मेरठः गौ आधारित जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पांडव नगरी हस्तिनापुर में भारतीय किसान संघ के द्वारा अखिल भारतीय कृषक संगम कार्यक्रम का रविवार को समापन हुआ. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ 17 मार्च को हुआ था. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी बीते दिन शामिल होने पहुंचे थे. कार्यक्रम के समापन के दौरान भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी ने ईटीवी भारत से मुखातिब हुए. उन्होंने जैविक खेती को आज की सबसे बड़ी जरूरत बताया. उन्होंने कहा कि संगठन लगातार जैविक खेती को बढ़ावा देने को किसानों को जागरूक करने में लगा हुआ है.
बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य है कि ऐसे किसानों को एक मंच पर लाकर उनके अनुभव जन-जन तक पहुंचाने के पीछे की मंशा यही है कि लोग विषमुक्त खेती से परहेज करते हुए गौ-आधारित जैविक खेती करें. इसीलिए यह तीन दिन चलने वाला कार्यक्रम रखा गया था, ताकि किसान अनुभव कर सकें कि कैसे जैविक खेती में सफलता मिल सकती है और उनके अनुभवों से कृषि में बदलाव संभव है.
उन्होंने बताया कि 'हस्तिनापुर में जो भी किसान आए हैं यह सभी वह किसान हैं जो कि किसानों के लिए मार्गदर्शक हैं. जो कि ट्रेनर भी हैं और खुद गौ-आधारित जैविक खेती कर रहे हैं. जैविक खेती को बढ़ावा देने को लेकर भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ा बाजार भी तैयार है.
उन्होंने कहा कि जहां उत्पादन है वहां बाजार है. अभी तो लोग उत्पादन करने वाले किसानों को ढूंढ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बस फिलहाल आवश्यकता है कि किसान इस तरफ बढ़ें, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर हो चाहे राष्ट्रीय स्तर की बात करें जैविक खेती को लेकर डिमांड बहुत ज्यादा है. बाजार को संगठित और व्यवस्थित करने की जरूरत है. बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि जिस तरह से उद्योगपतियों के लिए सरकार रेड कार्पेट बिछाती है, उसी तरह कम से कम जैविक खेती करने वाले किसानों के सरकार पंजीयन फ्री कर दे. उन्होंने कहा कि 'हम सरकार से लगातार लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य मांग रहे हैं, हम एक्स्ट्रा कुछ नहीं मांग रहे हैं'.
पढ़ेंः अजय कुमार लल्लू बोले- दलितों और पिछड़ों के हक के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी कांग्रेस