मिर्जापुर: पाकिस्तान के लाहौर जेल में पिछले 11 वर्षों से बंद पुनवासी अपने घर लौटेगा. सरकार की पहल पर उसे रिहा कर दिया गया है. पाकिस्तान के सैनिकों ने पुनवासी को 17 नवंबर को बाघा-अटारी बार्डर पर तैनात बीएसएफ को सौंपा है. एक हेल्थ सेंटर में क्वारंटाइन कर पुनवासी की कोविड-19 की जांच कराई जाएगी. रिपोर्ट निगेटिव आने पर उससे तीन दिन तक पूछताछ की जाएगी. इसके बाद उसे उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा जाएगा.
देहात कोतवाली थाना अंतर्गत भरुहना गांव का रहने वाला पुनवासी लालगंज थाना क्षेत्र के बहुती ग्रामसभा के बरसइता मौजा से सन् 2009 में अपने बहन के घर से लापता हो गया था. वह राजस्थान से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गया था, जिसके बाद उसे लाहौर प्रांत के नूरलवा थाने की पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया था. बिना वीजा के दूसरे देश में प्रवेश करने के आरोप में कोर्ट ने पुनवासी को सात साल की सजा सुनाई थी. पूरी सजा काटने के बावजूद पुनवासी लाहौर जेल में बंद रहा. जानकारी होने पर भारत सरकार ने परिजनों की खोजबीन की.
सरकार की पहल पर पाकिस्तान जेल से उसे रिहा कर दिया गया. पाकिस्तान के सैनिकों ने 17 नवंबर की सुबह पुनवासी को भारत-पाकिस्तान के बाघा-अटारी बार्डर पर तैनात बीएसएफ को सौंपा है. छेरहटा के नारायणगढ़ स्थित कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर में क्वारंटाइन कर दिया गया है, उसकी कोविड 19 की जांच कराई जाएगी. रिपोर्ट निगेटिव आने पर उससे तीन दिन तक पूछताछ के बाद यूपी सरकार को दिया जाएगा. फिर वहां से मिर्जापुर पुलिस के माध्यम से उसे घर पहुंचाया जाएगा.
पुनवासी 6 भाई और एक बहन है. 6 भाइयों में चार मंगरू, गोनू, मतरू और शंकर की मौत हो चुकी है. जबकि पुनवासी की तरह एक भाई मिठाईलाल भी लापता हो गया है, जिसका आज तक पता नहीं चला सका है. पुनवासी को दो महीने पहले ही पता चला कि वह पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद है. इसकी जानकारी होने पर उसकी बहन किरन बहुत खुश हुई. पैतृक घर पर इस समय कोई नहीं है. माता-पिता का भी निधन हो गया है. उसकी बहन किरन अपने घर बरसइता बहुती बलहरा लालगंज में रहती है. पुनवासी की शादी हुई थी. पत्नी इंतजार करती रही. सात साल तक नहीं आया तो दूसरी शादी करके चली गई.
पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने बताया कि पुनवासी के मिल जाने की जानकारी मिली है. उसे घर लाने की तैयारी चल रही है. जल्द ही उसे लाकर उसके घरवालों को सौंपा जाएगा.