लखनऊ: यूपी में इन दिनों प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स ज्यादातर जिलों का 300 के पार हो चुका है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को राजधानी लखनऊ का प्रदूषण स्तर 313 है. इसमें लखनऊ, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, नोएडा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद एवं प्रयागराज जैसे कुछ अन्य जिले शामिल हैं. इनका प्रदूषण स्तर कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है.
इसको लेकर कई बार भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने भी प्रदेश सरकार को लिखित तौर पर ज्ञापन सौंपा है कि किस तरह से हम प्रदूषण स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है. पर्यावरणविद् वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदूषण के होने का सिर्फ एक कारण नहीं है. इसके पीछे कई कारण हैं और हर कारण को निचले स्तर पर दुरूस्त करने की आवश्यकता है. प्रदेश के हर जिले में इंडस्ट्रियल एरिया है.
यहां बड़े-बड़े कारखानों में काम चल रहा है. इन धुआं हमारे वातावरण को प्रभावित कर रहा है. ऐसे में देखा जा सकता है कि हम किसी एक विषय पर पूरी जिम्मेदारी नहीं दे सकते हैं. प्रदेश सरकार को हर स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वैसे भी इस समय गुलाबी ठंड है. ऐसे में प्रदूषण का स्तर बढ़ जा रहा है. जरूरत है तो बस इसे नियंत्रित करने की. ताकि प्रदेश की आबोहवा में जहर न घुल सके. लोग स्वस्थ रहें. क्योंकि, प्रदूषण के कारण न जाने कितनी बीमारियां लोगों को घेरने लगती है.
वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों को पीछे छोड़ते हुए राजधानी लखनऊ प्रदूषण के मामले में टॉप पर है. इसके पीछे कई कारण है. क्योंकि, इन दिनों शादियों का सीजन है. ऐसे में लोग जमकर आतिशबाजी कर रहे हैं. यही कारण है कि लखनऊ का प्रदूषण स्तर काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. इसके पीछे अन्य भी कारण है, लेकिन सबसे मुख्य कारण शादियों का सीजन में आतिशबाजी है.
भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण ने कहा कि इस समय प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. प्रदूषण का स्तर बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. इस समय न अधिक ठंड और न अधिक गर्म है. इस मौसम में धूल कण हवा में उड़ते हैं. ऐसे मौसम में ज्यादातर सुबह और शाम प्रदूषण का स्तर अधिक होता है. जब प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है तो लोगों को आंखों में दिक्कत होने लगती है. वहीं सांस के मरीजों को भी दिक्कत होने लगती है.
लखनऊ का इन क्षेत्रों का बढ़ा AQI : लखनऊ के कुछ क्षेत्रों का प्रदूषण स्तर बहुत ही अधिक है. लालबाग का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 341, केंद्रीय विद्यालय का एक्यूआई 388, तालकटोरा का एक्यूआई 301, गोमतीनगर का एक्यूआई 231, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का एक्यूआई 286 और कुकरैल का एक्यूआई 258 हैं.
इन जिलों का प्रदूषण स्तर बढ़ा
लखनऊ | 313 |
मुजफ्फरनगर | 295 |
मेरठ | 312 |
नोएडा | 301 |
ग्रेटर नोएडा | 311 |
गाजियाबाद | 268 |
मुरादाबाद | 169 |
गोरखपुर | 155 |
झांसी | 151 |
कानपुर | 142 |
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