चंदौलीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में शामिल होने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों के दल में जोश भरने के इरादे से मंगलवार को 15 खिलाड़ियों और उनके परिजनों से बातचीत की. टोक्यो ओलंपिक के भारतीय दल में चंदौली के हिंगुटरगढ़ निवासी जेवलिन थ्रोअर शिवपाल सिंह भी शामिल हैं. परिजनों के साथ ही ग्रामीणों ने भी प्रधानमंत्री के उद्बोधन को ध्यान पूर्वक सुना. हालांकि उनके पिता प्रधानमंत्री से बात न होने के बावजूद उत्साहित नजर आए और शिवपाल के स्वर्ण पदक जीतकर चंदौली का नाम रोशन करने का दावा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में शामिल होने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों से संवाद किया. ये बैठक वर्चुअली तरीके (Virtual Meeting) से हुई. उन्होंने ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए जीत का मंत्र दिया. कहा कि पूरा देश आपके साथ खड़ा है. उन्होंने कहा कि ओलंपिक में अपेक्षाओं के बोझ तले दबने की जरुरत नहीं है. बस आपको निर्भीक होकर खेलने की जरुरत है. पदक जीतने के मुकाम में आपको निश्चित ही सफलता मिलेगी.
चंदौली निवासी जेवलिन थ्रोअर शिवपाल सिंह के पिता ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री से रूबरू न हो पाने का उन्हें कोई मलाल नहीं है. उन्होंने जिस तरह से खिलाड़ियों और उनके परिजन को प्रोत्साहित किया है. निश्चित तौर पर वह सभी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी. उन्हें उम्मीद है कि इस बार टोक्यो ओलंपिक में शिवपाल गोल्ड मेडल जीतकर न सिर्फ गांव और जिले बल्कि देश का नाम भी रौशन करेंगे.
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शिवपाल सिंह के प्राथमिक शिक्षा के गुरु रामप्रवेश सिंह ने कहा कि शिवपाल के अंदर बचपन से ही स्पोर्ट पर्सन के सारे गुण मौजूद थे. उनकी कदकाठी, उठना, बैठना, चलना एक अच्छे खिलाड़ी के गुण दिखते थे. उन्होंने बचपन में ही उनके पिता को सलाह देते हुए भविष्यवाणी की थी. शिक्षा के क्षेत्र में भले ही आपका बेटा आगे न जाए, लेकिन यह अच्छा खिलाड़ी जरूर बनेगा. उन्होंने कहा कि ओलंपिक में टिकट फाइनल हुआ है. वह हमारी सोच और अपेक्षाओं से भी परे है. उम्मीद है कि शिवपाल देश के लिए खेलेंगे और गोल्ड जरूर जीतकर आएंगे.
बता दें कि शिवपाल और उनके छोटे भाई नंदकिशोर का बचपन से ही खेल में जाने का सपना रहा है. शिवपाल के चाचा जगमोहन भी जैवलिन के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं जो नेवी में तैनात हैं. शिवपाल की प्रतिभा को देखते हुए उनके चाचा जगमोहन 13 साल की अवस्था में ही उन्हें अपने साथ दिल्ली ले आए और जेवलिन थ्रोअर की ट्रेनिंग दिलाई. स्पोर्ट्स कोटे से ही शिवपाल एयरफोर्स में भर्ती हुए. वर्ष 2018 में एशियन गेम्स, वर्ष 2019 में नेशनल फेडरेशन कप एथलेटिक चैंपियनशिप सहित वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने उन्हें लक्ष्मण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. 85.47 मीटर भाला फेंककर उन्होंने ओलंपिक का टिकट पक्का किया है.