बाराबंकी: जिले की एक अदालत ने तीन शातिर चोरों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी है. साथ ही प्रत्येक को 70-70 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. साढ़े चार वर्ष पूर्व इनके कब्जे से चोरी की 10 मोटरसाइकिलें, 8 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 1 जोड़ी चांदी की पायल, 1 सोने का लॉकेट बरामद किया गया था. यह फैसला गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या- 2 उमेश चन्द्र पाण्डेय द्वितीय ने सुनाया.
एडीजीसी क्रिमिनल रमाकान्त द्विवेदी ने बताया कि देवां थाने के थानाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र शर्मा 2 जुलाई 2020 को अपने हमराहियों के साथ भयारा मोड़ पर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रहे थे. इसी बीच फतेहपुर की तरफ से आ रहे एक मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को रोका गया. उनसे जब गाड़ी के कागजात मांगे गए, तो वे घबराने लगे और कागजात नहीं दिखा सके.
इसी दौरान उसी रास्ते से एक और मोटरसाइकिल पर सवार एक व्यक्ति आया, जिसे रुकने का इशारा किया गया तो वह गाड़ी मोड़ने लगा. लेकिन, पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया. मोटरसाइकिल पर नम्बर प्लेट नही थी. पुलिस ने जब इनकी गाड़ियों के ई चालान करने के लिए चेसिस नम्बर को स्कैन किया, तो इनके द्वारा बताए हुए नाम गाड़ी मालिकों के नाम से अलग निकले.
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तब इन लोगों ने बताया कि ये मोटरसाइकिलें चोरी की हैं. पुलिस ने जब इनके नाम पूछे, तो इन्होंने अपने नाम राजन चौहान उर्फ टाइगर निवासी ग्राम कटैया पोस्ट पचखुरा थाना गड़वार जिला बलिया, राकेश कुमार सिंह निवासी विनोवा ग्राम थाना देवां, राजकुमार सिंह निवासी ग्राम जगदीशपुर थाना देवां बताए. पुलिस ने पूछताछ की तो राजन चौहान ने बताया कि वह बलिया से मोटरसाइकिल, मोबाइल और दूसरे समान चोरी करके लाता था. उसके साथ रिश्तेदार राजकुमार और राकेश भी मिलकर चोरी करते थे.
राजकुमार ने पूछताछ में बताया कि उसके घर पर चोरी की गाड़ियां, लैपटॉप और मोबाइल फोन रखे हुए हैं. पुलिस ने इनके घर पहुंचकर चोरी की 10 मोटरसाइकिलें, 08 मोबाइल फोन, 01 लैपटॉप, 01 जोड़ी चांदी की पायल, 01 सोने का लॉकेट बरामद किया. पुलिस ने इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की.
तत्कालीन विवेचक ने साक्ष्य संकलित कर चार्जशीट कोर्ट में फाइल की. इस मामले में अभियोजन ने गवाह पेश किए गए. अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं द्वारा पेश किए गए गवाहों और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश उमेश चन्द्र पाण्डेय द्वितीय ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी. साथ ही प्रत्येक पर 70-70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
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