मेरठ: आम तौर पर रुद्राक्ष का आध्यात्मिक पहलू सभी जानते हैं. लेकिन, इसका वैज्ञानिक पहलू भी है. रुद्राक्ष और विज्ञान का अनूठा नाता है. एकमुखी से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष के अपने-अपने फायदे हैं. इन्हीं फायदों को वैज्ञानिक आयाम देने में जुटा है. मेरठ का शोभित विश्वविद्याल रुद्राक्ष (Rudraksh) पर रिसर्च कर रहा है. इसके लिए 27 और 28 अक्टूबर को विशाल रुद्राक्ष मेला लगने जा रहा है. इसमें रुद्राक्ष को वैज्ञानिक और ज्योतिषीय आधार पर प्रमाणित करने को लेकर व्याख्यान होंगे. रुद्राक्ष के विविध रूपों पर विद्वान अपने शोध पढ़ेंगे.
शोभित विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉक्टर जयानंद ने बताया कि वेस्ट यूपी में अपने तरह का यह पहला ऐसा कार्यक्रम है. जो इतने बड़े स्तर पर होने जा रहा है. उन्होंने बताया 27 और 28 अक्टूबर को विवि में कॉन्फ्रेंस आयोजित होने जा रही है. इसमें 100 से अधिक नेशनल और इंटरनेशनल वक्ता रुद्राक्ष पर हुए शोध और निष्कर्ष पर सभी को जागरुक करेंगे.
कुलपति डॉक्टर जयानंद ने बताया कि रुद्राक्ष हमारे जीवनशैली को एक अलग ढंग से इम्प्रूव कर सकता है. इन सभी तथ्यों पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कांन्फ्रेंस के अंदर प्रकाश डाला जाएगा. इसके अलावा रुद्राक्ष मेला भी आयोजित किया जाएगा. हम रुद्राक्ष को अपने जीवन का कैसे महत्वपूर्ण अंग बना सकते हैं और कैसे हम अपने जीवन में सुधार ला सकते हैं. इस मेले में ये सब हमें सीखने को मिलेगा. वहीं, देश और विदेश में मिलने वाले सभी रुद्राक्षों को एक ही जगह प्रदर्शित किया जाएगा.
बता दें कि शोभित विश्वविद्यालय में काफी वर्षों से रुद्राक्ष पर शोध जारी है. विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संदीप तेवतिया कहते हैं कि रुद्राक्ष का आधुनिक और पौराणिक विज्ञान दोनों में महत्व है. रुद्राक्ष को लेकर यहां लंबे समय से स्रोत चल रहा है. जिसमें यह बात तो पहले ही साबित हो चुकी है कि रुद्राक्ष में विद्युत चुम्बकीय व्यवहार होता है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विशेष रूप से एस्ट्रोलॉजर, महंत और वैज्ञानिक एक साथ मौजूद रहेंगे. वहीं, रेडियोलौजिस्ट और उनके शोध करने वाले युवा भी मौजूद रहेंगे.
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