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मुरादाबाद: लॉकडाउन से ईंट भट्ठा उद्योग को झटका, लाखों का नुकसान

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में ईंट भट्ठा कारोबारियों को लॉकडाउन के चलते लाखों का नुकसान हो रहा है. इसे लेकर ईंट कारोबारी चिंतित हैं.

brick operators are losing due to lockdown
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Published : Apr 9, 2020, 7:27 AM IST

मुरादाबाद: एक तरफ लॉकडाउन जहां कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सार्थक साबित हो रहा है, वहीं यह कुछ कारोबारियों के लिए मुश्किलों का सबब बनता जा रहा है. लॉकडाउन के चलते निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं. सामान्य सीजन में इन दिनों ईंटो की डिमांड ज्यादा रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते ईंट कारोबारियों के सामने अब समस्याएं खड़ी हो रही हैं.

जानकारी देते संवाददाता.
मुरादाबाद जनपद में सौ से ज्यादा ईंट भट्ठे संचालित किए जाते है. निर्माण कार्यों में इन्हीं ईंट भट्ठों में तैयार ईंटों का इस्तेमाल किया जाता है. मार्च तक बारिश होती रही, जिसके चलते ईंट भट्ठे पर काम बंद ही रहा. बरसात के चलते भट्टे पर ईंटो को सुखाया नहीं जा सका और ज्यादातर ईंटे बारिश के कारण खराब हो गयी. मार्च के आखिरी दिनों में बारिश बंद हुई तो कारोबारियों को ईंटों की डिमांड बढ़ने और मुनाफा होने की उम्मीद थी, लेकिन लॉकडाउन ने कारोबारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

भट्टा संचालकों के मुताबिक अभी तक कारोबारियों को पांच से बीस लाख तक का नुकसान हो चुका है. लॉकडाउन के आगे बढ़ने और निर्माण कार्यों में मंदी आने से भट्टा संचालक अब हिम्मत हार रहें हैं. सरकार से मदद की गुहार लगा रहें है. मुरादाबाद के मझोला और पाकबड़ा क्षेत्रों में 80 से ज्यादा ईंट भट्ठे संचालित किए जाते हैं. जिनमें आठ हजार से ज्यादा मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन के बाद प्रशासन ने सभी मजदूरों को भट्टों पर काम रोकने के आदेश दिया है. मंदी की मार झेल रहे कारोबारियों के मुताबिक हालात सामान्य होने में कई साल लग सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-बुलंदशहर को सील करने की सूचना से अफरातफरी, दुकानों पर लगी ग्राहकों की भीड़

प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉक डाउन 14 अप्रैल को समाप्त होना था. देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन बढ़ने की आशंका जताई जा रहीं है. ऐसे में इस पूरे साल ईंट कारोबारियों को हुए नुकसान और ज्यादा होने का दावा किया जा रहा है.

मुरादाबाद: एक तरफ लॉकडाउन जहां कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सार्थक साबित हो रहा है, वहीं यह कुछ कारोबारियों के लिए मुश्किलों का सबब बनता जा रहा है. लॉकडाउन के चलते निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं. सामान्य सीजन में इन दिनों ईंटो की डिमांड ज्यादा रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते ईंट कारोबारियों के सामने अब समस्याएं खड़ी हो रही हैं.

जानकारी देते संवाददाता.
मुरादाबाद जनपद में सौ से ज्यादा ईंट भट्ठे संचालित किए जाते है. निर्माण कार्यों में इन्हीं ईंट भट्ठों में तैयार ईंटों का इस्तेमाल किया जाता है. मार्च तक बारिश होती रही, जिसके चलते ईंट भट्ठे पर काम बंद ही रहा. बरसात के चलते भट्टे पर ईंटो को सुखाया नहीं जा सका और ज्यादातर ईंटे बारिश के कारण खराब हो गयी. मार्च के आखिरी दिनों में बारिश बंद हुई तो कारोबारियों को ईंटों की डिमांड बढ़ने और मुनाफा होने की उम्मीद थी, लेकिन लॉकडाउन ने कारोबारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

भट्टा संचालकों के मुताबिक अभी तक कारोबारियों को पांच से बीस लाख तक का नुकसान हो चुका है. लॉकडाउन के आगे बढ़ने और निर्माण कार्यों में मंदी आने से भट्टा संचालक अब हिम्मत हार रहें हैं. सरकार से मदद की गुहार लगा रहें है. मुरादाबाद के मझोला और पाकबड़ा क्षेत्रों में 80 से ज्यादा ईंट भट्ठे संचालित किए जाते हैं. जिनमें आठ हजार से ज्यादा मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन के बाद प्रशासन ने सभी मजदूरों को भट्टों पर काम रोकने के आदेश दिया है. मंदी की मार झेल रहे कारोबारियों के मुताबिक हालात सामान्य होने में कई साल लग सकते हैं.

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प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉक डाउन 14 अप्रैल को समाप्त होना था. देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन बढ़ने की आशंका जताई जा रहीं है. ऐसे में इस पूरे साल ईंट कारोबारियों को हुए नुकसान और ज्यादा होने का दावा किया जा रहा है.

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