लखनऊ : आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के उद्देश्य से शासन ने सीएमओ, एसीएमओ तथा डिप्टी सीएमओ को भी सप्ताह में तीन दिन मरीजों को देखकर इलाज करने का निर्देश दिया है. वे सप्ताह में तीन दिन दो-दो घंटे ओपीडी में मरीजों को देखेंगे. महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा रतन पाल सिंह की ओर से निर्देश दिए गए हैं. चिकित्साधिकारी को इसका कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं.
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ रतन पाल सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिस तरह से प्रदेश में चिकित्सकों की कमी है, उनको पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से चिकित्सकों की नियुक्ति कर रही है. साथ में सभी जिलों के सीएमओ को सूचित किया गया है कि वह भी मरीज को सप्ताह में तीन दिन देखें. उन्होंने कहा कि सीएमओ के पद पर जो भी व्यक्ति तैनात हैं, सब अपने क्षेत्र के महारथी हैं. किसी न किसी विभाग से जुड़े हुए हैं. विशेषज्ञ हैं. ऐसे में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है कि निर्देशों का पालन कराया जाएगा. मरीज देखने की समय-सारिणी बनवाई जा रही है. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में सीएमओ से लेकर एडिशनल सीएमओ, डिप्टी सीएमओ, एसआईसी, सीएमएस सहित बहुत से ऐसे पद हैं, जिनको संभालने वाले अधिकारी किसी न किसी विधा के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं, लेकिन शासन के आदेश के बाद भी वो ओपीडी में सेवा नहीं दे रहे हैं, जबकि शासन स्तर से सभी विशेषज्ञ अधिकारियों को सप्ताह में तीन दिन दो-दो घंटे ओपीडी में मरीजों को देखने का निर्देश है. सभी अधिकारियों को सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी का हवाला देते हुए सप्ताह में तीन दिन 2 घंटे ओपीडी करने का निर्देश 15 जून 2021 को जारी किया गया था. इसके बाद कुछ दिनों तक तो जिले में अधिकारी अस्पतालों में गए और मरीजों को देखा. लेकिन, पिछले एक साल से अधिक समय से इस आदेश का अनुपालन होता नहीं दिख रहा है. सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी को दूर करने के लिए महानिदेशक की ओर से निर्देश दिए गए हैं.