चंदौली: जिले में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का मकसद सोनभद्र, चंदौली और वाराणसी के जिला कौशल विकास समितियों की क्षमता बढ़ाना था. इन तीनों जिले के डिस्ट्रिक्ट स्किल डेवलपमेंट कमेटी से जुड़े अधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लिया.
एमएसडीई के सचिव डॉ. के.पी. कृष्णन ने बताया कि स्थानीय जरुरत के हिसाब से युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने की रुपरेखा तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि जरुरत के मुताबिक प्रशिक्षण देकर 75 से 80 फीसदी युवाओं को रोजगार से जोड़ने पर काम चल रहा है.
एक दिवसीय कार्यशाला की मुख्य बातें
- सबसे पहले यूपी और महाराष्ट्र में कौशल विकास पर काम शुरू हुआ.
- अब देश के पांच राज्यों के 27 जिले इस योजना में शामिल हैं.
- यूपी के 9 जिले गोरखपुर, कुशीनगर, फतेहपुर, मेरठ, झांसी, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, चंदौली और वाराणसी शामिल हैं.
- उपरोक्त जिलों में जरुरत के हिसाब से योजनाएं तैयार की जा रही हैं.
इसके अलावा महात्मा गांधी नेशनल फेलोशिप प्रोग्राम के तहत यूपी के 15 जिलों का चयन किया गया है. इसमें 9 जिलों के अलावा उन्नाव, बहराइच, हरदोई, बाराबंकी, अयोध्या और कानपुर नगर शामिल हैं. इसमें युवा फेलो को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट बेंगलुरु से डिस्ट्रिक्ट स्किल डेवलपमेंट कमेटी का काम करवाने के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा. एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अच्छे काम करने वाले जिलों में जिला स्किल कमेटी के लोगों को भेजा जायेगा. इस कार्यक्रम को विश्व बैंक स्पॉन्सर कर रहा है. कौशल विकास मंत्रालय की ओर से जिलों में इस तरह की देश में चौथी और यूपी में लखनऊ के बाद दूसरी वर्कशॉप है.