मेरठ: दिसंबर महीने के पहले पखवाड़े में कोहरे का असर देखने को मिल रहा है. जहां 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घना कोहरा आमजन के लिए मुसीबत बना हुआ है. कोहरे के साथ ठंड भी अपना असर दिखा रही है. कोहरे की वजह से विजिबिलिटी शून्य के बराबर हो गई हैं. दूर से आने वाले वाहन तो दूर सामने 2 मीटर की दूरी पर सामने का वाहन भी दिखाई नहीं दे रहा है. जिसके चलते वाहन चालकों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. आलम है कि वाहनों की हेड लाइट जलाकर सफर करना पड़ रहा है. घने कोहरे में सड़क हादसे का डर अलग से सता रहा है.
बता दें कि सर्दी का मौसम आते ही कोहरा सबसे ज्यादा आम जनता को परेशान करता है. मंगलवार को पहली बार घना देखने को मिल रहा है. पूरे पर्यावरण को कोहरे की सफेद चादर ने अपनी चपेट में लिया हुआ है. चारों तरफ कोहरा ही कोहरा देखने को मिल रहा है. सुबह 10 तक भी कोहरा कम नहीं हो पा रहा है. कोहरे के साथ ठंड भी अपना असर दिखा रही है. ठिठुरन बढ़ती जा रही है. हर कोई सूर्य देवता के निकलने का इंतजार कर रहा है.
हाइवे पर यातायात हुआ प्रभावित
सर्दी ने अपना सितम ढहाना शुरू कर दिया है. दिसंबर महीने में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. लोगों ने अलाव जला कर जहां ताप लेना पड़ रहा है. वहीं घना कोहरा मुसीबत बना हुआ है. कोहरे की वजह से हाइवे पर यातायात पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. विजिबिलिटी शून्य के बराबर हो गई है. वाहन चलाकों को सामने कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. हादसे से बचने के लिए दिन में भी हेड लाइट जलाकर सफर करना पड़ रहा है. विजिबिलिटी शून्य के बराबर होने की वजह से आगे वाले वाहन दिखाई नहीं दे रहे हैं.
वाहन चलाकों को वाहन टकराने का डर
घना कोहरे के कारण वाहन चालकों को वाहन आपस में टकराने का डर भी सता रहा है. विजिबिलिटी कम होने के कारण वाहनों की रफ्तार पूरी तरह रुक सी गई है. दिल्ली देहरादून हाइवे पर वाहन रेंग रेंग कर चल रहे हैं. दूर-दूर तक कोहरे के अलावा कुछ भी दिखाई नही दे रहा है.