ETV Bharat / state

जल्द दौड़ेगी DFCC रेल कॉरिडोर पर मालगाड़ी, इलेक्ट्रिक इंजन का हुआ ट्रायल

author img

By

Published : Apr 1, 2021, 2:41 AM IST

चंदौली में डीएफसीसी (DFCC) रेल कॉरिडोर के ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल किया है. यह ट्रायल पीडीडीयू मंडल के गंजख्वाजा स्टेशन से बिहार के चिरैला पाथुर तक किया गया, जो सफल रहा. अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही DFCC रेल कॉरिडोर पर मालगाड़ी दौड़ेगी.

डीएफसीसी रेल कॉरिडोर पर मालगाड़ी.
डीएफसीसी रेल कॉरिडोर पर मालगाड़ी.

चंदौलीः बहुप्रतीक्षित डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर (DFCC) ने अपनी सफलता में एक और कदम बढ़ाया है. बुधवार को डीएफसीसी के ट्रैक पर पहला इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ा. 12 हजार हार्स पावर के स्वदेशी अत्याधुनिक इंजन से पीडीडीयू मंडल के गंजख्वाजा स्टेशन से बिहार के चिरैला पाथुर तक ट्रायल किया गया. देश के शक्तिशाली इंजन डब्ल्यूएजी-12 को 50 की स्पीड में चलाया गया. इस दौरान ट्रैक पर आने वाली खामियों की जांच की गई. साथ ही भविष्य की कार्य योजना तैयार की गई. अब उम्मीद है कि जल्द ही गंजख्वाजा के चिरैला पाथुर तक डीएफसीसी के ट्रैक पर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू होगा.

मालगाड़ी में इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सफल.
DFCC रेल कॉरिडोर के ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सफल.

121 किलोमीटर ट्रेन चलाकर किया ट्रायल

मालगाड़ियों के परिचालन में किसी तरह की रूकावट न हो, इसके लिए डीएफसीसी एक अलग रेल लाइन तैयार कर रहा है. यहां तक की मालगाड़ियों के ठहराव के लिए मंडल में 10 से अधिक न्यू स्टेशन का भी निर्माण कराया जा रहा है. इसी क्रम में गंजख्वाजा से चिरैला पाथुर तक 121 किलोमीटर लम्बा डीएफसीसी का ट्रैक तैयार हो गया है. यहां तक की इस ट्रैक का पूरी तरह से विद्युतीकरण भी कर दिया गया है. इसी व्यवस्था का जायजा लेने के लिए इलेक्ट्रिक इंजन को चलाया गया.

डीएफसीसी टीम रही सवार

महाप्रबंधक समन्वय पूर्वी कॉरिडोर, डीएफसीसी अजीत कुमार मिश्रा ने नारियल फोड़कर पूजा की. इसके बाद गंजख्वाजा स्टेशन अधीक्षक एनके सिंह ने हरी झंडी दिखाकर इंजन को रवाना किया. इंजन पर डीएफसीसी की टीम भी सवार थी. 12 हजार हार्स पावर के स्वदेशी इंजन से रेल लाइन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया. संतोषजनक रहा कि गंजख्वाजा से चिरैला पाथुर तक इंजन के परिचालन में कोई कमी नहीं मिली. टीम में परियोजना प्रबंधक इंजीनियरिंग राकेश बाबू, उप परियोजना प्रबंधक यातायात राजेश कुमार प्रसाद, उप परियोजना प्रबंधक इंजीनियरिंग सुमित कुमार, परियोजना प्रबंधक विद्युत एसके पाल शामिल रहे.

इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल.
हरी झंडी दिखाते महाप्रबंधक समन्वय पूर्वी कारिडोर अजीत मिश्रा.

टॉवर वैगन से जांची जा चुकी है व्यवस्था

बता दें कि डीएफसीसी के ट्रैक पर देश के शक्तिशाली इंजन को चलाने से पहले टॉवर वैगन से व्यवस्था जांची जा चुकी है. 21 व 27 मार्च को दो बार में टॉवर वैगन को चलाया गया था. इस दौरान ट्रैक के विद्युतीकरण, सिग्नल सहित अन्य बिंदुओं की पड़ताल की गई थी. अब इलेक्ट्रिक इंजन को चलाने के बाद जल्द ही मालगाड़ियों का परिचालन भी शुरू होगा.

डीएफसीसी के ट्रैक पर इंजन को चलाकर ट्रायल किया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करा दिया जाएगा. जिससे माल ढुलाई में सहूलियत होगी. -अजीत मिश्रा, महाप्रबंधक समन्वय पूर्वी कॉरिडोर, DFCC

चंदौलीः बहुप्रतीक्षित डेडिकेटेड रेल फ्रेट कॉरिडोर (DFCC) ने अपनी सफलता में एक और कदम बढ़ाया है. बुधवार को डीएफसीसी के ट्रैक पर पहला इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ा. 12 हजार हार्स पावर के स्वदेशी अत्याधुनिक इंजन से पीडीडीयू मंडल के गंजख्वाजा स्टेशन से बिहार के चिरैला पाथुर तक ट्रायल किया गया. देश के शक्तिशाली इंजन डब्ल्यूएजी-12 को 50 की स्पीड में चलाया गया. इस दौरान ट्रैक पर आने वाली खामियों की जांच की गई. साथ ही भविष्य की कार्य योजना तैयार की गई. अब उम्मीद है कि जल्द ही गंजख्वाजा के चिरैला पाथुर तक डीएफसीसी के ट्रैक पर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू होगा.

मालगाड़ी में इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सफल.
DFCC रेल कॉरिडोर के ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल सफल.

121 किलोमीटर ट्रेन चलाकर किया ट्रायल

मालगाड़ियों के परिचालन में किसी तरह की रूकावट न हो, इसके लिए डीएफसीसी एक अलग रेल लाइन तैयार कर रहा है. यहां तक की मालगाड़ियों के ठहराव के लिए मंडल में 10 से अधिक न्यू स्टेशन का भी निर्माण कराया जा रहा है. इसी क्रम में गंजख्वाजा से चिरैला पाथुर तक 121 किलोमीटर लम्बा डीएफसीसी का ट्रैक तैयार हो गया है. यहां तक की इस ट्रैक का पूरी तरह से विद्युतीकरण भी कर दिया गया है. इसी व्यवस्था का जायजा लेने के लिए इलेक्ट्रिक इंजन को चलाया गया.

डीएफसीसी टीम रही सवार

महाप्रबंधक समन्वय पूर्वी कॉरिडोर, डीएफसीसी अजीत कुमार मिश्रा ने नारियल फोड़कर पूजा की. इसके बाद गंजख्वाजा स्टेशन अधीक्षक एनके सिंह ने हरी झंडी दिखाकर इंजन को रवाना किया. इंजन पर डीएफसीसी की टीम भी सवार थी. 12 हजार हार्स पावर के स्वदेशी इंजन से रेल लाइन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया. संतोषजनक रहा कि गंजख्वाजा से चिरैला पाथुर तक इंजन के परिचालन में कोई कमी नहीं मिली. टीम में परियोजना प्रबंधक इंजीनियरिंग राकेश बाबू, उप परियोजना प्रबंधक यातायात राजेश कुमार प्रसाद, उप परियोजना प्रबंधक इंजीनियरिंग सुमित कुमार, परियोजना प्रबंधक विद्युत एसके पाल शामिल रहे.

इलेक्ट्रिक इंजन का ट्रायल.
हरी झंडी दिखाते महाप्रबंधक समन्वय पूर्वी कारिडोर अजीत मिश्रा.

टॉवर वैगन से जांची जा चुकी है व्यवस्था

बता दें कि डीएफसीसी के ट्रैक पर देश के शक्तिशाली इंजन को चलाने से पहले टॉवर वैगन से व्यवस्था जांची जा चुकी है. 21 व 27 मार्च को दो बार में टॉवर वैगन को चलाया गया था. इस दौरान ट्रैक के विद्युतीकरण, सिग्नल सहित अन्य बिंदुओं की पड़ताल की गई थी. अब इलेक्ट्रिक इंजन को चलाने के बाद जल्द ही मालगाड़ियों का परिचालन भी शुरू होगा.

डीएफसीसी के ट्रैक पर इंजन को चलाकर ट्रायल किया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करा दिया जाएगा. जिससे माल ढुलाई में सहूलियत होगी. -अजीत मिश्रा, महाप्रबंधक समन्वय पूर्वी कॉरिडोर, DFCC

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.