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राजकीय मेडिकल कॉलेज को लेकर सियासत, पूर्व विधायक ने खोला मोर्चा, जानिए क्या है मामला

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Published : Jul 2, 2023, 6:04 PM IST

Updated : Jul 2, 2023, 10:22 PM IST

चंदौली में बनने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज (Politics on medical college in Chandauli ) का नाम बदलना और इसे स्वशासी करने का पूर्व विधायक विरोध जता रहे हैं. उन्होंने थाने में तहरीर दी है.

पूर्व विधायक ने मोर्चा खोल दिया है.
पूर्व विधायक ने मोर्चा खोल दिया है.
पूर्व विधायक ने मोर्चा खोल दिया है.

चंदौली : जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज को लेकर सियासत शुरू हो गई है. पूर्व विधायक व सपा नेता मनोज सिंह डबलू नौबतपुर में बन रहे राजकीय मेडिकल कालेज पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मेडिकल कालेज के स्वशासी किए जाने का आरोप लगाया. कहा कि निर्माण स्थल पर राजकीय मेडिकल कॉलेज का बोर्ड लगाकर जिला प्रशासन जनता को भ्रमित कर रहा है. कागजों में इसके नाम में स्वशासी जोड़ा गया है, यानि इसे पीपीपी मॉडल पर चलाने की सरकारी व प्रशासनिक योजना है. उन्होंने मेडिकल कालेज की नोडल प्रधानाचार्य पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. पूर्व विधायक ने थाने में तहरीर भी दी है.

मेडिकल कॉलेज का बोर्ड.
मेडिकल कॉलेज का बोर्ड.

नाम के साथ बदला मेडिकल कॉलेज का स्थान : दरअसल, बीजेपी मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर 9 साल बेमिसाल के तहत कार्यक्रम कर रही है. वहीं पूर्व विधायक व सपा नेता मनोज सिंह डबलू इसके खिलाफ अभियान चला रहे हैं. पूर्व विधायक ने सैयदराजा थाने में बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कालेज की नोडल प्रधानाचार्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने चंदौली मेडिकल कालेज का स्थान बदलकर माधोपुर से नौबतपुर करने के साथ ही उसका नाम बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कालेज कर दिया है. मतलब इसके संचालन से शासन का कोई लेना-देना नहीं रहेगा.

गरीबों का सपना रह जाएगा अधूरा : पूर्व विधायक ने कहा कि चंदौली के छात्रों का दाखिला होगा तो उन्हें 10 से 20 हजार की जगह 20 लाख तक फीस देनी होगी. वहीं पीपीपी माडल पर संचालन के साथ ही यह फीस करोड़ों तक पहुंच जाएगी, यानी मेडिकल कालेज में चंदौली के गरीबों के पढ़ने का सपना अधूरा रह जाएगा. चंदौली के विकास पुरुष पंडित कमलापति त्रिपाठी के नाम से जिला अस्पताल का संचालन होता था, जिसे बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कालेज में समाहित कर दिया गया है, यानी अब उनका नाम भी मिटा दिया गया है.

पूर्व विधायक सैयदराजा विधायक और सांसद महेंद्र पांडेय पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका जनहित से जुड़े इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है. पूर्व विधायक ने चंदौली के सम्मान की लड़ाई में सहयोग के लिए संघर्षशील अधिवक्ता साथियों व आमजन का भी सहयोग मांगा. वहीं मेडिकल कॉलेज की नोडल प्राचार्य उर्मिला सिंह ने शासन से जुड़ा मामला बताते हुए टिप्पणी से इंकार कर दिया.

सपा सरकार में पास हुआ था मेडिकल कॉलेज : गौरतलब है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज चन्दौली का शिलान्यास समाजवादी पार्टी की सरकार में 2016 में हुआ था. इसे माधोपुर में बनाया जाना था. इसके लिए प्रथम किस्त भी स्वीकृत हो गई थी. 2017 में सरकार बदलने के बाद मेडिकल कॉलेज ठंडे बस्ते में चला गया. यहीं नहीं मेडिकल कॉलेज चन्दौली का धन मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज के लिए ट्रांसफर हो गया. हालांकि बाद में 2021 में दोबारा राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास सीएम योगी ने किया. 2024 लोकसभा चुनाव से पूर्व इसका लोकार्पण होना है. अब इसके राजकीय और स्वशासी को लेकर सियासत शुरू हो गई है.

यह भी पढ़ें : आज नहीं तो कल पीओके भारत का अभिन्न अंग होगा: केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे

पूर्व विधायक ने मोर्चा खोल दिया है.

चंदौली : जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज को लेकर सियासत शुरू हो गई है. पूर्व विधायक व सपा नेता मनोज सिंह डबलू नौबतपुर में बन रहे राजकीय मेडिकल कालेज पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मेडिकल कालेज के स्वशासी किए जाने का आरोप लगाया. कहा कि निर्माण स्थल पर राजकीय मेडिकल कॉलेज का बोर्ड लगाकर जिला प्रशासन जनता को भ्रमित कर रहा है. कागजों में इसके नाम में स्वशासी जोड़ा गया है, यानि इसे पीपीपी मॉडल पर चलाने की सरकारी व प्रशासनिक योजना है. उन्होंने मेडिकल कालेज की नोडल प्रधानाचार्य पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. पूर्व विधायक ने थाने में तहरीर भी दी है.

मेडिकल कॉलेज का बोर्ड.
मेडिकल कॉलेज का बोर्ड.

नाम के साथ बदला मेडिकल कॉलेज का स्थान : दरअसल, बीजेपी मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर 9 साल बेमिसाल के तहत कार्यक्रम कर रही है. वहीं पूर्व विधायक व सपा नेता मनोज सिंह डबलू इसके खिलाफ अभियान चला रहे हैं. पूर्व विधायक ने सैयदराजा थाने में बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कालेज की नोडल प्रधानाचार्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने चंदौली मेडिकल कालेज का स्थान बदलकर माधोपुर से नौबतपुर करने के साथ ही उसका नाम बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कालेज कर दिया है. मतलब इसके संचालन से शासन का कोई लेना-देना नहीं रहेगा.

गरीबों का सपना रह जाएगा अधूरा : पूर्व विधायक ने कहा कि चंदौली के छात्रों का दाखिला होगा तो उन्हें 10 से 20 हजार की जगह 20 लाख तक फीस देनी होगी. वहीं पीपीपी माडल पर संचालन के साथ ही यह फीस करोड़ों तक पहुंच जाएगी, यानी मेडिकल कालेज में चंदौली के गरीबों के पढ़ने का सपना अधूरा रह जाएगा. चंदौली के विकास पुरुष पंडित कमलापति त्रिपाठी के नाम से जिला अस्पताल का संचालन होता था, जिसे बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कालेज में समाहित कर दिया गया है, यानी अब उनका नाम भी मिटा दिया गया है.

पूर्व विधायक सैयदराजा विधायक और सांसद महेंद्र पांडेय पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका जनहित से जुड़े इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है. पूर्व विधायक ने चंदौली के सम्मान की लड़ाई में सहयोग के लिए संघर्षशील अधिवक्ता साथियों व आमजन का भी सहयोग मांगा. वहीं मेडिकल कॉलेज की नोडल प्राचार्य उर्मिला सिंह ने शासन से जुड़ा मामला बताते हुए टिप्पणी से इंकार कर दिया.

सपा सरकार में पास हुआ था मेडिकल कॉलेज : गौरतलब है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज चन्दौली का शिलान्यास समाजवादी पार्टी की सरकार में 2016 में हुआ था. इसे माधोपुर में बनाया जाना था. इसके लिए प्रथम किस्त भी स्वीकृत हो गई थी. 2017 में सरकार बदलने के बाद मेडिकल कॉलेज ठंडे बस्ते में चला गया. यहीं नहीं मेडिकल कॉलेज चन्दौली का धन मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज के लिए ट्रांसफर हो गया. हालांकि बाद में 2021 में दोबारा राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास सीएम योगी ने किया. 2024 लोकसभा चुनाव से पूर्व इसका लोकार्पण होना है. अब इसके राजकीय और स्वशासी को लेकर सियासत शुरू हो गई है.

यह भी पढ़ें : आज नहीं तो कल पीओके भारत का अभिन्न अंग होगा: केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे

Last Updated : Jul 2, 2023, 10:22 PM IST
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