मिर्ज़ापुर : ड्रमंडगंज वनरेंज के कैमूर पहाड़ के कई हिस्सों में पांच दिन से लगी भीषण आग पर मंगलवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद पूरी तरह काबू पा लिया. आग बुझाने के बाद एनडीआरएफ टीम वाराणसी रवाना हो गयी. आग बुझने के बाद वन विभाग व ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.
27 मार्च को जंगल में लगी थी आग
एक सप्ताह से धधक रहे जंगल में आग को दिन-रात की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों और वन विभाग के सहयोग बुझाया जा सका. इसमें करीब पांच दिन का समय लगा. ग्रामीणों के अनुसार 27 मार्च को जंगल में आग लगी थी. 2 अप्रैल को एसडीएम लालगंज अमित शुक्ला ने ड्रमंडगंज वनरेंज का निरीक्षण किया.
आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड व एनडीआरएफ टीम को बुलाया था. आग न बुझने पर वाराणसी से 2 अप्रैल की शाम को एनडीआरएफ की 25 सदस्यीय टीम एसआई मिथिलेश सिंह के नेतृत्व में आग बुझाने पहुंची थी. तब जाकर पांचवें दिन आग बुझाने में सफलता मिली.
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डर गये थे पहाड़ के नीचे बसे गांवों के लोग
आग को काबू में करने के बाद एनडीआरएफ की टीम वाराणसी के लिए रवाना हो गई. जंगल के विभिन्न हिस्सों में लगी इस आग से हजारों पेड़ पौधे जलकर राख हो गए. जीव-जंतुओं को भी अपनी जान बचाकर इधर-उधर भटकना पड़ा. भीषण आग को देखकर पहाड़ के नीचे बसे गांवों के ग्रामीणों में दहशत थी.
आग बबुरा रघुनाथ सिंह, लहुरियादह, करनपुर, महुगढ़ी, मड़वा धनावल, इंद्रवार बंजारी, सोनगढ़ा, डिभोर के जंगल में लगी थी. वनकर्मियों के साथ जंगल के विभिन्न हिस्सों की लगातार पेट्रोलिंग और पूरी सतर्कता के साथ बुझाए गये स्थानों पर निगरानी की जा रही है. बताया जाता है कि अधिकांश लोग महुआ बीनने जाते हैं और उसकी पत्तियां जला देते हैं. इसके चलते अक्सर आग लग जाती है.