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नजरबंद प्रोफेसर ने पेंटिंग के जरिए किया किसानों का समर्थन, कानून वापसी की मांग - प्रोफेसर नरेंद्र कुमार

मुरादाबाद में एक प्रोफेसर ने पेंटिंग बनाकर किसानों का समर्थन करते हुए सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की है. प्रोफेसर का कहना है कि उनको यह पेंटिंग किसानों के बैनर तले बनानी थी. लेकिन प्रशासन ने उनको भी नजरबंद कर रखा है. इसलिए यह पेंटिंग घर में ही बनाकर सरकार के इस किसान कानून का विरोध किया है.

पूंजीपतियों के हाथों देश बेचने का लगाया आरोप.
पूंजीपतियों के हाथों देश बेचने का लगाया आरोप.
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Published : Dec 9, 2020, 5:27 AM IST

मुरादाबाद: कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए जहां किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं किसानों के समर्थन में राजनीतिक पार्टियां भी उतर आई हैं. साथ ही एक प्रोफेसर ने पेंटिंग बनाकर किसानों का समर्थन करते हुए सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की है. प्रोफेसर का कहना है कि उनको यह पेंटिंग किसानों के बैनर तले बनानी थी. लेकिन प्रशासन ने उनको भी नजरबंद कर रखा है. इसलिए यह पेंटिंग घर में ही बनाकर सरकार के इस किसान कानून का विरोध किया है.

भारत बंद के मद्देनजर प्रोफेसर नरेंद्र कुमार को उनके घर में ही नजरबंद कर लिया गया.
किसान कानून को वापस लेने के लिए किसान दिल्ली में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं किसानों ने शनिवार को भारत बंद का एलान भी किया था. किसानों के समर्थन में उतरे चित्रकार प्रोफेसर नरेंद्र कुमार ने किसानों के समर्थन में पेंटिंग बनाकर किसान कानून का विरोध किया है. पेंटिंग के माध्यम से सरकार से इस किसान कानून को वापस लेने की मांग की है.
पेंटिंग में क्या दर्शाया

प्रोफेसर नरेंद्र कुमार ने पेंटिंग के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि संसद में बैठे लोगों ने कानून बनाकर लोगों को दबाने का काम किया है. संसद के बराबर में कुर्सी पर बैठा एक व्यक्ति कॉरपोरेट घराने का है. जो आम जनता की जमीन पर कब्जा करने वाला है.

प्रोफेसर नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस पेंटिंग में दर्शाया गया है कि संसद द्वारा बनाए गए कृषि बिलों के नीचे किसान दब गए हैं. पूंजीपति अंबानी और अडानी के हाथ में केंद्र की मोदी सरकार ने देश बेच दिया है. किसानों के खेत और जंगल जमीन भी अंबानी और अडानी के हाथ बेचना चाहते हैं. पेंटिंग के माध्यम से हम यही कहना चाहते हैं कि सरकार को इस काले कानून को वापस लेना चाहिए और इसको रद्द करना चाहिए. संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और किसानों को आश्वस्त करना चाहिए, जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे और देश में खुशहाली आए.

पूंजीपतियों के हाथों देश बेचने का लगाया आरोप.
पूंजीपतियों के हाथों देश बेचने का लगाया आरोप.

यह पेंटिंग डीएम कार्यालय पर बनानी थी, किसानों के धरना स्थल पर बनानी थी, किसानों के बीच बनानी थी. ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के बैनर तले इस पेंटिंग को दिखाना था. लेकिन सुबह से ही हमारे लोगों को नजर बंद करके रखा है. इस सरकार ने बिल्कुल तानाशाही रवैया अपनाया है. सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन प्रदर्शन करने की आज देश में अनुमति नहीं मिल रही है. यह लोकतंत्र की व्यवस्था समझने वाली बात है. इसका पुरजोर विरोध करते हैं.
चित्रकार, प्रोफेसर नरेंद्र कुमार

मुरादाबाद: कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए जहां किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं किसानों के समर्थन में राजनीतिक पार्टियां भी उतर आई हैं. साथ ही एक प्रोफेसर ने पेंटिंग बनाकर किसानों का समर्थन करते हुए सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग की है. प्रोफेसर का कहना है कि उनको यह पेंटिंग किसानों के बैनर तले बनानी थी. लेकिन प्रशासन ने उनको भी नजरबंद कर रखा है. इसलिए यह पेंटिंग घर में ही बनाकर सरकार के इस किसान कानून का विरोध किया है.

भारत बंद के मद्देनजर प्रोफेसर नरेंद्र कुमार को उनके घर में ही नजरबंद कर लिया गया.
किसान कानून को वापस लेने के लिए किसान दिल्ली में लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं किसानों ने शनिवार को भारत बंद का एलान भी किया था. किसानों के समर्थन में उतरे चित्रकार प्रोफेसर नरेंद्र कुमार ने किसानों के समर्थन में पेंटिंग बनाकर किसान कानून का विरोध किया है. पेंटिंग के माध्यम से सरकार से इस किसान कानून को वापस लेने की मांग की है.
पेंटिंग में क्या दर्शाया

प्रोफेसर नरेंद्र कुमार ने पेंटिंग के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि संसद में बैठे लोगों ने कानून बनाकर लोगों को दबाने का काम किया है. संसद के बराबर में कुर्सी पर बैठा एक व्यक्ति कॉरपोरेट घराने का है. जो आम जनता की जमीन पर कब्जा करने वाला है.

प्रोफेसर नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस पेंटिंग में दर्शाया गया है कि संसद द्वारा बनाए गए कृषि बिलों के नीचे किसान दब गए हैं. पूंजीपति अंबानी और अडानी के हाथ में केंद्र की मोदी सरकार ने देश बेच दिया है. किसानों के खेत और जंगल जमीन भी अंबानी और अडानी के हाथ बेचना चाहते हैं. पेंटिंग के माध्यम से हम यही कहना चाहते हैं कि सरकार को इस काले कानून को वापस लेना चाहिए और इसको रद्द करना चाहिए. संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और किसानों को आश्वस्त करना चाहिए, जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे और देश में खुशहाली आए.

पूंजीपतियों के हाथों देश बेचने का लगाया आरोप.
पूंजीपतियों के हाथों देश बेचने का लगाया आरोप.

यह पेंटिंग डीएम कार्यालय पर बनानी थी, किसानों के धरना स्थल पर बनानी थी, किसानों के बीच बनानी थी. ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के बैनर तले इस पेंटिंग को दिखाना था. लेकिन सुबह से ही हमारे लोगों को नजर बंद करके रखा है. इस सरकार ने बिल्कुल तानाशाही रवैया अपनाया है. सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन प्रदर्शन करने की आज देश में अनुमति नहीं मिल रही है. यह लोकतंत्र की व्यवस्था समझने वाली बात है. इसका पुरजोर विरोध करते हैं.
चित्रकार, प्रोफेसर नरेंद्र कुमार

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