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मुरादाबादः मृतक सिपाही की मां ने कहा- लाल के खून के बदले चाहिए खून - sambhal news

उत्तर प्रदेश के संभल में तैनात सिपाही ब्रजपाल और हरेंद्र की मौत की सूचना मिलते दोनों परिवारों में कोहराम मच गया. ब्रजपाल के कंधों पर एक बूढ़ी मां के अलावा ही एक छोटी बहन के परिवार का भार था.

मृतक के पड़ोसी.
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Published : Jul 18, 2019, 1:00 PM IST

मुरादाबादः संभल जिले में बंदी वैन में बंदियों द्वारा सिपाहियों को गोली मारने से मौत हो गई थी. सिपाहियों की मौत से दोनों परिवारों के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. देर रात दोनों सिपाहियों के पार्थिव शरीर उनके घर मुरादाबाद लाए गए. दोनों सिपाही संभल जिले में तैनात थे.

मृतक सिपाही की मां ने मांगा बेटे की मौत का बदला.

घर वालों का है बुरा हाल

  • जैसे ही देर शाम बूढ़ी मां दुलारी को बेटे की मौत की सूचना मिली उसके बाद से बस एक ही बात जुबान पर थी कि मुझको कुछ नहीं चाहिए बस मेरे लाल के खून का बदला खून चाहिए.
  • ब्रजपाल 2014 में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुआ था. मृतक सिपाही ब्रजपाल के घर मां के अलावा एक छोटी बहन का परिवार भी रहता है.
  • आशियाने कालोनी के मृतक सिपाही हरेंद्र के नौकरी का कार्यकाल सात महीने का बचा था.
  • सात महीने बाद रिटायर्ड होकर हरेंद्र ने परिवार के साथ पूरा समय देने की सोच रखी थी.

मुरादाबादः संभल जिले में बंदी वैन में बंदियों द्वारा सिपाहियों को गोली मारने से मौत हो गई थी. सिपाहियों की मौत से दोनों परिवारों के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. देर रात दोनों सिपाहियों के पार्थिव शरीर उनके घर मुरादाबाद लाए गए. दोनों सिपाही संभल जिले में तैनात थे.

मृतक सिपाही की मां ने मांगा बेटे की मौत का बदला.

घर वालों का है बुरा हाल

  • जैसे ही देर शाम बूढ़ी मां दुलारी को बेटे की मौत की सूचना मिली उसके बाद से बस एक ही बात जुबान पर थी कि मुझको कुछ नहीं चाहिए बस मेरे लाल के खून का बदला खून चाहिए.
  • ब्रजपाल 2014 में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुआ था. मृतक सिपाही ब्रजपाल के घर मां के अलावा एक छोटी बहन का परिवार भी रहता है.
  • आशियाने कालोनी के मृतक सिपाही हरेंद्र के नौकरी का कार्यकाल सात महीने का बचा था.
  • सात महीने बाद रिटायर्ड होकर हरेंद्र ने परिवार के साथ पूरा समय देने की सोच रखी थी.
Intro:एंकर:- संभल जिले में बंदी वैन में बंदियों द्वारा सिपाहियों को गोली मारने से मौत हो गयी थी. सिपाहियों की मौत से दोनों परिवारों में कोहराम सा मच गया. देर रात दोनों सिपाहियों के पार्थिव शरीर मुरादाबाद पहुचे. सिपाही की मां ने कहा कि मुझको कुछ नही चाहिये बस अपने लाल के खून के बदले खून चाहिए.


Body:वीओ:- संभल में सिपाही ब्रजपाल और हरेंद्र की हत्या की सूचना के बाद दोनों परिवारों में कोहराम मच गया. सिपाही ब्रजपाल के कंधों पर एक बूढ़ी मा के अलावा एक छोटी बहन के परिवार का भार था. जैसे ही देर शाम बूढ़ी मां दुलारी को बेटे की मौत की सूचना मिली उसके बाद से बस एक ही बात जुबान पर थी कि मुझको कुछ नही चाहिए बस मेरे लाल के खून का बदला खून चाहिए. 2014 में कांस्टेबल में भर्ती हुआ था ब्रजपाल. पूरे परिवार का रोते रोते बहुत बुरा हाल है.
आशियाने कालोनी में रहने वाले सिपाही हरेंद्र के नोकरी का कार्यकाल सात महीने का बचा था. सात महीने बाद रिटायर्ड होकर परिवार के साथ पूरा समय देने का सोच रखा था. लेकिन अनहोनी के आगे किसी की नही चलती. सिपाही हरेंद्र के घर के बराबर में रहने वाले गोविंद ने बताया कि हरेंद्र संभल जिले में तैनात थे. मुरादाबाद जेल से बंदियों को संभल पेशी के लिए ले जाते थे. हरेंद्र बहुत अच्छे व्यक्ति थे हमको कभी यह महसूस ही नही हुआ कि वह सिपाही है. सात महीने बाद वह रिटायर्ड होने वाले थे. चालीस साल से मुरादाबाद में रह रहा हु लेकिन इस तरह की घटना पहले कभी नही देखी हमने.
देर रात दोनों सिपाहियों के पार्थिव शरीर को मुरादाबाद लाया गया.


Conclusion:बाइट:- मृतक सिपाही हरेंद्र के पड़ोसी गोविंद

सुशील कुमार सिंह
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
8057006591, 8279564646
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