प्रयागराज: प्रयागराज के संगम तट पर लगा महाकुंभ हर किसी को अपनी तरफ खींच रहा है. क्या वृद्ध, क्या जवान और क्या बच्चे, हर कोई पुण्य की डुबकी लगाकर संतों का आशीर्वाद लेने पहुंच रहा है. तेरह अखाड़ों के अलावा देश भर से साधु-संत और तमाम संगठन संगम की रेती पर जमे हुए हैं. इन संगठनों के अलग-अलग उद्देश्य हैं. इसमें एक देवसेना भी है. देवसेना महाकुंभ में सनातन धर्मियों को शास्त्र के साथ शस्त्र की शिक्षा भी दे रही है. इतना ही नहीं, सनातन धर्म से जुड़े लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि देवी-देवताओं के हाथों में ऐसे ही शस्त्र नहीं हैं. हर हिंदू का कर्तव्य और अधिकार है कि वह शस्त्र रखे. इसी अधिकार और कर्तव्य के साथ देवसेना लोगों तक शस्त्र पहुंचा रही है.
झूंसी में लगा है देवसेना का शिविर: देवसेना एक हिंदूवादी संगठन है, जो हरियाणा और पंजाब में एक्टिव है. कुंभ के महापर्व के मौके पर देवसेना ने अपना एक शिविर कुंभ के झूंसी छोर पर लगा रखा है. इस शिविर का मकसद कुंभ में आने वाले सनातनियों को सनातन धर्म में शास्त्र के साथ शस्त्र के महत्व को बताना है. इसके लिए बाकायदा शिविर के बाहर टेबल पर कृपाण, तलवार, भाला, कुल्हाड़ी और तमाम वह अस्त्र-शस्त्र रखे हुए हैं, जो हिंदू देवी-देवता धारण किए दिखते हैं.
हिंदू राष्ट्र की मांग: कुंभ में इस तरह के अनोखे शिविर के बारे में देवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण सैनी कहते हैं, हम हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं. यह आंदोलन जोर पकड़ रहा है और हर कोई हिंदू राष्ट्र मांग रहा है. लेकिन हिंदू और राष्ट्र ऐसे ही तैयार नहीं होंगे. उसके लिए हमें अपनी पौराणिक बातों को ध्यान में रखना होगा. जिस तरह से सनातन धर्म में शास्त्र का महत्व है, वैसे ही अस्त्र-शस्त्र का महत्व है. यह बात सभी को समझनी होगी, क्योंकि हमारे देवी-देवता हाथों में शस्त्र ऐसे ही नहीं हैं, उसके पीछे वजह यही है कि अपने धर्म और अपने आध्यात्म की रक्षा करना. यही बात हम हर किसी को समझाना चाह रहे हैं और कुंभ इससे अच्छा स्थान हो ही नहीं सकता. यहां दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. युवाओं की टोलियां आ रही हैं. हम यही चाहते हैं कि हर कोई यह बात समझ जाए कि हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग के साथ ही अपने धर्म की रक्षा करने के लिए शस्त्र रखना अनिवार्य है.
पूरे देश में 20 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता: उन्होंने कहा कि यह शस्त्र कहीं से भी गलत नहीं है. उन्होंने बताया कि हमारी संस्था बाकायदा सरकार के नियमों के अधीन रजिस्टर्ड है और हम शस्त्र रखने वालों को अपने संस्था का आई कार्ड प्रोवाइड करते हैं. इसके लिए करना कुछ नहीं होता, एक आधार कार्ड और दो तस्वीरों के साथ पासपोर्ट साइज कोई भी हमारे शिविर में आकर इसे ज्वाइन कर सकता है. अभी तक हमने कुंभ में सैकड़ों लोगों को ज्वाइन करवाया और पूरे भारत में हमारे लगभग 20000 से ज्यादा कार्यकर्ता कम कर रहे हैं. हमारा मकसद यही है कि लोगों तक ज्यादा से ज्यादा शास्त्र और शस्त्र दोनों का ज्ञान पहुंचे. हर हिंदू इस बात को लेकर जागरूक हो कि हमारे अधिकारों में शस्त्र रखना है, इसी वजह से हम लोगों को यह बांट भी रहे हैं और कुंभ खत्म होने के बाद इसका प्रशिक्षण शिविर भी हम आयोजित करेंगे ताकि इसे चलाना और इसे सही तरीके से रखना भी लोगों को पता चल सके.
शिविर में संत भी पहुंच रहे: सबसे बड़ी बात यह है कि शिविर में अलग-अलग तरह के अस्त्र-शस्त्र के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए लोगों की भीड़ भी जुट रही है. युवाओं के साथ संतों का भी जमावड़ा लग रहा है और संत शस्त्र ले भी रहे हैं. एक संत ने कहा कि हमें शस्त्र से दूर किया गया. अन्य धर्म के लोग अपने घरों में शस्त्र रखते हैं, लेकिन हमें शास्त्र में ही उलझ कर रख दिया गया. इसलिए यह जरूरी है कि कुंभ के जरिए सनातन धर्म से जुड़े लोगों को अस्त्र-शस्त्र का भी ज्ञान मिले और यह पहला बिल्कुल अच्छी है.