मुरादाबादः जिले के राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग दिलवाने के नाम पर एक फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां के शिक्षकों ने बिना अनुबंध वाली एक कंपनी से सांठगांठ करके 60 छात्राओं से छह-छह हजार रुपये वसूल लिये और प्रमाण-पत्र भी जारी करवा दिया. जबकि शासन की ओर से इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग के लिए सिर्फ दो कंपनियों से एमओयू साइन हुआ है. जब छात्राएं ट्रेनिंग प्रमाण-पत्र जमा करने अपने कॉलेज पहुंची, तो पूरा मामला सामने आ गया. प्रधानाचार्य ने कंपनी को नोटिस जारी करते हुए पूरे मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम गठित की है. जिसे पूरे मामले की रिपोर्ट प्राचार्य को सौंपनी होगी. इसके अलावा उन्होंने शिक्षकों को भी नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है.
बिना अनुबंध वाली करवाई गई ट्रेनिंग
जिले के महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग की आखिरी साल की छात्राओं के लिए 4 सप्ताह का इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग किया जाना अनिवार्य है. इसके लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज से सॉफ्ट प्रो और कैट सेंटर नाम की दो कंपनियों का अनुबंध है. छात्राओं की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद इन्हीं 2 संस्थानों में से किसी एक का प्रमाण पत्र जमा करना होता है. इसके लिए न्यूनतम ढाई हजार रुपए फीस भी निर्धारित है. लेकिन राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में शिक्षकों ने अनुबंध की बात छात्राओं से छिपा लिया. उन्होंने छात्राओं से छह-छह हजार रुपये वसूल कर एक्सेलिंग टेक्नोलॉजी नाम की गैर अनुबंधित कंपनी से ट्रेनिंग पूरी करवा दी. जब छात्राएं अपना प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कॉलेज पहुंचीं, तो सबकुछ सामने आ गया.
वसूल लिए 3.60 लाख रुपए
महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज की 60 छात्रों से करीब तीन लाख साठ हजार रुपये की उगाही शिक्षकों ने की. मामला प्रकाश में आने के बाद प्राचार्य ने एक चार सदस्यीय कमेटी गठित की है. जिसके बाद छात्राओं के लिखित बयान लिये गये हैं. जांच में सामने आया है कि शिक्षकों ने गैर अनुबंधित कंपनी का नाम छात्राओं को सुझाया था और उनसे पैसे लेकर फ़र्ज़ी तरीके से ट्रेनिंग करवा दी थी.
होगी सख़्त करवाई
राजकीय महिला पॉलिटेक्निक के प्राचार्य राजेंद्र सिंह ने बताया कि यहां पर पढ़ रही छात्राओं से छह-छह हजार रुपये की वसूली करने का मामला सामने आया है. इसके साथ ही छात्राओं के जमा किये गये प्रमाण पत्र भी मान्य नहीं हैं. ट्रेनिंग करवाने वाले संस्थान को नोटिस भेजकर रुपये वापस करने को कहा गया है. इसके साथ ही एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.