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बौद्ध विहार को संरक्षित करने के लिए किसान न्याय मोर्चा ने किया प्रदर्शन

चंदौली में बौद्ध विहार को संरक्षित करने के लिए किसान न्याय मोर्चा ने मार्च निकालकर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही संगठन ने फ्रेट विलेज परियोजना के विस्तारीकरण का भी विरोध जताया. किसानों ने अपनी मांग पूर न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.

बौद्ध विहार को संरक्षित पर किसान न्याय मोर्चा का प्रदर्शन
बौद्ध विहार को संरक्षित पर किसान न्याय मोर्चा का प्रदर्शन
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Published : Dec 13, 2022, 9:17 PM IST

चन्दौली: फ्रेट विलेज परियोजना (Freight Village Project) के तहत किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसान न्याय मोर्चा ने जिला मुख्यालय पर मार्च निकालकर विरोध जताया. जिसके बाद जिलाधिकारी से मिलकर अधिग्रहण की जद में आ रहे बौद्ध विहार के संरक्षण की मांग की. साथ ही इस परियोजना में बदलाव किए जाने की मांग भी की. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांगों को न माने जाने की स्थिति में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. बता दें कि इस फ्रेट विलेज का इस्तेमाल वाराणसी स्थित बंदरगाह के विस्तारीकरण(Expansion of Banaras Port) के लिए जाना है. जो कि पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.

बौद्ध विहार को संरक्षित पर किसान न्याय मोर्चा का प्रदर्शन

दरअसल, तथागत विहार चेरिटेबल ट्रस्ट के साथ मिल्कीपुर व ताहिरपुर के किसानों ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर पैदल मार्च निकाला. इस दौरान भ्रमण करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. वहां जिला प्रशासन व सरकार के विरोध में नारेबाजी की. आरोप लगाया कि फ्रेट विलेज निर्माण के नाम पर प्रशासन अवैध तरीके से भूमि अधिग्रहण करने की फिराक में है. पीपीपी मॉडल पर बनाए जा रहे बंदरगाह व उसके स्टोर के किसानों व तथागत विहार की जमीन को जबरन लेने का प्रयास पूर्णतया असंवैधानिक है.


किसान न्याय मोर्चा के संयोजक व लीगल एडवाइजर महेंद्र यादव ने कहा कि 2019 में अधिग्रहण को लेकर हुई बैठक में 70 से 80 प्रतिशत किसानों ने अपनी सहमति नहीं दी. बीते 29 अक्टूबर 2022 को अधिग्रहण को लेकर आपत्ति मांगी गई. इस पर तथागत विहार व किसानों की ओर से 60 दिन के अंदर आपत्ति दी गई. बावजूद इसके अधिग्रहण कार्यवाही को स्थगित नहीं किया गया. जबकि अधिग्रहण के लिए 70 से 80 प्रतिशत किसानों की सहमति होना अनिवार्य है. उन्होंने जिलाधिकारी से पत्रक में मांग की जिला प्रशासन को अवगत कराया जाए, ताकि इस योजना को सरकार वापस ले सके.



मोतीलाल शास्त्री ने कहा कि तथागत विहार चैरिटेबल ट्रस्ट मिल्कीपुर चंदौली में गंगा के तट पर 5 एकड़ में फैला है. इसके अंदर गौतम बुद्ध की प्रतिमा के साथ ही अशोक स्तम्भ, मेडिटेशन सेंटर व कार्यालय स्थित है. इसके अलावा इस कैंपस में एक हजार से ज्यादा औषधीय व बेशकीमती वृक्ष हैं. जो पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. प्रतिदिन पूर्वांचल के विभिन्न इलाकों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है. यहां प्रतिदिनि धम्म देशना व विपश्यना होता है. ऐसे में फ्रेट विलेज योजना अंतर्गत जल प्राधिकरण बंदरगाह के लिए अधिग्रहण की कार्रवाई मिल्कीपुर व ताहिरपुर के किसान व परिवारों को प्रभावित करना अनुचित है. शासन प्रशासन धार्मिक भावना को आहत करता है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: ललितपुर चिटफंड कंपनी के सरगना गैंग के खिलाफ ओबीसी महासभा का प्रदर्शन

चन्दौली: फ्रेट विलेज परियोजना (Freight Village Project) के तहत किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसान न्याय मोर्चा ने जिला मुख्यालय पर मार्च निकालकर विरोध जताया. जिसके बाद जिलाधिकारी से मिलकर अधिग्रहण की जद में आ रहे बौद्ध विहार के संरक्षण की मांग की. साथ ही इस परियोजना में बदलाव किए जाने की मांग भी की. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांगों को न माने जाने की स्थिति में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. बता दें कि इस फ्रेट विलेज का इस्तेमाल वाराणसी स्थित बंदरगाह के विस्तारीकरण(Expansion of Banaras Port) के लिए जाना है. जो कि पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है.

बौद्ध विहार को संरक्षित पर किसान न्याय मोर्चा का प्रदर्शन

दरअसल, तथागत विहार चेरिटेबल ट्रस्ट के साथ मिल्कीपुर व ताहिरपुर के किसानों ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर पैदल मार्च निकाला. इस दौरान भ्रमण करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. वहां जिला प्रशासन व सरकार के विरोध में नारेबाजी की. आरोप लगाया कि फ्रेट विलेज निर्माण के नाम पर प्रशासन अवैध तरीके से भूमि अधिग्रहण करने की फिराक में है. पीपीपी मॉडल पर बनाए जा रहे बंदरगाह व उसके स्टोर के किसानों व तथागत विहार की जमीन को जबरन लेने का प्रयास पूर्णतया असंवैधानिक है.


किसान न्याय मोर्चा के संयोजक व लीगल एडवाइजर महेंद्र यादव ने कहा कि 2019 में अधिग्रहण को लेकर हुई बैठक में 70 से 80 प्रतिशत किसानों ने अपनी सहमति नहीं दी. बीते 29 अक्टूबर 2022 को अधिग्रहण को लेकर आपत्ति मांगी गई. इस पर तथागत विहार व किसानों की ओर से 60 दिन के अंदर आपत्ति दी गई. बावजूद इसके अधिग्रहण कार्यवाही को स्थगित नहीं किया गया. जबकि अधिग्रहण के लिए 70 से 80 प्रतिशत किसानों की सहमति होना अनिवार्य है. उन्होंने जिलाधिकारी से पत्रक में मांग की जिला प्रशासन को अवगत कराया जाए, ताकि इस योजना को सरकार वापस ले सके.



मोतीलाल शास्त्री ने कहा कि तथागत विहार चैरिटेबल ट्रस्ट मिल्कीपुर चंदौली में गंगा के तट पर 5 एकड़ में फैला है. इसके अंदर गौतम बुद्ध की प्रतिमा के साथ ही अशोक स्तम्भ, मेडिटेशन सेंटर व कार्यालय स्थित है. इसके अलावा इस कैंपस में एक हजार से ज्यादा औषधीय व बेशकीमती वृक्ष हैं. जो पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. प्रतिदिन पूर्वांचल के विभिन्न इलाकों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है. यहां प्रतिदिनि धम्म देशना व विपश्यना होता है. ऐसे में फ्रेट विलेज योजना अंतर्गत जल प्राधिकरण बंदरगाह के लिए अधिग्रहण की कार्रवाई मिल्कीपुर व ताहिरपुर के किसान व परिवारों को प्रभावित करना अनुचित है. शासन प्रशासन धार्मिक भावना को आहत करता है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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