मुरादाबादः संभल जिले में बंदी वैन में बंदियों द्वारा सिपाहियों को गोली मारने से मौत हो गई थी. सिपाहियों की मौत से दोनों परिवारों के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. देर रात दोनों सिपाहियों के पार्थिव शरीर उनके घर मुरादाबाद लाए गए. दोनों सिपाही संभल जिले में तैनात थे.
घर वालों का है बुरा हाल
- जैसे ही देर शाम बूढ़ी मां दुलारी को बेटे की मौत की सूचना मिली उसके बाद से बस एक ही बात जुबान पर थी कि मुझको कुछ नहीं चाहिए बस मेरे लाल के खून का बदला खून चाहिए.
- ब्रजपाल 2014 में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुआ था. मृतक सिपाही ब्रजपाल के घर मां के अलावा एक छोटी बहन का परिवार भी रहता है.
- आशियाने कालोनी के मृतक सिपाही हरेंद्र के नौकरी का कार्यकाल सात महीने का बचा था.
- सात महीने बाद रिटायर्ड होकर हरेंद्र ने परिवार के साथ पूरा समय देने की सोच रखी थी.