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सबसे प्रदूषित शहर में मुरादाबाद नम्बर वन

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिला दीपावली के दूसरे दिन प्रदूषित हवा के मामले में देश का नम्बर वन शहर था. एयर क्वालिटी इंडेक्स में चार सौ से ज्यादा का आंकड़ा पार कर चुका है.

प्रदूषित शहर में मुरादाबाद नम्बर वन.
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Published : Oct 31, 2019, 11:39 PM IST

मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर जिला आजकल प्रदूषण की मार से जूझ रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों पर गौर करें तो यह जिला देश के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में बना हुआ है. यहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर को पार कर गया है. दशहरे के बाद से वायु प्रदूषण के बढ़ने का जो सिलसिला जारी हुआ वह दीपावली के बाद कई गुना ज्यादा हो गया है.

प्रदूषित शहर में मुरादाबाद नम्बर वन.

लोगों को बीमार बना दिया प्रदूषण
पीतल फैक्ट्रियों के धुएं, इलेक्ट्रानिक कचरा जलाए जाने और नए निर्माण कार्यों से बढ़ रहे प्रदूषण ने इंसानी स्वास्थ्य को बीमार बना दिया है. जिला अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदूषण से बीमार होने के चलते अस्थमा और फेफड़ों के रोगियों की तादात लगभग तीस फीसदी बढ़ गई है.

प्रदूषित हवा के मामले में जिला बना नम्बर वन
एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक जिला दीपावली के दूसरे दिन प्रदूषित हवा के मामले में यह शहर देश में पहले नम्बर पर था. एयर क्वालिटी इंडेक्स में चार सौ से ज्यादा का आंकड़ा मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है और इस आंकड़े को जिला पार कर चुका है. खराब हवा का असर अब आम लोगों पर भी नजर आने लगा है. अस्थमा, दमा, फेफड़ों की बीमारी और सांस लेने में दिक्कत लोगों को महसूस हो रही है. वहीं छोटे बच्चें भी बड़ी तादात में बीमार हो रहें हैं.

प्रदूषण की मार किया लोगों को बेहाल
यह पहला मौका नहीं है जब जिले में प्रदूषण का जंजाल बना हो. एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदूषण की मार लोगों को बेहाल किये हुए है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक खराब वायु की स्थिति पर अगर जल्द सुधार के कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले सालों में इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे.

मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर जिला आजकल प्रदूषण की मार से जूझ रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों पर गौर करें तो यह जिला देश के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में बना हुआ है. यहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर को पार कर गया है. दशहरे के बाद से वायु प्रदूषण के बढ़ने का जो सिलसिला जारी हुआ वह दीपावली के बाद कई गुना ज्यादा हो गया है.

प्रदूषित शहर में मुरादाबाद नम्बर वन.

लोगों को बीमार बना दिया प्रदूषण
पीतल फैक्ट्रियों के धुएं, इलेक्ट्रानिक कचरा जलाए जाने और नए निर्माण कार्यों से बढ़ रहे प्रदूषण ने इंसानी स्वास्थ्य को बीमार बना दिया है. जिला अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदूषण से बीमार होने के चलते अस्थमा और फेफड़ों के रोगियों की तादात लगभग तीस फीसदी बढ़ गई है.

प्रदूषित हवा के मामले में जिला बना नम्बर वन
एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक जिला दीपावली के दूसरे दिन प्रदूषित हवा के मामले में यह शहर देश में पहले नम्बर पर था. एयर क्वालिटी इंडेक्स में चार सौ से ज्यादा का आंकड़ा मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है और इस आंकड़े को जिला पार कर चुका है. खराब हवा का असर अब आम लोगों पर भी नजर आने लगा है. अस्थमा, दमा, फेफड़ों की बीमारी और सांस लेने में दिक्कत लोगों को महसूस हो रही है. वहीं छोटे बच्चें भी बड़ी तादात में बीमार हो रहें हैं.

प्रदूषण की मार किया लोगों को बेहाल
यह पहला मौका नहीं है जब जिले में प्रदूषण का जंजाल बना हो. एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदूषण की मार लोगों को बेहाल किये हुए है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक खराब वायु की स्थिति पर अगर जल्द सुधार के कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले सालों में इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे.

Intro:एंकर: मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद आजकल प्रदूषण की मार से जूझ रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों पर गौर करें तो मुरादाबाद देश के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में बना हुआ है और यहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर को पार कर गया है. दशहरे के बाद से वायु प्रदूषण के बढ़ने का जो सिलसिला जारी हुआ वह दीपावली के बाद कई गुना ज्यादा हो गया है. पीतल फैक्ट्रियों के धुएं, इकेक्ट्रानिक कचरा जलाए जाने और नए निर्माण कार्यो से बढ़ रहे प्रदूषण ने इंसानी स्वास्थ्य को बीमार बना दिया है. मुरादाबाद जिला अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण से बीमार होने के चलते अस्थमा और फेफड़ों के रोगियों की तादात लगभग तीस फीसदी तक बढ़ गयी है.


Body:वीओ वन: एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक मुरादाबाद देश के पांच सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में एक है और दीपावली के दूसरे दिन प्रदूषित हवा के मामले में यह शहर देश में पहले नम्बर पर था. एयर क्वालिटी इंडेक्स में चार सौ से ज्यादा का आंकड़ा मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है और मुरादाबाद इस आंकड़े को पार कर चुका है. खराब हवा का असर अब आम लोगों पर भी नजर आने लगा है और जिला अस्पताल में हर रोज तीन हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंच रहें है. मौसम में बदलाव और प्रदूषण की दोहरी मार से जहां अस्थमा, दमा, फेफड़ों की बीमारी और सांस लेने में दिक्कत लोगों को महसूस हो रही है वहीं छोटे बच्चें भी बड़ी तादात में बीमार हो रहें है.
बाईट: डॉक्टर प्रवीण शाह: सीनियर फिजिशियन
बाईट: डॉक्टर बीर सिंह: चाइल्ड स्पेशलिस्ट
वीओ टू: जिला अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक सामान्य दिनों के मुकाबले दीपावली के बाद बीस से तीस फीसदी मरीज बढ़ गए है. प्रदूषण की मार से बीमार मरीजों की तादात इसमें अस्सी फीसदी से ज्यादा है. बच्चों को जहां खराब वायु से सांस लेने में दिक्कतें और एलर्जी की समस्या हो रही है वही बुजुर्गों में पहले से मौजूद बीमारियों के लक्षण ज्यादा तेजी से उभर रहें है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के बाद अस्पताल प्रशासन ने सीनियर डॉक्टरों की टीम को आपातकालीन सेवाओं की ड्यूटी में लगाया है. ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के अतिरिक्त जिला अस्पताल में सैकड़ो मरीज भर्ती है जबकि निजी अस्पतालों में भी तादात बढ़ी है.
बाईट- ज्योत्स्ना पंत: सीएमएस


Conclusion:वीओ तीन: यह पहला मौका नही है जब मुरादाबाद में प्रदूषण जी का जंजाल बना हो. पिछले कई सालों से कमोबेश यही हालत सर्दियों के मौसम में बने हुए है. एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तमाम कोशिशों के बाद भी प्रदूषण की मार लोगों को बेहाल किये हुए है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक खराब वायु की स्थिति पर अगर जल्द सुधार के कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले सालों में इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
9634544417
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