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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार - covid-19

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन आरोपियों को मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार सभी आरोपी शुभकामना नर्सिंग होम के नर्सिंग स्टाफ हैं.

इंजेक्शन की कालाबाजारी
इंजेक्शन की कालाबाजारी
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Published : Apr 28, 2021, 10:45 AM IST

मेरठ : पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 3 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपी मरीजों के परिजनों की मजबूरी का फायदा उठाकर एक इंजेक्शन को 25 से 45 हजार रुपये तक बेच रहे थे.

इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़
इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़

कई बार बेचा करते थे एक ही रेमडेसिविर इंजेक्शन

ये मामला मेरठ के नामचीन अस्पतालों में गिने जाने वाले शुभकामना अस्‍पताल में देखने को मिला. थाना नौचंदी इलाके के शास्त्रीनगर आरटीओ रोड पर शुभकामना अस्पताल है. यहां कई कोरोना संक्रमित मरीज अपना इलाज करा रहे हैं. अस्पताल के स्टाफ द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन बदल कर बेचा जा रहा था. गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि एक इंजेक्शन को मरीजों से बचा कर कई बार बेच देते थे. आरोपी रेमडेसिविर की जगह डिस्टिल वाटर लगाकर इंजेक्‍शन को बचा लेते थे, जिससे एक इंजेक्शन कई बार बेचकर लाखों रुपये कमा रहे थे.


ओटी इंचार्ज भागने में कामयाब

मामले को लेकर एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि शुभकामना अस्पताल में तैनात एक स्टाफ द्वारा रेमडेसिविर की कालाबाजारी की शिकायत मिल रही थी. अस्पताल के ओ.टी. इंचार्ज तंजीम इंजेक्शन के लिए तीमारदारों से 25 से 45 हजार रुपये तक में सौदा कर रहा था. इंजेक्शन के लिए एक तीमारदार ने तंजीम से संपर्क किया था. तंजीम ने एक साथ तीन इंजेक्शन खरीदने पर 75 हजार रुपये में सौदा किया था. इतना ही नहीं, इंजेक्शन की डिलीवरी के लिए अस्पताल के वार्ड ब्वॉय आफताब, अदनान और मोमीन को भेजा गया था. मौके पर पहुंच कर पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. वहीं, ओटी इंचार्ज तंजीम अस्पताल से भागने में कामयाब हो गया. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 3 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए हैं.


पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया है कि अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों को लगाने वाले रेमडेसिविर की जगह डिस्टिल वॉटर का इस्तेमाल कर इंजेक्शन बचा लेते थे. इस कारनामे में अस्पताल प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है, जिसकी जांच कराई जा रही है. फिलहाल गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.

-अजय साहनी, एसएसपी

मेरठ : पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 3 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. गिरफ्तार आरोपी मरीजों के परिजनों की मजबूरी का फायदा उठाकर एक इंजेक्शन को 25 से 45 हजार रुपये तक बेच रहे थे.

इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़
इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़

कई बार बेचा करते थे एक ही रेमडेसिविर इंजेक्शन

ये मामला मेरठ के नामचीन अस्पतालों में गिने जाने वाले शुभकामना अस्‍पताल में देखने को मिला. थाना नौचंदी इलाके के शास्त्रीनगर आरटीओ रोड पर शुभकामना अस्पताल है. यहां कई कोरोना संक्रमित मरीज अपना इलाज करा रहे हैं. अस्पताल के स्टाफ द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन बदल कर बेचा जा रहा था. गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि एक इंजेक्शन को मरीजों से बचा कर कई बार बेच देते थे. आरोपी रेमडेसिविर की जगह डिस्टिल वाटर लगाकर इंजेक्‍शन को बचा लेते थे, जिससे एक इंजेक्शन कई बार बेचकर लाखों रुपये कमा रहे थे.


ओटी इंचार्ज भागने में कामयाब

मामले को लेकर एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि शुभकामना अस्पताल में तैनात एक स्टाफ द्वारा रेमडेसिविर की कालाबाजारी की शिकायत मिल रही थी. अस्पताल के ओ.टी. इंचार्ज तंजीम इंजेक्शन के लिए तीमारदारों से 25 से 45 हजार रुपये तक में सौदा कर रहा था. इंजेक्शन के लिए एक तीमारदार ने तंजीम से संपर्क किया था. तंजीम ने एक साथ तीन इंजेक्शन खरीदने पर 75 हजार रुपये में सौदा किया था. इतना ही नहीं, इंजेक्शन की डिलीवरी के लिए अस्पताल के वार्ड ब्वॉय आफताब, अदनान और मोमीन को भेजा गया था. मौके पर पहुंच कर पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. वहीं, ओटी इंचार्ज तंजीम अस्पताल से भागने में कामयाब हो गया. गिरफ्तार आरोपियों के पास से 3 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए हैं.


पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया है कि अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों को लगाने वाले रेमडेसिविर की जगह डिस्टिल वॉटर का इस्तेमाल कर इंजेक्शन बचा लेते थे. इस कारनामे में अस्पताल प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है, जिसकी जांच कराई जा रही है. फिलहाल गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.

-अजय साहनी, एसएसपी

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