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लखनऊ: किसानों का आरोप, रियल स्टेट कंपनी और प्रशासन ने जमीन खरीद में किया फर्जीवाड़ा - लखनऊ न्यूज

राजधानी लखनऊ में एक निजी कंपनी ने हाउसिंग सिटी बनाने के लिए फर्जी तरीके से किसानों की जमीन अपने नाम करवा ली. वहीं मामला संज्ञान में आने के बाद एसडीएम सरोजिनी नगर ने जांच के आदेश दिए हैं.

ईटीवी भारत से अपनी समस्या बताता किसान.
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Published : Jun 17, 2019, 11:57 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 7:27 AM IST

लखनऊ: कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में एक निजी कंपनी द्वारा हाउसिंग सिटी के लिए फर्जी तरीके से किसानों की जमीन अधिग्रहण कर ली गई. किसानों का आरोप है कि कंपनी और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते उनकी जमीन कंपनी के नाम कर दी गई है, जिससे कंपनी औने-पौने दाम पर उनकी जमीन को खरीद सके. मामला जानकारी में आने पर एसडीएम सरोजनी नगर चंदन पटेल ने कहा कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

किसानों से बातचीत करते संवाददाता.

जानें क्या है फर्जी जमीन अधिग्रहण का मामला

  • राजधानी लखनऊ के कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में एक निजी कंपनी हाउसिंग सिटी का निर्माण करा रही है.
  • इसके लिए बड़ी संख्या में किसानों की जमीन फर्जी तरीके से कंपनी के नाम कर दी गई है.
  • किसानों ने इसके लिए न तो कोई लिखा पढ़ी की है और न ही कंपनी के नाम जमीन का बैनामा किया है.
  • जमीन अधिग्रहण का काम भी एलडीए और जिला प्रशासन की ओर से नहीं किया गया है.
  • किसानों का आरोप है कि कंपनी और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते उनकी जमीन कंपनी के नाम कर दी गई है.
  • किसानों की जमीन की खतौनी पर कंपनी का नाम चढ़ने पर जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है .
  • एलडीए के कर्मचारियों की मिलीभगत की भी बात सामने आई है.
  • किसान अपनी जमीन पर कोई काम कराना चाहते हैं, तो एलडीए के कर्मचारी आकर उन्हें रोक देते हैं.
  • एलडीए के आलाधिकारियों का कहना है कि हम इस जमीन के अधिग्रहण में शामिल नहीं हैं.
  • एसडीएम सरोजनी नगर ने स्वीकारा कि बड़े पैमाने पर कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में किसानों की जमीन कंपनी के नाम ट्रांसफर होने की शिकायतें मिली हैं.
  • एसडीएम ने कैंप लगाकर किसानों की जमीन ट्रांसफर होने से जुड़ी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया है.
  • वहीं एलडीए सचिव का कहना है कि एलडीए कंपनी के लिए भूमि अधिग्रहण का काम नहीं कर रहा है.

लखनऊ: कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में एक निजी कंपनी द्वारा हाउसिंग सिटी के लिए फर्जी तरीके से किसानों की जमीन अधिग्रहण कर ली गई. किसानों का आरोप है कि कंपनी और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते उनकी जमीन कंपनी के नाम कर दी गई है, जिससे कंपनी औने-पौने दाम पर उनकी जमीन को खरीद सके. मामला जानकारी में आने पर एसडीएम सरोजनी नगर चंदन पटेल ने कहा कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

किसानों से बातचीत करते संवाददाता.

जानें क्या है फर्जी जमीन अधिग्रहण का मामला

  • राजधानी लखनऊ के कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में एक निजी कंपनी हाउसिंग सिटी का निर्माण करा रही है.
  • इसके लिए बड़ी संख्या में किसानों की जमीन फर्जी तरीके से कंपनी के नाम कर दी गई है.
  • किसानों ने इसके लिए न तो कोई लिखा पढ़ी की है और न ही कंपनी के नाम जमीन का बैनामा किया है.
  • जमीन अधिग्रहण का काम भी एलडीए और जिला प्रशासन की ओर से नहीं किया गया है.
  • किसानों का आरोप है कि कंपनी और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते उनकी जमीन कंपनी के नाम कर दी गई है.
  • किसानों की जमीन की खतौनी पर कंपनी का नाम चढ़ने पर जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है .
  • एलडीए के कर्मचारियों की मिलीभगत की भी बात सामने आई है.
  • किसान अपनी जमीन पर कोई काम कराना चाहते हैं, तो एलडीए के कर्मचारी आकर उन्हें रोक देते हैं.
  • एलडीए के आलाधिकारियों का कहना है कि हम इस जमीन के अधिग्रहण में शामिल नहीं हैं.
  • एसडीएम सरोजनी नगर ने स्वीकारा कि बड़े पैमाने पर कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में किसानों की जमीन कंपनी के नाम ट्रांसफर होने की शिकायतें मिली हैं.
  • एसडीएम ने कैंप लगाकर किसानों की जमीन ट्रांसफर होने से जुड़ी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया है.
  • वहीं एलडीए सचिव का कहना है कि एलडीए कंपनी के लिए भूमि अधिग्रहण का काम नहीं कर रहा है.
Intro:नोट- पहली बाइट एडीएम सरोजिनी नगर- चंदन पटेल दूसरी बाइट सचिव एलडीए- एमपी सिंह बाइट में किसानों के नाम पहले किसान - भोलानाथ दूसरा किसान- कल्लू तीसरा किसान- मास्टर चौथा किसान- सुरेंद्र एंकर लखनऊ। भले ही प्रदेश की योगी सरकार एंटी भू माफिया के नाम पर जमीनों पर अतिक्रमण करने वालों पर कार्यवाही की बात करती हो लेकिन प्रदेश में जमीनों को लेकर होने वाले खेल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में किसानों की जमीन एक निजी कंपनी के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई है। जमीन ट्रांसफर हो जाने के बाद किसान हाथों में दस्तावेज लिए दर बदर की ठोकरें खा रहे हैं। जमीन ट्रांसफर हो जाने के बाद पीड़ित लेखपाल से लेकर डीएम मुख्यमंत्री तक शिकायत कर चुके हैं लेकिन इन किसानों को राहत नहीं मिल रही है। मामला राजधानी लखनऊ के कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत का है जहां पर एक निजी कंपनी हाउसिंग सिटी का निर्माण कर रही है। बड़ी संख्या में किसानों की जमीन कंपनी के नाम कर दी गई है जबकि किसानों ने न ही कोई लिखा पढ़ी की है और न ही बैनामा जमीन अधिग्रहण का काम भी एलडीए जिला प्रशासन की ओर से नहीं किया जा रहा है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर जमीन अपने आप निजी कंपनी के नाम ट्रांसफर हुई तो कैसे हुई? गांव वालों का आरोप है कि कंपनी वा जिला प्रशासन के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते उनकी जमीन कंपनी के नाम कर दी गई है जिससे कंपनी औने पौने दाम पर उनकी जमीन खरीद सके।


Body:वियो जिस तरीके से किसानों की जमीनों की खतौनी पर कंपनी का नाम चढ़ाया गया है उससे पूरे प्रकरण में में कुछ खेल होने की बू आ रही है। हालांकि जिम्मेदार कर्मचारियों व अधिकारियों का कहना है कि या एक मानवीय भूल हो सकती है लेकिन मानवीय भूल होती तो या तमाम अन्य खतौनी पर भी लागू होती ज्यादातर मामले सिर्फ निजी कंपनियों से जुड़े हुए क्यों होते हैं? ऐसे में पीड़ितों का आरोप है कि कंपनी क्योंकि सस्ती दरों पर गांव वालों की जमीन खरीदना चाहती है उसके इशारे पर ही जिला प्रशासन के जिम्मेदार कर्मचारी मिलीभगत करके उनकी जमीन कंपनी के नाम कर दे रहे हैं जिससे कंपनी उनसे औने पौने दाम पर जमीन खरीद सके। गांव में मजबूर किसान के परिवार हैं जिनके पास भूमि का छोटा सा टुकड़ा है जिला प्रशासन के इस खरल के चलते यह गांव वाले अपनी जमीन पर रहने के लिए घर भी नहीं बना पा रहे हैं ऐसे में एलडीए के कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है जब यह किसान अपनी जमीन पर कोई काम कराना चाहते हैं तो एलडीए के कर्मचारी आकर उन्हें रोक देते हैं जबकि एलडीए के आला अधिकारियों का कहना है कि हम इस जमीन के अधिग्रहण में इन्वॉल्व नहीं है। जिस तरीके से किसानों की जमीन कंपनी के नाम कर दी जा रही है इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि हो सकता है कि जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी व कर्मचारी मिलीभगत करके किसानों की जमीन मनमाने तरीके से अपने नाम करना चाहते हैं शायद यही कारण होगा कि कंपनी ने एलडीए को जमीन अधिग्रहण करने के लिए नहीं चुना किसानों का आरोप है कि गांव के पास में ही शहीद पथ के लिए जमीन अधिकृत की गई सरकार ने मोटी रकम किसानों को उपलब्ध कराएं वहीं कंपनी किसानों को मुआवजा नहीं देना चाहती है लिहाजा कंपनी इस तरीका का खेल करके किसानों की जमीन कम दरों पर हथियाना चाहती है। इस बारे में जब एसडीएम सरोजनी नगर से बातचीत की गई तो उन्होंने स्वीकारा कि बड़े पैमाने पर कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में किसानों की जमीन कंपनी के नाम ट्रांसफर होने की शिकायतें मिली है। एसडीएम ने इस पूरे प्रकरण की जांच कराने की बात भी कही है। अब देखना यह है कि जांच अपने नतीजे पर पहुंच पाती है कि नहीं हालांकि फिलहाल एसडीएम ने कैंप लगाकर किसानों की जमीन ट्रांसफर होने से जुड़ी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया है। इस पूरे प्रकरण पर एलडीए ने अपना पडला झाड़ा है एलडीए सचिव का कहना है एलडीए कंपनी के लिए भूमि अधिग्रहण का काम नहीं कर रहा है


Conclusion:
Last Updated : Jun 18, 2019, 7:27 AM IST
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