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चंदौली: मृत जवान को नहीं मिला राजकीय सम्मान, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम - चंदौली में मृत जवान को नहीं मिला राजकीय सम्मान

जम्मू के राजौरी में तैनाती के दौरान तबीयत खराब होने से रविवार को एक सैनिक की मौत हो गई थी. सैनिक का शव साधारण एंबुलेंस से भेजे जाने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने चौराहे पर जाम लगा दिया और सैनिक को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की.

आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
आक्रोशित ग्रामीणों ने किया आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
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Published : Sep 8, 2020, 1:18 PM IST

चंदौली: जम्मू के राजौरी में ड्यूटी पर तैनात रहे सेना के जवान का पार्थिव शरीर एक साधारण एंबुलेंस से सुबह उनके घर पहुंचा. देश की सेवा में तैनात सैनिक का पार्थिव शरीर एक एम्बुलेंस से घर भेजने पर लोग आक्रोशित हो गए. लोगों ने वाराणसी-जमानिया मार्ग को जाम कर दिया. ग्रामीण थाना चौराहा पर धरने पर बैठ गए. उस दौरान सपा नेता भी धरने के समर्थन में वहां बैठ गए और जवान के लिए सम्मान की मांग करने लगे. बता दें कि रविवार को जम्मू के राजौरी में तैनाती के दौरान तबीयत खराब होने से एक सैनिक की मौत हो गई थी. जवान के परिजनों के साथ स्थानीय लोग मृतक जवान को शहीद का दर्जा दिलाने और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि करने पर अड़े हुए हैं.

आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

साधारण एंबुलेंस से भेजा सैनिक का शव
जम्मू के राजौरी में तैनात सेना के जवान कुलदीप मौर्य की ड्यूटी के दौरान बेस कैंप पर अचानक तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई. सेना के अधिकारियों ने परिजनों को बताया कि कुलदीप की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई है. इसके बाद परिवार में मातम छा गया और परिजन बीते 2 दिनों से शव का इंतजार कर रहे थे. परिजनों को मंगलवार को सूचना मिली कि तड़के उनके बेटे का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा. परिवार के लोग पार्थिव शरीर को रिसीव करने जा रहे थे कि स्थानीय प्रशासन ने बताया कि शव को बॉर्डर पर रिसीव किया जाएगा. परिजनों का आरोप है कि शव को एक साधारण एंबुलेंस से गांव भेज दिया गया. न ही सैनिक को कोई राजकीय सम्मान मिला, न ही सेना की गाड़ी से पार्थिव शरीर को घर पहुंचाया गया. इसके बाद लोग आक्रोशित हो उठे और जवान के शव को घर से पहले ही धानापुर चौराहे पर रोक कर जाम लगा दिया.

धरने पर बैठे परिवार के लोग
सेना के रिटायर्ड जवान अंजनी सिंह ने बताया कि देश की सेवा में तैनात एक सिपाही की अंतिम विदाई के दौरान जिस तरीके की प्रशासनिक लापरवाही बरती गई है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कराया जाए. जब तक शासन, प्रशासन उनकी यह मांग नहीं मानेगा, तब तक परिवार के लोग अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. परिवार के साथ तमाम राजनीतिक दलों के लोग भी वाराणसी-जमानिया मार्ग पर धरने पर बैठे हैं. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने योगी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन के लोग जवान की शहादत का अपमान कर रहे हैं. देश की सुरक्षा में तैनात सेना के सिपाहियों को अगर सही सम्मान नहीं मिल पा रहा है तो बाकियों से क्या उम्मीद की जाए? लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंंगी, वह मौके से नहीं हटेंगे. यहीं नहीं उन्होंने कुलदीप मौर्य को शहीद का दर्जा, परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की प्रदेश सरकार से मांग की है.

चंदौली: जम्मू के राजौरी में ड्यूटी पर तैनात रहे सेना के जवान का पार्थिव शरीर एक साधारण एंबुलेंस से सुबह उनके घर पहुंचा. देश की सेवा में तैनात सैनिक का पार्थिव शरीर एक एम्बुलेंस से घर भेजने पर लोग आक्रोशित हो गए. लोगों ने वाराणसी-जमानिया मार्ग को जाम कर दिया. ग्रामीण थाना चौराहा पर धरने पर बैठ गए. उस दौरान सपा नेता भी धरने के समर्थन में वहां बैठ गए और जवान के लिए सम्मान की मांग करने लगे. बता दें कि रविवार को जम्मू के राजौरी में तैनाती के दौरान तबीयत खराब होने से एक सैनिक की मौत हो गई थी. जवान के परिजनों के साथ स्थानीय लोग मृतक जवान को शहीद का दर्जा दिलाने और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि करने पर अड़े हुए हैं.

आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चक्काजाम

साधारण एंबुलेंस से भेजा सैनिक का शव
जम्मू के राजौरी में तैनात सेना के जवान कुलदीप मौर्य की ड्यूटी के दौरान बेस कैंप पर अचानक तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई. सेना के अधिकारियों ने परिजनों को बताया कि कुलदीप की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई है. इसके बाद परिवार में मातम छा गया और परिजन बीते 2 दिनों से शव का इंतजार कर रहे थे. परिजनों को मंगलवार को सूचना मिली कि तड़के उनके बेटे का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा. परिवार के लोग पार्थिव शरीर को रिसीव करने जा रहे थे कि स्थानीय प्रशासन ने बताया कि शव को बॉर्डर पर रिसीव किया जाएगा. परिजनों का आरोप है कि शव को एक साधारण एंबुलेंस से गांव भेज दिया गया. न ही सैनिक को कोई राजकीय सम्मान मिला, न ही सेना की गाड़ी से पार्थिव शरीर को घर पहुंचाया गया. इसके बाद लोग आक्रोशित हो उठे और जवान के शव को घर से पहले ही धानापुर चौराहे पर रोक कर जाम लगा दिया.

धरने पर बैठे परिवार के लोग
सेना के रिटायर्ड जवान अंजनी सिंह ने बताया कि देश की सेवा में तैनात एक सिपाही की अंतिम विदाई के दौरान जिस तरीके की प्रशासनिक लापरवाही बरती गई है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कराया जाए. जब तक शासन, प्रशासन उनकी यह मांग नहीं मानेगा, तब तक परिवार के लोग अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. परिवार के साथ तमाम राजनीतिक दलों के लोग भी वाराणसी-जमानिया मार्ग पर धरने पर बैठे हैं. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने योगी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन के लोग जवान की शहादत का अपमान कर रहे हैं. देश की सुरक्षा में तैनात सेना के सिपाहियों को अगर सही सम्मान नहीं मिल पा रहा है तो बाकियों से क्या उम्मीद की जाए? लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंंगी, वह मौके से नहीं हटेंगे. यहीं नहीं उन्होंने कुलदीप मौर्य को शहीद का दर्जा, परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की प्रदेश सरकार से मांग की है.

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