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Republic Day 2023: चंदौली के लाल मेजर शुभांग को मिला कीर्ति चक्र, जानिए इनकी वीरता की कहानी

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Published : Jan 26, 2023, 4:42 PM IST

चंदौली के रहने वाले मेजर शुभांग को वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. आइए जानते हैं कि मेजर के बहादुरी की कहानी...

मेजर शुभांग
मेजर शुभांग

चंदौली: 74वें गणतंत्र दिवस पर चन्दौली के लाल मेजर शुभांग को वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. जिससे परिवार के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. इस पुरस्कार के मिलने के बाद एक बार शहीदी चन्दौली का देश के पटल पर छा गया. बता दें कि इस साल सेना के 2 जवानों को कीर्ति चक्र और 7 को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है, जिसमें मेजर शुभांग भी शामिल हैं.

दरअसल मुख्यालय स्थित कैली के रहने वाले मेजर शुभांग विमलेंदु राय और सुधा राय के इकलौते बेटे हैं. बचपन से विलक्षण प्रतिभा के धनी शुभांग सेना में जाना चाहते थे. हालांकि इनकी प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा प्रयागराज में पूरी हुई. जहां से उन्होंने एनडीए परीक्षा क्वालीफाई कर सेना में इंट्री ली और मेजर बने.

मेजर शुभांग अपनी पत्नी के साथ.
मेजर शुभांग अपनी पत्नी के साथ.

गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में सेना को बडगाम के एक गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली. मेजर शुभांग की अगुवाई में 62 राष्‍ट्रीय राइफल्‍स की टीम मौके पर पहुंची. सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों तरफ से गोलियां बरस रही थीं. जिसमें मेजर शुभांग के कंधे में एक गोली लगी. इसके बावजूद उन्‍होंने अदम्‍य साहस दिखाते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया.

सेना ने मेजर शुभांग के प्रशस्ति पत्र में लिखा है कि मेजर और आतंकी के बीच की दूरी 10 मीटर भी नहीं थी. दूसरा आतंकी लगातार सैनिकों पर गोली चला रहा था. मेजर शुभांग घायल हालत में रेंगते हुए उसकी तरफ बढ़े. मेजर शुभांग के मूवमेंट ने उस आतंकी को पास के एक घर में शरण लेने पर मजबूर कर दिया. चारों तरफ से घिर चुके इस आतंकी को भी सेना ने ढेर कर दिया. मेजर शुभांग बुरी तरह घायल थे, इसके बावजूद वह अपने घायल साथियों को वहां से निकालने में लगे रहे. उन्‍हें सबसे आखिर में रेस्‍क्‍यू किया गया.

इसे भी पढ़ें-Republic Day 2023 : देश की आजादी में लखनऊ का खास योगदान, यहां के कई स्थानों पर बनी अंग्रेजों के खिलाफ रणनीति

चंदौली: 74वें गणतंत्र दिवस पर चन्दौली के लाल मेजर शुभांग को वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. जिससे परिवार के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. इस पुरस्कार के मिलने के बाद एक बार शहीदी चन्दौली का देश के पटल पर छा गया. बता दें कि इस साल सेना के 2 जवानों को कीर्ति चक्र और 7 को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है, जिसमें मेजर शुभांग भी शामिल हैं.

दरअसल मुख्यालय स्थित कैली के रहने वाले मेजर शुभांग विमलेंदु राय और सुधा राय के इकलौते बेटे हैं. बचपन से विलक्षण प्रतिभा के धनी शुभांग सेना में जाना चाहते थे. हालांकि इनकी प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा प्रयागराज में पूरी हुई. जहां से उन्होंने एनडीए परीक्षा क्वालीफाई कर सेना में इंट्री ली और मेजर बने.

मेजर शुभांग अपनी पत्नी के साथ.
मेजर शुभांग अपनी पत्नी के साथ.

गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में सेना को बडगाम के एक गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली. मेजर शुभांग की अगुवाई में 62 राष्‍ट्रीय राइफल्‍स की टीम मौके पर पहुंची. सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों तरफ से गोलियां बरस रही थीं. जिसमें मेजर शुभांग के कंधे में एक गोली लगी. इसके बावजूद उन्‍होंने अदम्‍य साहस दिखाते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया.

सेना ने मेजर शुभांग के प्रशस्ति पत्र में लिखा है कि मेजर और आतंकी के बीच की दूरी 10 मीटर भी नहीं थी. दूसरा आतंकी लगातार सैनिकों पर गोली चला रहा था. मेजर शुभांग घायल हालत में रेंगते हुए उसकी तरफ बढ़े. मेजर शुभांग के मूवमेंट ने उस आतंकी को पास के एक घर में शरण लेने पर मजबूर कर दिया. चारों तरफ से घिर चुके इस आतंकी को भी सेना ने ढेर कर दिया. मेजर शुभांग बुरी तरह घायल थे, इसके बावजूद वह अपने घायल साथियों को वहां से निकालने में लगे रहे. उन्‍हें सबसे आखिर में रेस्‍क्‍यू किया गया.

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