मेरठ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना हवा हवाई साबित होती नजर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पीएम बनने के बाद सांसद आदर्श ग्राम योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के तहत हर सांसद को अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र के 3-3 गांव को गोद लेकर विकास कार्य कर आदर्श गांव बनाने के निर्देश दिए थे. पीएम मोदी के निर्देश पर मेरठ के स्थानीय सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने 2019 में गांव भगवानपुर चटावन गांव को गोद लेकर ग्रामीणों को आदर्श गांव बनाने का सपना दिखाया था. दो सालों में गांव को आदर्श गांव बनाना तो दूर चुनाव जीतने के बाद सांसद गांव में एक-दो बार ही पहुंचे है.गांव की गलियों में बहता गंदा पानी और टूटी फूटी नालियां सांसद आदर्श ग्राम योजना की पोल खोल रहे हैं. ग्रामीणों में गांव की हालत को लेकर आक्रोश बना हुआ है.
सांसद ने गोद लिया था भगवानपुर, फिर भगवान भरोसे छोड़ दिया
यूपी के मेरठ में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गए गांव भगवानपुर चटावन के हाल बेहाल हैं. 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने इस गांव को गोद लिया था. सात साल बीत जाने के बाद भी इस गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुए हैं. ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि गोद लिए जाने से पहले विधायक, एमएलसी, जिला पंचायत या फिर जिला पंचायत अध्यक्ष के कोटे से विकास कार्य हो जाते थे, लेकिन जब से गांव को आदर्श ग्राम योजना में शामिल किया गया है. तब से गांव के लोग अन्य योजनाओं से भी वंचित रह गए हैं. सांसद के झूठे दावे के बाद अब भगवानपुर चटावन गांव के लोग सांसद आदर्श ग्राम योजना के नाम पर अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
मेरठ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना हवा हवाई साबित होती नजर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पीएम बनने के बाद सांसद आदर्श ग्राम योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के तहत हर सांसद को अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र के 3-3 गांव को गोद लेकर विकास कार्य कर आदर्श गांव बनाने के निर्देश दिए थे. पीएम मोदी के निर्देश पर मेरठ के स्थानीय सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने 2019 में गांव भगवानपुर चटावन गांव को गोद लेकर ग्रामीणों को आदर्श गांव बनाने का सपना दिखाया था. दो सालों में गांव को आदर्श गांव बनाना तो दूर चुनाव जीतने के बाद सांसद गांव में एक-दो बार ही पहुंचे है.गांव की गलियों में बहता गंदा पानी और टूटी फूटी नालियां सांसद आदर्श ग्राम योजना की पोल खोल रहे हैं. ग्रामीणों में गांव की हालत को लेकर आक्रोश बना हुआ है.