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मेरठ: रजनीगंधा के फूल किसानों के जीवन में घोल रहे सुगंध

पश्चिमी यूपी में किसान फूलों की खेती कर लाभ कमा रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान फूलों की खेती कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस समय जो मौसम है, वह रजनीगंधा के फूलों की खेती के लिए उपयुक्त है.

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किसान कर रहे फूलों की खेती.
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Published : Feb 1, 2020, 8:11 AM IST

मेरठः पश्चिमी यूपी में फूलों की खेती कर किसान अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं. यहां पैदा हो रहे फूल न केवल राजधानी दिल्ली की मंडी में जा रहे हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी बड़े पैमाने पर यहां के फूलों की मांग बनी हुई है.

रजनीगंधा के फूलों की खेती.

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को फूलों की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. साथ ही किसानों को समय-समय पर फूलों की खेती के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इस बार विंटर रेन अधिक होने से फूलों की खेती के लिए अनुकूल नमी बनी हुई है. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय किसानों को रजनीगंधा की खेती के लिए अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.

डॉ. सुनील मलिक का कहना है कि फरवरी का महीना रजनीगंधा की खेती के लिए उपयुक्त है. किसानों को वैज्ञानिक सलाह के साथ रजनीगंधा की खेती करनी चाहिए ताकि वह अपनी फसल का अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त कर सकें. रजनीगंधा की बाजार में डिमांड अधिक है. उन्होंने बताया कि रजनीगंधा की तीन प्रजातियों की डिमांड सबसे अधिक है.

इसे भी पढ़ें- मेरठ: मौसम की मार से इस बार गेहूं की बुवाई पर मंडराया संकट

इनमें मैक्सीकन सिंगल प्रजाति के फूल सफेद रंग के होते हैं. मैक्सिकन डबल प्रजाति के फूलों पर दोहरी पंखुड़ी होती हैं और यह हल्का गुलाबी रंग का होता है. तीसरी प्रजाति स्वर्णलता है. इस प्रजाति में हल्की गुलाबी रंग की पंखुड़ियां होती हैं.

मेरठः पश्चिमी यूपी में फूलों की खेती कर किसान अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं. यहां पैदा हो रहे फूल न केवल राजधानी दिल्ली की मंडी में जा रहे हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी बड़े पैमाने पर यहां के फूलों की मांग बनी हुई है.

रजनीगंधा के फूलों की खेती.

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को फूलों की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. साथ ही किसानों को समय-समय पर फूलों की खेती के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इस बार विंटर रेन अधिक होने से फूलों की खेती के लिए अनुकूल नमी बनी हुई है. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय किसानों को रजनीगंधा की खेती के लिए अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए.

डॉ. सुनील मलिक का कहना है कि फरवरी का महीना रजनीगंधा की खेती के लिए उपयुक्त है. किसानों को वैज्ञानिक सलाह के साथ रजनीगंधा की खेती करनी चाहिए ताकि वह अपनी फसल का अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त कर सकें. रजनीगंधा की बाजार में डिमांड अधिक है. उन्होंने बताया कि रजनीगंधा की तीन प्रजातियों की डिमांड सबसे अधिक है.

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इनमें मैक्सीकन सिंगल प्रजाति के फूल सफेद रंग के होते हैं. मैक्सिकन डबल प्रजाति के फूलों पर दोहरी पंखुड़ी होती हैं और यह हल्का गुलाबी रंग का होता है. तीसरी प्रजाति स्वर्णलता है. इस प्रजाति में हल्की गुलाबी रंग की पंखुड़ियां होती हैं.

Intro:मेरठ: फूलों की खेती है लाभकारी, इस समय रजनीगन्धा की करें तैयारी

वेस्ट यूपी में किसान फूलों की खेती कर लाभ कमा रहे हैं। बड़ी संख्या में किसान फूलों की खेती कर रहे हैं। इस समय जो मौसम है वह रजनीगन्धा फूलों की खेती के लिए उपयुक्त हैं।

मेरठ। वेस्ट यूपी में फूलों की खेती कर किसान अपने आमदनी में इजाफा कर रहे हैं। यहां पैदा हो रहे फूल ने केवल राजधानी दिल्ली की मंडी में जा रहे हैं, बल्कि लोकल स्तर पर भी बड़े पैमाने पर यहां के फूलों की डिमांड बनी हुई है। यह वर्तमान मौसम रजनीगंधा की खेती के लिए यह उपयुक्त है।




Body:सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को फूलों की खेती के बारे में न केवल विस्तार से जानकारी दी जा रही है बल्कि उन्हें समय-समय पर फूलों की खेती के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस बार विंटर रेन अधिक होने से वातावरण में फूलों की खेती के लिए अनुकूल नमी बनी हुई है। यह समय रजनीगंधा के फूलों खेती के लिए उपयुक्त बताया गया है। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का कहना है इस समय किसानों को रजनीगंधा की खेती के लिए अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। फरवरी का महीना रजनीगंधा की खेती के लिए उपयुक्त है। किसानों को वैज्ञानिक सलाह के साथ रजनीगंधा की खेती करनी चाहिए ताकि वह अपनी फसल का अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त कर सकें।
रजनीगंधा की बाजार में डिमांड अधिक है रजनीगंधा की तीन प्रजातियों की डिमांड सबसे अधिक है। इनमें मैक्सीकन सिंगल प्रजाति के फूल सफेद रंग के होते हैं। मैक्सिकन डबल प्रजाति के फूलों पर दोहरी पंखुड़ी होती है और यह हल्का गुलाबी रंग का होता है। तीसरी प्रजाति स्वर्णलता है इस प्रजाति में हल्की गुलाबी रंग की पंखुड़ियां होती है।




Conclusion:सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुनील मलिक के मुताबिक इस समय रजनीगंधा की फसल लेने के लिए किसानों को तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। आगामी दिनों में फूलों की फसल लेने के लिए यह उपयुक्त समय है। इसलिए किसानों को रजनीगंधा की फसल तैयारी में देर नहीं करनी चाहिए।

बाइट- सुनील मलिक, प्रोफेसर कृषि विश्वविद्यालय

अजय चौहान
9897799794

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