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जन्मदिन पर बसपा सुप्रीमो मायावती को मिली 'सुप्रीम' राहत, मूर्तियों की स्थापना को लेकर दायर PIL का निपटारा - BSP SUPREME MAYAWATI

सुप्रीम कोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ दायर जनहित याचिका का किया निपटारा, मूर्तियों की स्थापना को लेकर जांच की मांग की गई थी

बसपा सुप्रीमो मायवती
बसपा सुप्रीमो मायवती (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 10:21 PM IST

Updated : Jan 15, 2025, 10:33 PM IST

नई दिल्लीः पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो को सुप्रीम कोर्ट ने जन्मदिन पर बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें मुख्यमंत्री रहते हुए 2009 में सरकारी बजट से हाथियों की मूर्ति स्थापित करने और व्यक्तिगत महिमामंडन पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च की जांच के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने अधिवक्ता रविकांत और सुकुमार द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी भी की.

पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) पहले ही इस मुद्दे पर दिशानिर्देश जारी कर चुका है और मूर्तियों की स्थापना पर रोक नहीं लगाई जा सकती. क्योंकि वे पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं. पीठ ने कहा कि याचिका में की गई अधिकतर प्रार्थनाएं निरर्थक हो गई हैं.

2000 करोड़ सरकारी धन खर्च करने का आरोपः अधिवक्ता रविकांत और सुकुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने 2008-09 और 2009-10 में उनकी मूर्तियां और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियों को अलग-अलग स्थानों स्थापित करने के लिए राज्य के बजट से लगभग 2,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया गया था. याचिका में दावा किया गया कि 52.2 करोड़ रुपये की लागत से 60 हाथियों की मूर्तियों की स्थापना न केवल सार्वजनिक धन की बर्बादी है, बल्कि चुनाव आयोग द्वारा जारी परिपत्रों के विपरीत भी है.

मायावती ने बचाव में सुप्रीम कोर्ट में दी थी दलील
बता दें कि मायावती ने 2 अप्रैल 2019 को अपने फैसले को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान 'जनता की इच्छा' थी कि विभिन्न स्थानों पर उनकी और बीएसपी के चुनावी प्रतीक की मूर्तियां स्थापित की जाएं. इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट में दलील दी थी कि कांग्रेस ने भी अपने नेताओं की मूर्तियां स्थापित की थीं. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव की मूर्तियां देशभर में लगाई गई थीं. हाल ही में गुजरात में स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल भी शामिल है, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के रूप में जाना जाता है.

इसे भी पढ़ें-बर्थडे पर BSP सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी, कांग्रेस, सपा-आप को घेरा, बोलीं-सभी दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे

नई दिल्लीः पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो को सुप्रीम कोर्ट ने जन्मदिन पर बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें मुख्यमंत्री रहते हुए 2009 में सरकारी बजट से हाथियों की मूर्ति स्थापित करने और व्यक्तिगत महिमामंडन पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च की जांच के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने अधिवक्ता रविकांत और सुकुमार द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी भी की.

पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) पहले ही इस मुद्दे पर दिशानिर्देश जारी कर चुका है और मूर्तियों की स्थापना पर रोक नहीं लगाई जा सकती. क्योंकि वे पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं. पीठ ने कहा कि याचिका में की गई अधिकतर प्रार्थनाएं निरर्थक हो गई हैं.

2000 करोड़ सरकारी धन खर्च करने का आरोपः अधिवक्ता रविकांत और सुकुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने 2008-09 और 2009-10 में उनकी मूर्तियां और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियों को अलग-अलग स्थानों स्थापित करने के लिए राज्य के बजट से लगभग 2,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया गया था. याचिका में दावा किया गया कि 52.2 करोड़ रुपये की लागत से 60 हाथियों की मूर्तियों की स्थापना न केवल सार्वजनिक धन की बर्बादी है, बल्कि चुनाव आयोग द्वारा जारी परिपत्रों के विपरीत भी है.

मायावती ने बचाव में सुप्रीम कोर्ट में दी थी दलील
बता दें कि मायावती ने 2 अप्रैल 2019 को अपने फैसले को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान 'जनता की इच्छा' थी कि विभिन्न स्थानों पर उनकी और बीएसपी के चुनावी प्रतीक की मूर्तियां स्थापित की जाएं. इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट में दलील दी थी कि कांग्रेस ने भी अपने नेताओं की मूर्तियां स्थापित की थीं. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव की मूर्तियां देशभर में लगाई गई थीं. हाल ही में गुजरात में स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल भी शामिल है, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के रूप में जाना जाता है.

इसे भी पढ़ें-बर्थडे पर BSP सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी, कांग्रेस, सपा-आप को घेरा, बोलीं-सभी दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे

Last Updated : Jan 15, 2025, 10:33 PM IST
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