मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर जिला आजकल प्रदूषण की मार से जूझ रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों पर गौर करें तो यह जिला देश के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में बना हुआ है. यहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर को पार कर गया है. दशहरे के बाद से वायु प्रदूषण के बढ़ने का जो सिलसिला जारी हुआ वह दीपावली के बाद कई गुना ज्यादा हो गया है.
लोगों को बीमार बना दिया प्रदूषण
पीतल फैक्ट्रियों के धुएं, इलेक्ट्रानिक कचरा जलाए जाने और नए निर्माण कार्यों से बढ़ रहे प्रदूषण ने इंसानी स्वास्थ्य को बीमार बना दिया है. जिला अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदूषण से बीमार होने के चलते अस्थमा और फेफड़ों के रोगियों की तादात लगभग तीस फीसदी बढ़ गई है.
प्रदूषित हवा के मामले में जिला बना नम्बर वन
एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक जिला दीपावली के दूसरे दिन प्रदूषित हवा के मामले में यह शहर देश में पहले नम्बर पर था. एयर क्वालिटी इंडेक्स में चार सौ से ज्यादा का आंकड़ा मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है और इस आंकड़े को जिला पार कर चुका है. खराब हवा का असर अब आम लोगों पर भी नजर आने लगा है. अस्थमा, दमा, फेफड़ों की बीमारी और सांस लेने में दिक्कत लोगों को महसूस हो रही है. वहीं छोटे बच्चें भी बड़ी तादात में बीमार हो रहें हैं.
प्रदूषण की मार किया लोगों को बेहाल
यह पहला मौका नहीं है जब जिले में प्रदूषण का जंजाल बना हो. एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदूषण की मार लोगों को बेहाल किये हुए है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक खराब वायु की स्थिति पर अगर जल्द सुधार के कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले सालों में इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे.