ETV Bharat / state

मिर्जापुर: पीतल बर्तन कोरोबार पर लाॅकडाउन, बेरोजगार हुए हजारों कामगार

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में लाॅकडाउन के कारण सभी कोरोबारी परेशान हैं. वहीं पीतल के बर्तनों की बिक्री नहीं होने से पीतल कारोबार से जुड़े कोरोबारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

etv bharat
पीतल उद्योग पर लॉकडाउन का भारी असर
author img

By

Published : May 14, 2020, 12:55 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए पूरे देश में लाॅकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. लाॅकडाउन के कारण सभी प्रकार के कामकाज पूरी तरह से ठप हैं. कामगार और मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. लोगों ने वैवाहिक कार्यक्रमों की तारीख को कई महीनों तक के लिए आगे बढ़ा दिया है. शादी के इस सीजन में बाजारों में सन्नाटा पसरा है. ऐसे में पीतल कारोबार के लिए देश में प्रसिद्ध जिले का पीतल बर्तन उद्योग पूरी तरह से ठप है. व्यापारी और कामगार दोनों बेरोजगार हो गए हैं.

पीतल उद्योग पर लॉकडाउन का भारी असर

लाॅकडाउन से टूट गया पीतल उद्योग
पीतल बर्तन उद्योग पर पहले जीएसटी की मार पड़ी, तो अब लॉकडाउन से पीतल उद्योग पूरी तरह से टूट गया है. वर्षो पुराना यह उद्योग मुश्किल के दौर से गुजर रहा है. मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर चुके हैं और कारोबारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

कसरहट्टी बाजार में छाया सन्नाटा

जिले के कसरहट्टी बाजार में पीतल के बर्तनों का गढ़ है. अप्रैल से जून तक के शादी सीजन में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ रहती थी लेकिन लाॅकडाउन के कारण दुकाने बंद हैं और बाजार में सन्नाटा छाया हुआ है. कारोबारियों ने बताया कि यह पहली बार हो रहा है, जब शादी सीजन में बाजार बंद है. यहां करीब 400 छोटे-बड़े पीतल बर्तन के दुकानदार हैं.

पीलत कारोबार ठप होने से हजारों मजदूर हुए बेरोजगार

कारोबारियों के अनुसार कसरहट्टी बाजार के अलावा पूरे जिले में करीब 40 हजार ऐसे लोग हैं, जो शहर से लेकर गांव तक जाकर पीतल के बर्तन बेचने का काम करते हैं. वहीं लगभग 40 हजार मजदूर भी कारोबारियों और दुकानों पर काम करते थे, जो पीतल कारोबार ठप होने से बेरोजगार हो गए हैं. सभी मजदूर जिले के ग्रामीण क्षेत्र और आस-पास के जिले के हैं.

चाय-पान की 20 हजार दुकानें भी बंद

कारोबारियों ने बताया कि पीतल बाजार कसरहट्टी में पीतल के बर्तनों के अलावा करीब 20 हजार छोटी-छोटी चाय और पान की दुकाने हैं, जिनकी दुकान पीतल के बर्तनों पर आने वाले ग्राहकों से ही चलती हैं. ऐसे में बाजार बंद होने के कारण ये दुकानें भी बंद हैं और लोग बेरोजगार हो चुके हैं. कोरोबारी ही नहीं इस कारोबार से जुड़े सभी लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लोगों के सामने राेजगार का एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

शादी सीजन में होता था 20 लाख रुपये का कारोबार

पीतल कारोबारी कृष्ण मोहन ने बताया कि केवल शादी सीजन में 15 से 20 लाख रुपये का कारोबार करते थे, इसी से वर्ष भर उनका खर्च चलता था. वहीं पीतल के बर्तनों का काम करने वाले धीरज ने बताया कि शादी सीजन में होने वाली कमाई पर लाॅकडाउन लगा है और कोराबार ठप है. इस कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अब परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है.

मिर्जापुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए पूरे देश में लाॅकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. लाॅकडाउन के कारण सभी प्रकार के कामकाज पूरी तरह से ठप हैं. कामगार और मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. लोगों ने वैवाहिक कार्यक्रमों की तारीख को कई महीनों तक के लिए आगे बढ़ा दिया है. शादी के इस सीजन में बाजारों में सन्नाटा पसरा है. ऐसे में पीतल कारोबार के लिए देश में प्रसिद्ध जिले का पीतल बर्तन उद्योग पूरी तरह से ठप है. व्यापारी और कामगार दोनों बेरोजगार हो गए हैं.

पीतल उद्योग पर लॉकडाउन का भारी असर

लाॅकडाउन से टूट गया पीतल उद्योग
पीतल बर्तन उद्योग पर पहले जीएसटी की मार पड़ी, तो अब लॉकडाउन से पीतल उद्योग पूरी तरह से टूट गया है. वर्षो पुराना यह उद्योग मुश्किल के दौर से गुजर रहा है. मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर चुके हैं और कारोबारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

कसरहट्टी बाजार में छाया सन्नाटा

जिले के कसरहट्टी बाजार में पीतल के बर्तनों का गढ़ है. अप्रैल से जून तक के शादी सीजन में सुबह 10 बजे से 12 बजे तक खरीदारी करने वालों की भारी भीड़ रहती थी लेकिन लाॅकडाउन के कारण दुकाने बंद हैं और बाजार में सन्नाटा छाया हुआ है. कारोबारियों ने बताया कि यह पहली बार हो रहा है, जब शादी सीजन में बाजार बंद है. यहां करीब 400 छोटे-बड़े पीतल बर्तन के दुकानदार हैं.

पीलत कारोबार ठप होने से हजारों मजदूर हुए बेरोजगार

कारोबारियों के अनुसार कसरहट्टी बाजार के अलावा पूरे जिले में करीब 40 हजार ऐसे लोग हैं, जो शहर से लेकर गांव तक जाकर पीतल के बर्तन बेचने का काम करते हैं. वहीं लगभग 40 हजार मजदूर भी कारोबारियों और दुकानों पर काम करते थे, जो पीतल कारोबार ठप होने से बेरोजगार हो गए हैं. सभी मजदूर जिले के ग्रामीण क्षेत्र और आस-पास के जिले के हैं.

चाय-पान की 20 हजार दुकानें भी बंद

कारोबारियों ने बताया कि पीतल बाजार कसरहट्टी में पीतल के बर्तनों के अलावा करीब 20 हजार छोटी-छोटी चाय और पान की दुकाने हैं, जिनकी दुकान पीतल के बर्तनों पर आने वाले ग्राहकों से ही चलती हैं. ऐसे में बाजार बंद होने के कारण ये दुकानें भी बंद हैं और लोग बेरोजगार हो चुके हैं. कोरोबारी ही नहीं इस कारोबार से जुड़े सभी लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लोगों के सामने राेजगार का एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

शादी सीजन में होता था 20 लाख रुपये का कारोबार

पीतल कारोबारी कृष्ण मोहन ने बताया कि केवल शादी सीजन में 15 से 20 लाख रुपये का कारोबार करते थे, इसी से वर्ष भर उनका खर्च चलता था. वहीं पीतल के बर्तनों का काम करने वाले धीरज ने बताया कि शादी सीजन में होने वाली कमाई पर लाॅकडाउन लगा है और कोराबार ठप है. इस कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अब परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.