लखनऊ: कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में एक निजी कंपनी द्वारा हाउसिंग सिटी के लिए फर्जी तरीके से किसानों की जमीन अधिग्रहण कर ली गई. किसानों का आरोप है कि कंपनी और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते उनकी जमीन कंपनी के नाम कर दी गई है, जिससे कंपनी औने-पौने दाम पर उनकी जमीन को खरीद सके. मामला जानकारी में आने पर एसडीएम सरोजनी नगर चंदन पटेल ने कहा कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
जानें क्या है फर्जी जमीन अधिग्रहण का मामला
- राजधानी लखनऊ के कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में एक निजी कंपनी हाउसिंग सिटी का निर्माण करा रही है.
- इसके लिए बड़ी संख्या में किसानों की जमीन फर्जी तरीके से कंपनी के नाम कर दी गई है.
- किसानों ने इसके लिए न तो कोई लिखा पढ़ी की है और न ही कंपनी के नाम जमीन का बैनामा किया है.
- जमीन अधिग्रहण का काम भी एलडीए और जिला प्रशासन की ओर से नहीं किया गया है.
- किसानों का आरोप है कि कंपनी और जिला प्रशासन के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते उनकी जमीन कंपनी के नाम कर दी गई है.
- किसानों की जमीन की खतौनी पर कंपनी का नाम चढ़ने पर जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है .
- एलडीए के कर्मचारियों की मिलीभगत की भी बात सामने आई है.
- किसान अपनी जमीन पर कोई काम कराना चाहते हैं, तो एलडीए के कर्मचारी आकर उन्हें रोक देते हैं.
- एलडीए के आलाधिकारियों का कहना है कि हम इस जमीन के अधिग्रहण में शामिल नहीं हैं.
- एसडीएम सरोजनी नगर ने स्वीकारा कि बड़े पैमाने पर कल्ली पश्चिम ग्राम पंचायत में किसानों की जमीन कंपनी के नाम ट्रांसफर होने की शिकायतें मिली हैं.
- एसडीएम ने कैंप लगाकर किसानों की जमीन ट्रांसफर होने से जुड़ी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया है.
- वहीं एलडीए सचिव का कहना है कि एलडीए कंपनी के लिए भूमि अधिग्रहण का काम नहीं कर रहा है.