मिर्जापुर: प्रदेश में कई ऐसे कंबल कारखाने हैं, जिनके बंद होने से हजारों बुनकर बदहाली के कगार पर पहुंच गए थे. जिले के कंबल बुनकरों के लिए अच्छी खबर है कि सरकार ने एक दशक से बंद पड़े कंबल कारखाने को दोबारा चालू करने का फैसला लिया है. पथरिया स्थित बंद कम्बल कारखाने की मशीनें एक बार फिर चलना शुरू कर देंगी. कारखाना शुरू होने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही जिले में बेहतरीन कंबल को एक बार फिर से ओढ़ने का मौका भी मिलेगा.
चालू होगा बंद पड़ा कंबल कारखाना
- मिर्जापुर के इस कारखाने से एक समय आपदा अस्पताल और फोर्स तक कंबल की सप्लाई की जाती थी.
- माना जा रहा है कि एक बार फिर कारखाना चलने से बदहाल बुनकरों के दिन फिर से बहुरेंगे.
- ग्रामोद्योग विभाग ने पिछले एक दशक से बंद पड़ी कंबल कारखाने को चलाने का निर्णय शासन की स्वीकृति मिलने के बाद लिया है.
- कारखाने में तैयार कंबल की मार्केट में काफी डिमांड रहती थी.
- कारखाने के बंद होने के कारण लोगों को काफी निराशा हुई.
- कंबल कारखाना खुलने से लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उच्च क्वालिटी का कंबल मिल सकेगा.
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कंबल कारखाना खुल जाने से पहले चरण में 200 लोगों को रोजगार मिलेगा. जब करखाना पूरी तरह से शुरू हो जाएगा तो 400 से 500 लोगों को रोजगार मिलेगा.
पुराने मशीन को ही रिपेयर करके चलाने का निर्णय लिया गया है. एक हफ्ते शुरू कराने का लक्ष्य है. बंद कारखाने को सरकार द्वारा चालू कराया जा रहा है. इसको चालू कराने के लिए मशीन पर चार लाख शेड पर तीन लाख का खर्च किया गया है. कारखाने में पहले चरण में तैयार कंबल को आपदा विभाग को आपूर्ति की जाएगी. जब फुल प्लेस में मशीनें काम करने लगेंगी उत्पादन अच्छा होने लगेगा, तो आपदा विभाग फोर्स और अस्पतालों में दिया जाएगा.
-जवाहर लाल, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी