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चाइनीज सामानों पर प्रतिबंध बना कुम्हारों के लिए संजीवनी - चाइनीज सामानों पर प्रतिबंध

चीन के खिलाफ छेड़ी गई भारत की आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक में हमारे देश के कुम्हार भी योगदान दे रहे हैं. इस दिवाली बाजारों में चीनी आइटम्स नाममात्र के ही नजर आ रहे हैं. वहीं ग्राहक भी रंग-बिरंगे सजावटी सामान खरीद रहे हैं.

मिट्टी के आइटम्स.
मिट्टी के आइटम्स.
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Published : Nov 13, 2020, 1:31 PM IST

चंदौली: कोरोना काल में पड़ने वाली दिवाली के त्योहार पर मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगरों को उम्मीद है कि इस बार उनका बिजनेस चमकेगा. इस दिवाली पर बाजार से चाइनीज लाइटें और मोमबत्तियां गायब हैं. इस कारण से भी मिट्टी के दीये बनाने वालों को उम्मीद जगी है कि इस दिवाली उनके द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीये काफी मात्रा में लोग खरीदेंगे. इसी उम्मीद के सहारे मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगर हर साल की अपेक्षा इस साल ज्यादा दीये बना रहे हैं.

मिट्टी के दीये बनाते कुम्हार.

चाइनीज सामानों पर रोक से बिक्री बढ़ने की उम्मीद

दरअसल, कोरोना की त्रासदी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों का व्यवसाय चौपट हो गया था, लेकिन इस बार की दिवाली से कारीगरों को काफी उम्मीद है. इनका कहना है कि इस दिवाली पर उनका व्यवसाय चमकेगा. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने चाइनीज सामानों की बिक्री पर रोक लगा दी है, जिससे बाजार में चायनीज झालर और मोमबत्तियां नहीं बिक रही हैं.

मिट्टी के दीये.
मिट्टी के दीये.

दोगुना व्यवसाय होने की उम्मीद

ऐसे में जो लोग मिट्टी के दीये लेने से कतराते थे और चायनीज झालरों का इस्तेमाल करते थे, वो लोग भी इस बार दिवाली में मिट्टी के दीयों का उपयोग कर रहे है. इससे उसकी डिमांड बढ़ी है. डिमांड के अनुसार आपूर्ति की जा रही है. इस बार दिवाली तक मिट्टी के दीये और खिलौने का व्यवसाय दोगुना होने की उम्मीद है.

सजावटी आइटम्स.
सजावटी आइटम्स.

परंपरागत तरीके से दिवाली मना रहे लोग

लंबे अर्से से मिट्टी व्यवसाय से जुड़े लाल बहादुर प्रजापति ने बताया कि कोरोना काल में मिट्टी का कारोबार एकदम ठप पड़ गया है, लेकिन इस दौरान इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का काम भी बंद था. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने भी चाइनीज सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे उम्मीद है कि लोग दोबारा परंपरागत तरीके से दीवाली मनाएंगे, जिससे दीयों की बिक्री भी बढ़ेगी. इस बार मिट्टी के बर्तन और मूर्ति का कारोबार करीब दो गुना बढ़ा है.

मिट्टी के दीये.
मिट्टी के दीये.

इस साल नुकसान की बजाय होगा फायदा

युवा कारीगर अमन ने बताया कि सरकार ने चीन के सामानों पर प्रतिबंध लगाया है. उसका सीधा फायदा मिट्टी के कारोबार पर पड़ा है. पिछले साल की तुलना में इस बार बिक्री बढ़ी है, जबकि पिछले सालों में उनका सामान खराब हो जाता था. माल बनने के बाद बिक्री न होने के चलते बच जाता था. इससे हर साल नुकसान होता था. इस बार स्थिति बदली है. व्यापार भी बढ़ा है.

चंदौली: कोरोना काल में पड़ने वाली दिवाली के त्योहार पर मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगरों को उम्मीद है कि इस बार उनका बिजनेस चमकेगा. इस दिवाली पर बाजार से चाइनीज लाइटें और मोमबत्तियां गायब हैं. इस कारण से भी मिट्टी के दीये बनाने वालों को उम्मीद जगी है कि इस दिवाली उनके द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीये काफी मात्रा में लोग खरीदेंगे. इसी उम्मीद के सहारे मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगर हर साल की अपेक्षा इस साल ज्यादा दीये बना रहे हैं.

मिट्टी के दीये बनाते कुम्हार.

चाइनीज सामानों पर रोक से बिक्री बढ़ने की उम्मीद

दरअसल, कोरोना की त्रासदी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों का व्यवसाय चौपट हो गया था, लेकिन इस बार की दिवाली से कारीगरों को काफी उम्मीद है. इनका कहना है कि इस दिवाली पर उनका व्यवसाय चमकेगा. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने चाइनीज सामानों की बिक्री पर रोक लगा दी है, जिससे बाजार में चायनीज झालर और मोमबत्तियां नहीं बिक रही हैं.

मिट्टी के दीये.
मिट्टी के दीये.

दोगुना व्यवसाय होने की उम्मीद

ऐसे में जो लोग मिट्टी के दीये लेने से कतराते थे और चायनीज झालरों का इस्तेमाल करते थे, वो लोग भी इस बार दिवाली में मिट्टी के दीयों का उपयोग कर रहे है. इससे उसकी डिमांड बढ़ी है. डिमांड के अनुसार आपूर्ति की जा रही है. इस बार दिवाली तक मिट्टी के दीये और खिलौने का व्यवसाय दोगुना होने की उम्मीद है.

सजावटी आइटम्स.
सजावटी आइटम्स.

परंपरागत तरीके से दिवाली मना रहे लोग

लंबे अर्से से मिट्टी व्यवसाय से जुड़े लाल बहादुर प्रजापति ने बताया कि कोरोना काल में मिट्टी का कारोबार एकदम ठप पड़ गया है, लेकिन इस दौरान इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का काम भी बंद था. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने भी चाइनीज सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे उम्मीद है कि लोग दोबारा परंपरागत तरीके से दीवाली मनाएंगे, जिससे दीयों की बिक्री भी बढ़ेगी. इस बार मिट्टी के बर्तन और मूर्ति का कारोबार करीब दो गुना बढ़ा है.

मिट्टी के दीये.
मिट्टी के दीये.

इस साल नुकसान की बजाय होगा फायदा

युवा कारीगर अमन ने बताया कि सरकार ने चीन के सामानों पर प्रतिबंध लगाया है. उसका सीधा फायदा मिट्टी के कारोबार पर पड़ा है. पिछले साल की तुलना में इस बार बिक्री बढ़ी है, जबकि पिछले सालों में उनका सामान खराब हो जाता था. माल बनने के बाद बिक्री न होने के चलते बच जाता था. इससे हर साल नुकसान होता था. इस बार स्थिति बदली है. व्यापार भी बढ़ा है.

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