. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इसका संज्ञान लेकर जल्द समस्याओं का समाधान कराएगी.
कार्यालयों के निर्माण का मुद्दा उठाया: सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह ने विधानसभा में नियम-51 के तहत सदन को जनपद चन्दौली में जनपद मुख्यालय, न्यायालय, पुलिस लाइन, रोडवेज डिपो व रोडवेज स्टैंड, स्टेडियम, विकास भवन, एआरटीओ दफ्तर, सेल टैक्स व इनकम टैक्स ऑफिस आदि विभागों के कार्यालय निर्माण का मुद्दा उठाया. बताया कि चन्दौली जनपद बने लगभग 26 साल बीत चुके हैं. इसके बावजूद इसके चंदौली विकास से कोसों दूर है. आज तक न तो न्यायालय का निर्माण हो पाया है, और न ही पुलिस विभाग, जिला जेल एवं तमाम जिला कार्यालयों का निर्माण नहीं हो पाया है. लोग दूसरे जनपद में रह करके काम करते हैं. इससे आम जनता, किसान, व्यापारी, गरीब आदि परेशान हैं.
कई संगठनों ने किया था आंदोलन : सपा विधायक ने सदन को अवगत कराया कि इन मुद्दों को लेकर बार एसोसिएशन, किसानों एवं अन्य राजनीतिक संगठनों द्वारा आन्दोलन होते चले आ रहे हैं. वर्ष 2019 में चन्दौली में मुख्यमंत्री के आगमन पर बार एसोसिएशन, किसानों के द्वारा एवं चन्दौली के निवासियों के द्वारा अवगत भी कराया गया था. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद अभी तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. वहीं नियम-301 के तहत जनपद चन्दौली के मारूखपुर-नैढ़ी सम्पर्क मार्ग की मरम्मत की मांग को भी रखा. उन्होंने बताया कि बताया कि यह सड़क विगत 07 वर्ष पहले प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी थी. वर्तमान समय में सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है. इस पर पैदल चलना दूभर हो गया है. विभाग को बार-बार पत्रों के माध्यम से अवगत कराया गया है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.
जिला अस्पताल में दुर्व्यस्था का भी उठाया मुद्दा : जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के बेपटरी होने का जिक्र करते हुए सदन को बताया कि पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल में मरीजों के उपचार के नाम पर खानापूर्ति हो रही है. 26 जुलाई की घटना का जिक्र किया. अस्पताल में 3 सर्जन की तैनाती के बावजूद सामान्य मरीजों को भी बीएचयू रेफर कर दिया जाता है. सभी डॉक्टर चन्दौली मुख्यालय की बजाय वाराणसी में रहते हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा के सभापति सतीश महाना ने स्वीकृति प्रदान करते हुए पत्रावली सरकार को प्रेषित कर दी.
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