वाराणसी : तम्बाकू और पान मसाले की बिक्री को नियंत्रित करते हुए कड़े नियम कानून के साथ इसको बेचने की तैयारी उत्तर प्रदेश में हो गई है. इसके लिए यूपी सरकार ने गजट भी जारी कर दिया है. इसके बाद उत्तर प्रदेश के जो अलग-अलग नगर निगम क्षेत्र हैं, वहां पर इसकी बिक्री अब नियमों के साथ की जाएगी. जुलाई के पहले सप्ताह से ही नियम को लागू भी किया जा सकेगा. इसके लिए नगर निगम ने तैयारी भी शुरू कर दी है. बिना लाइसेंस के अब तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट की बिक्री अपराध होगी, जिस पर भारी जुर्माना और सजा भी हो सकती है. वाराणसी नगर निगम ने सरकारी गजट मिलने के बाद तैयारी भी शुरू कर दी है.
बिना लाइसेंस के नहीं की जा सकेगी बिक्री : नगर निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि यह आदेश इसलिए भी अनिवार्य था क्योंकि पान मसाला, तंबाकू की बिक्री को लेकर नियम तो पहले से कई हैं, लेकिन लाइसेंस का नियम न होने के कारण इसकी बिक्री कोई भी कर रहा था, लेकिन अब खान-पान वाले या अन्य कोई भी खाद्य सामग्री बेचने वाले पान मसाला, तंबाकू और सिगरेट की बिक्री नहीं कर सकेंगे, जो इसके लिए लाइसेंस लेंगे, सिर्फ वही बेच सकेंगे. उसके अतिरिक्त कोई अन्य सामान दुकानों पर नहीं बिकेगा. इसके अलावा बहुत से नियम कानून हैं, जिसका पालन करना होगा और बिना लाइसेंस के इसकी बिक्री नहीं की जा सकेगी.
2 हजार रुपये लगेगा जुर्माना : उन्होंने बताया कि बिना लाइसेंस के बिक्री करते हुए पाए जाने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद की बिक्री करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 2 हजार रुपये जुर्माना व सामान जब्त कर लिया जाएगा. यह आदेश प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, वृंदावन-मथुरा, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली व शाहजहांपुर में भी लागू होगा.
अपर मुख्य सचिव नगर विकास ने जारी किया आदेश : उन्होंने बताया कि इसके लिए अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे ने इस सबंध में आदेश जारी कर दिया है. इस व्यवस्था को सभी नगर निगम वाले शहरों में लागू करने के लिए नगर विकास विभाग ने तंबाकू उत्पादन लाइसेंस शुल्क का निर्धारण, विनियमन और नियंत्रण एवं अनुज्ञप्ति शुल्क उपविधि-2021 का प्रारूप जारी कर दिया है. साथ ही सभी नगर निगमों को इस उपविधि को अपने यहां लागू करने के संबंध में बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित कराने के बाद 31 जुलाई तक लागू करने को कहा है.
पकड़े जाने पर दर्ज कराई जाएगी एफआईआर : उन्होंने बताया कि इस उपविधि के लागू होने के बाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में कोई भी दुकानदार बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद व सिगरेट आदि की बिक्री नहीं कर पाएगा. लाइसेंस के बिना कोई भी कॉमर्शियल मॉल, थोक बाजार, बिग बाजार, स्पेंसर्स, जनल मर्चेंट, किराना दुकान, गुमटी आदि पर तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होगी. बिना लाइसेंस पहली बार पकड़े जाने पर 2 हजार रुपये जुर्माना व सामान जब्त कर लिया जाएगा, जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार रुपये जुर्माना देना होगा. इसी प्रकार तीसरी बार पकड़े जाने पर 5 हजार रुपये जुर्माना वसूलने के साथ ही बेचने वाले के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी.
ये है शर्तें : उन्होंने बताया कि लाइसेंस लेने वाला व्यापारी केवल भारतीय उत्पाद या केंद्र सरकार के आयात नियमों के मुताबिक मंगाये गये सामान ही बेच पाएगा. साथ ही लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की भारत की नागरिक होने के साथ ही आवेदनकर्ता की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और आधार कार्ड होना अनिवार्य होना चाहिये. उन्होंने बताया कि शहर के बाहर का आधार कार्ड होने पर पार्षद से सत्यापना कराना होगा. शैक्षिक संस्थान से 100 गज के भीतर स्थित दुकान को तंबाकू बेचने के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. स्ट्रीट वेंडर नीति के अनुसार अस्थाई दुकानदार को भी लाइसेंस दिया जाएगा. लाइसेंस लेने वाले दुकानदारों को पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. पंजीकरण एक बार में सिर्फ एक साल के लिए ही किया जाएगा, इसके बाद उसका नवीनीकरण कराना होगा.
एक लाइसेंस सिर्फ एक दुकान के लिए होगा मान्य : उन्होंने बताया कि अस्थाई दुकान के लिए 200 रुपये और स्थाई दुकान के लिए 1000 रुपये पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा. थोक बिक्री के लिए 5 हजार रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है. एक साल बाद नवीनीकरण कराने पर भी थोक बिक्री के लिए 5 हजार रुपये और स्थाई दुकान के लिए 200 रुपये व फुटपाथ या गुमटी लगाने वाले अस्थाई दुकानदारों को 100 रुपये पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा. किसी भी दुकान पर खुली सिगरेट बेचने की अनुमति नहीं होगी, पकड़े जाने पर जुर्माना वसूला जाएगा. एक लाइसेंस सिर्फ एक दुकान के लिए मान्य होगा, यह हस्तांतरित नहीं किया जा सकेगा.