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मिर्जापुर: फिर से चालू होगा बंद पड़ा कंबल कारखाना, बुनकरों को मिलेगा रोजगार - मिर्जापुर ताजा खबर

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सरकार ने एक दशक से बंद पड़े पथरिया स्थित कंबल कारखाने को दोबारा चालू करने का फैसला लिया है. कम्बल कारखाना चलने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा.

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फिर से चालू होगा बंद पड़ा कंबल कारखाना.
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Published : Dec 12, 2019, 6:22 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: प्रदेश में कई ऐसे कंबल कारखाने हैं, जिनके बंद होने से हजारों बुनकर बदहाली के कगार पर पहुंच गए थे. जिले के कंबल बुनकरों के लिए अच्छी खबर है कि सरकार ने एक दशक से बंद पड़े कंबल कारखाने को दोबारा चालू करने का फैसला लिया है. पथरिया स्थित बंद कम्बल कारखाने की मशीनें एक बार फिर चलना शुरू कर देंगी. कारखाना शुरू होने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही जिले में बेहतरीन कंबल को एक बार फिर से ओढ़ने का मौका भी मिलेगा.

फिर से चालू होगा बंद पड़ा कंबल कारखाना.

चालू होगा बंद पड़ा कंबल कारखाना

  • मिर्जापुर के इस कारखाने से एक समय आपदा अस्पताल और फोर्स तक कंबल की सप्लाई की जाती थी.
  • माना जा रहा है कि एक बार फिर कारखाना चलने से बदहाल बुनकरों के दिन फिर से बहुरेंगे.
  • ग्रामोद्योग विभाग ने पिछले एक दशक से बंद पड़ी कंबल कारखाने को चलाने का निर्णय शासन की स्वीकृति मिलने के बाद लिया है.
  • कारखाने में तैयार कंबल की मार्केट में काफी डिमांड रहती थी.
  • कारखाने के बंद होने के कारण लोगों को काफी निराशा हुई.
  • कंबल कारखाना खुलने से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उच्च क्वालिटी का कंबल मिल सकेगा.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुर में जरवेरा फूल की डिमांड, कम पानी से अच्छी कमाई कर रहा किसान

कंबल कारखाना खुल जाने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा. जब करखाना पूरी तरह से शुरू हो जाएगा तो 400 से 500 लोगों को रोजगार मिलेगा.

पुराने मशीन को ही रिपेयर करके चलाने का निर्णय लिया गया है. एक हफ्ते शुरू कराने का लक्ष्य है. बंद कारखाने को सरकार द्वारा चालू कराया जा रहा है. इसको चालू कराने के लिए मशीन पर चार लाख शेड पर तीन लाख का खर्च किया गया है. कारखाने में पहले चरण में तैयार कंबल को आपदा विभाग को आपूर्ति की जाएगी. जब फुल प्लेस में मशीनें काम करने लगेंगी उत्पादन अच्छा होने लगेगा, तो आपदा विभाग फोर्स और अस्पतालों में दिया जाएगा.
-जवाहर लाल, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी

मिर्जापुर: प्रदेश में कई ऐसे कंबल कारखाने हैं, जिनके बंद होने से हजारों बुनकर बदहाली के कगार पर पहुंच गए थे. जिले के कंबल बुनकरों के लिए अच्छी खबर है कि सरकार ने एक दशक से बंद पड़े कंबल कारखाने को दोबारा चालू करने का फैसला लिया है. पथरिया स्थित बंद कम्बल कारखाने की मशीनें एक बार फिर चलना शुरू कर देंगी. कारखाना शुरू होने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही जिले में बेहतरीन कंबल को एक बार फिर से ओढ़ने का मौका भी मिलेगा.

फिर से चालू होगा बंद पड़ा कंबल कारखाना.

चालू होगा बंद पड़ा कंबल कारखाना

  • मिर्जापुर के इस कारखाने से एक समय आपदा अस्पताल और फोर्स तक कंबल की सप्लाई की जाती थी.
  • माना जा रहा है कि एक बार फिर कारखाना चलने से बदहाल बुनकरों के दिन फिर से बहुरेंगे.
  • ग्रामोद्योग विभाग ने पिछले एक दशक से बंद पड़ी कंबल कारखाने को चलाने का निर्णय शासन की स्वीकृति मिलने के बाद लिया है.
  • कारखाने में तैयार कंबल की मार्केट में काफी डिमांड रहती थी.
  • कारखाने के बंद होने के कारण लोगों को काफी निराशा हुई.
  • कंबल कारखाना खुलने से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उच्च क्वालिटी का कंबल मिल सकेगा.

इसे भी पढ़ें- मिर्जापुर में जरवेरा फूल की डिमांड, कम पानी से अच्छी कमाई कर रहा किसान

कंबल कारखाना खुल जाने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा. जब करखाना पूरी तरह से शुरू हो जाएगा तो 400 से 500 लोगों को रोजगार मिलेगा.

पुराने मशीन को ही रिपेयर करके चलाने का निर्णय लिया गया है. एक हफ्ते शुरू कराने का लक्ष्य है. बंद कारखाने को सरकार द्वारा चालू कराया जा रहा है. इसको चालू कराने के लिए मशीन पर चार लाख शेड पर तीन लाख का खर्च किया गया है. कारखाने में पहले चरण में तैयार कंबल को आपदा विभाग को आपूर्ति की जाएगी. जब फुल प्लेस में मशीनें काम करने लगेंगी उत्पादन अच्छा होने लगेगा, तो आपदा विभाग फोर्स और अस्पतालों में दिया जाएगा.
-जवाहर लाल, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी

Intro:प्रदेश में कई ऐसे कंबल कारखाने हैं जिनके बंद होने से हजारों बुनकर बदहाली के कगार पर पहुंच गए थे ।मगर सुबे के सरकार से एक बार फिर बुनकरों कि आस जगी है। मिर्जापुर जिले के कंबल बुनकरों के लिए अच्छी खबर है। कि सरकार ने एक दशक से बंद पड़े कंबल कारखाने को दोबारा चालू करने का फैसला लिया है। पथरिया स्थित बंद कम्बल कारखाने की मशीनें एक बार फिर चलना शुरू कर देंगे। पुराने मशीन को ही रिपेयर करके चालू कराया जा रहा है। कम्बल कारखाने की मशीनों से जनपद के विकास का पहिया एक बार फिर से तेजी से घूमेगा ।कारखाना शुरू होने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही जनपद में बेहतरीन कंबल को एक बार फिर से ओढ़ने का मौका भी मिलेगा।


Body:मिर्जापुर के इस कारखाने से एक समय आपदा अस्पताल और फोर्स तक कंबल की सप्लाई की जाती थी।माना जा रहा है कि एक बार फिर यह चरखे का चलना और लुमो पर फिर खटरपटर शुरू होने से बदहाल बुनकरों के दिन फिर से बहुरेंगे। ग्रामोद्योग विभाग ने पिछले एक दशक से बंद पड़ी कंबल कारखाने को चलाने का निर्णय शासन की स्वीकृति से मिलने के बाद लिया है। कारखाने में तैयार कंबल की मार्केट में काफी डिमांड रहती थी लेकिन वह बंद होने के कारण लोगों को काफी निराश हुई कंबल कारखाना खुलने से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उच्च क्वालिटी का कंबल मिल सकेगा। कंबल का खाना खुल जाने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा जब फूल प्लेस करखाना चलेगा तो 400 से 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। 2 दिन में एक और कर लगभग 12 सौ कंबल बना लेगा इससे उसको 12 सौ रुपए की आमदनी हो जाएगी। प्रतिदिन 60 से 100 कंबल तक उत्पादन किया जाएगा। पुराने मशीन को ही रिपेयर करके चलाने का निर्णय लिया गया है एक हफ्ते शुरू कराने का लक्ष्य है। बंद कर खाने को सरकार द्वारा चालू कराया जा रहा है इसको चालू कराने के लिए मशीन पर चार लाख शेड पर तीन लाख का खर्च किया गया है कारखाने में पहले चरण में तैयार कंबल को आपदा विभाग को आपूर्ति की जाएगी। जब फुल प्लेस में मशीनें काम करने लगेंगे उत्पादन अच्छा होने लगेगा तो आपदा विभाग फोर्स और अस्पतालों में दिया जाएगा।

बाईट- जवाहर लाल- जिला ग्रामोद्योग अधिकारी


जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630


Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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