मेरठ: यूपी पुलिस की आरक्षी भर्ती परीक्षा के दौरान पिछले दिनों दो फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा गया था. दरअसल इन अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट का मिलान बायोमेट्रिक मशीन से नहीं हुआ था. पूछताछ के दौरान पता चला कि दोनों अभ्यर्थियों ने सॉल्वर गिरोह के माध्यम से दो-दो लाख की रकम देकर किसी अन्य व्यक्ति से अपनी लिखित परीक्षा दिलाई थी, जिसके बाद क्राइम ब्रांच को मामले की जांच सौंपी गई थी.
50 हजार रुपये कैश बरामद
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि संयुक्त जांच करते हुए क्राइम ब्रांच और सिविल लाइन थाने की टीम ने सॉल्वर गिरोह के सरगना चंडीगढ़ निवासी जसवीर को धर दबोचा. पूछताछ के दौरान जसवीर ने एक कैंडिडेट की परीक्षा खुद देने की बात कबूली. जसवीर से पूछताछ के बाद उसके साथी अंकुर, परविंदर और सचिन को भी गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार फर्जी अभ्यर्थियों के पास से भारी मात्रा में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रवेश पत्र, आई कार्ड, दो लग्जरी कार, तीन महंगे मोबाइल, एटीएम कार्ड समेत 50 हजार रुपये कैश बरामद किया गया.
कई जिलों में सक्रिय है यह गैंग
अजय साहनी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जसवीर ने पुलिस, रेलवे, एसएससी, सेंट्रल एयरमैन, नेवी और अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने सॉल्वर बिठाकर अभ्यर्थियों से परीक्षाएं दिलवाई हैं. इसके साथ ही दो से सात लाख रुपये की रकम वसूलकर दर्जनों लोगों को नौकरी पर लगवा चुका है. आरोपी जसवीर के कब्जे से एक ऐसी डायरी भी बरामद हुई है, जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बिठाए गए अभ्यर्थियों का लेखा-जोखा है. डायरी में वसूली जाने वाली रकम का भी हिसाब है. एसएसपी ने बताया कि यह गिरोह यूपी सहित दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड में सक्रिय है.