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अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते तनाव से संकट में पीतल कारोबार, करोड़ों का हो रहा नुकसान - brass business in moradabad

अमेरिका ने पिछले साल ईरान पर प्रतिबंध लगाया था. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद ईरान ने भी भारत के तेरह सौ उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था. प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से जिले में पीतल उद्योग लगातार बदहाली की मार झेल रहा है.

संकट में पीतल कारोबार.
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Published : Jul 3, 2019, 1:20 PM IST

मुरादाबाद: अमेरिका और ईरान के बीच बढ़े हालिया तनाव से एक बार फिर पीतल कारोबार मुश्किलों में है. मुरादाबाद के पीतल उद्योग से हर साल ईरान को पांच से छह हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता है, लेकिन युद्ध के हालात और अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद कारोबार ठप्प पड़ा है. ईरान द्वारा परमाणु प्रसार कार्यक्रर्मों को बढ़ाने के बाद अमेरिका ने पिछले साल ईरान पर तमाम प्रतिबंध लगाए थे. अमेरिका और ईरान के बीच हालिया बढ़े तनाव के बाद एक बार फिर पीतल उद्योग मुश्किलों में घिरता नजर आ रहा है.

संकट में पीतल कारोबार.

मुश्किल दौर से गुजर रहा पीतल कारोबार

  • अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से पीतल उद्योग लगातार बदहाली की मार झेल रहा है.
  • भारत से निर्यात होने वाले ज्यादातर उत्पाद दुबई के जरिए ईरान भेजे जाते है.
  • वहीं भारतीय कारोबारियों को टर्की के जरिए ईरान के कारोबारी सेकेंड पार्टी पेमेंट करते है.
  • ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद ईरान ने भी भारत के तेरह सौ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया था.
  • जिसके बाद ईरानी खरीदारों का करोड़ों रुपये का तैयार उत्पाद आज भी हालत सही होने का इंतजार कर रहा है.
  • पीतल कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक ईरान पूरी दुनिया में एक मात्र देश है, जो शुद्ध पीतल के उत्पादों को पसंद करता है.

मुरादाबाद: अमेरिका और ईरान के बीच बढ़े हालिया तनाव से एक बार फिर पीतल कारोबार मुश्किलों में है. मुरादाबाद के पीतल उद्योग से हर साल ईरान को पांच से छह हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता है, लेकिन युद्ध के हालात और अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद कारोबार ठप्प पड़ा है. ईरान द्वारा परमाणु प्रसार कार्यक्रर्मों को बढ़ाने के बाद अमेरिका ने पिछले साल ईरान पर तमाम प्रतिबंध लगाए थे. अमेरिका और ईरान के बीच हालिया बढ़े तनाव के बाद एक बार फिर पीतल उद्योग मुश्किलों में घिरता नजर आ रहा है.

संकट में पीतल कारोबार.

मुश्किल दौर से गुजर रहा पीतल कारोबार

  • अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से पीतल उद्योग लगातार बदहाली की मार झेल रहा है.
  • भारत से निर्यात होने वाले ज्यादातर उत्पाद दुबई के जरिए ईरान भेजे जाते है.
  • वहीं भारतीय कारोबारियों को टर्की के जरिए ईरान के कारोबारी सेकेंड पार्टी पेमेंट करते है.
  • ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद ईरान ने भी भारत के तेरह सौ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया था.
  • जिसके बाद ईरानी खरीदारों का करोड़ों रुपये का तैयार उत्पाद आज भी हालत सही होने का इंतजार कर रहा है.
  • पीतल कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक ईरान पूरी दुनिया में एक मात्र देश है, जो शुद्ध पीतल के उत्पादों को पसंद करता है.
Intro:एंकर: मुरादाबाद: अमेरिका और ईरान के बीच बढ़े हालिया तनाव से एक बार फिर पीतल कारोबार मुश्किलों में है. मुरादाबाद के पीतल उधोग से हर साल ईरान को पांच से छह हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया जाता है लेकिन युद्ध के हालात और अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाये गए प्रतिबंधों के बाद कारोबार ठप्प पड़ा है. ईरान द्वारा परमाणु प्रसार कार्यक्रर्मो को बढ़ाने के बाद अमेरिका ने पिछले साल ईरान पर तमाम प्रतिबंध लगाए थे जिसके बाद ईरान ने भारत के तेरह सौ से ज्यादा उत्पादों को आयात करने पर रोक लगा दी थी. अमेरिका और ईरान के बीच हालिया बढ़े तनाव के बाद एक बार फिर पीतल उधोग मुश्किलों में घिर गया है.


Body:वीओ वन: अमेरिका द्वारा पिछले साल अप्रैल में ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से पीतल उधोग लगातार बदहाली की मार झेल रहा है. भारत से निर्यात होने वाले ज्यादातर उत्पाद दुबई के जरिये ईरान भेजे जाते है वहीं भारतीय कारोबारियों को टर्की के जरिये ईरान के कारोबारी सैकिंड पार्टी पेमेंट करते है. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद ईरान ने भी भारत के तेरह सौ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया था जिसके बाद ईरानी बायरो का करोड़ों रुपये का तैयार उत्पाद आज भी हालत सही होने का इंतजार कर रहा है. पीतल कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक ईरान पूरी दुनिया में एकमात्र देश है जो शुद्ध पीतल के उत्पादों को पसंद करता है और वर्तमान हालात में निर्यात ठप्प होने से एक तरफ जहां कारोबारी नुकशान में है वहीं भारत के मुख्य प्रतिद्वंदी चाइना ईरानी मार्केट पर प्रभुत्व जमाने की कोशिश में जुटा है.
बाईट: आजम अंसारी- अध्यक्ष पीतल कारखानेदार
वीओ टू: अमेरिका द्वारा ईरान पर हमले का आदेश देने और आखिरी वक्त में हमला रोकने के बाद भी दोनों देशों में तनाव बरकरार है. ईरानी बायरो के पुराने ऑर्डर अभी पेमेंट रुकने की आशंका के चलते कारोबारी तैयार नहीं कर रहें है. कारोबारियों के मुताबिक ईरान के लिए पीतल के उत्पादों पर नक्काशी कर तैयार उत्पाद ज्यादा भेजा जाता है लेकिन युद्ध के हालात में अगर पेमेंट नहीं मिली तो कारोबारियों को दुतरफा नुकशान झेलना पड़ेगा. पिछले एक साल से ईरान से व्यापार ठप्प होने के बाद पीतल कारोबार से जुड़े कारीगर बदहाली की मार झेल रहे है वहीं निर्यातक भी ईरान के बजाय दूसरे देशों में कारोबार की संभावना तलाशने लगे है. खाड़ी देशों में परंपरागत पीतल उत्पाद के निर्यात को लेकर सामने आई इस समस्या ने फिलहाल पीतल कारोबार की मुश्किलें बढ़ा दी है.
बाईट: सतपाल सिंहः निर्यातक


Conclusion:वीओ तीन: अमेरिका- ईरान तनाव के चलते जहां एक और पीतल कारोबारियों की मुश्किल बढ़ गयी है वहीं उधोग को हर साल छह हजार का नुकशान झेलना पड़ सकता है. पीतल कारोबार की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक अगर हालिया तनाव जल्द नहीं सुलझा तो इसका व्यापक असर कई सालों तक पीतल उधोग पर नजर आएगा.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
9634544417
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