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मेरठ : बच्चों को प्रभावित करेगी तीसरी लहर, जानिए कितना अलर्ट है स्वास्थ्य विभाग - special ward for children

मेरठ जिले का महिला और पुरुष अस्पताल में 50 बेड का विशेष और मेडिकल कॉलेज में 50 बेड का आईसीयू वार्ड तैयार किया जा रहा है. यह काम कोरोना की तीसरी लहर (coronavirus third wave ) को देखते हुए किया जा रहा है. ताकि बच्चों के इलाज में किसी तरह की दिक्कत न पैदा हो सके.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की संभावना
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की संभावना
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Published : Jun 14, 2021, 9:11 AM IST

मेरठ: जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है. तीसरी लहर में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी हैं. वहीं दूसरी लहर को देखने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तीसरे से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है.

मेरठ में महिला और पुरुष अस्पताल में 50-50 बेड का विशेष वार्ड बनाया जा रहा है. जबकि मेडिकल कॉलेज में 50 बेड का आईसीयू बनाने की तैयारी चल रही है. ताकि समय से पहले ही कोरोना की तीसरी लहर के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. जानकारों के मुताबिक तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा पड़ेगा. जिससे अभिभावकों की चिंता बढ़ना लाजमी है. जबकि स्वास्थ्य विभाग विशेष वार्डों में वेंटिलेटर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में लगा हुआ है.

आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर ने हजारों परिवारों को तबाह कर दिया. जानकारों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर का कहर ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. यही वजह है कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देते हुए कहा है कि बच्चों को किसी भी कीमत पर कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाना है.

तीसरी लहर में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ी

सीएम योगी की सख्ती के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले से ही मुस्तैद हो चुकी है. हालांकि मेरठ जिले में दूसरी लहर में भी दो बच्चे कोरोना पॉजिटिव आये थे. जिन्हें शहर के अलग-अलग अस्पताल में भर्ती किया गया था. लेकिन 3 दिन पहले एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं डॉक्टरों की टीम दूसरे बच्चे को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है.

सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि मेरठ जिले में बच्चों के इलाज में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर की कमी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर जिले में सभी पीएचसी और सीएचसी को भी अपडेट किया जा रहा है. तीसरी लहर से पहले ही ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है.

सरकारी अस्पतालों में हर चीज को नए सिरे से अपग्रेड कराया जा रहा है. अगर तीसरी लहर आती है तो समय से उसका इलाज किया जा सके. हालांकि यह कहना अभी मुश्किल है कि तीसरी लहर कितनी ज्यादा खतरनाक होगी. लेकिन सीएम योगी के सख्त निर्देश है कि स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहना है.

मेडिकल प्रिंसिपल ज्ञानेंद्र सिंह ने भी बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ यहां पर लगाए गए हैं. तीसरी लहर दूसरी लहर से भी ज्यादा प्रभावित रहेगी तो बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले से ही कड़े चौकस इंतजाम करने में लगी है. बता दें कि मेरठ जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने करीब 40 बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया था. राहत की बात ये है कि ज्यादातर बच्चों ने कोरोना को मात दी है. जबकि 4 बच्चे अभी एक्टिव चल रहे हैं. जबकि एक बच्चे की कोरोना से मौत भी हुई है.

इसे भी पढ़ें-चलो भाई साहब! डरो मत, कोरोना वैक्सीन लगवा लो

मेरठ: जिले में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है. तीसरी लहर में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी हैं. वहीं दूसरी लहर को देखने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तीसरे से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है.

मेरठ में महिला और पुरुष अस्पताल में 50-50 बेड का विशेष वार्ड बनाया जा रहा है. जबकि मेडिकल कॉलेज में 50 बेड का आईसीयू बनाने की तैयारी चल रही है. ताकि समय से पहले ही कोरोना की तीसरी लहर के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. जानकारों के मुताबिक तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा पड़ेगा. जिससे अभिभावकों की चिंता बढ़ना लाजमी है. जबकि स्वास्थ्य विभाग विशेष वार्डों में वेंटिलेटर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में लगा हुआ है.

आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर ने हजारों परिवारों को तबाह कर दिया. जानकारों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर का कहर ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है. यही वजह है कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देते हुए कहा है कि बच्चों को किसी भी कीमत पर कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाना है.

तीसरी लहर में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ी

सीएम योगी की सख्ती के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले से ही मुस्तैद हो चुकी है. हालांकि मेरठ जिले में दूसरी लहर में भी दो बच्चे कोरोना पॉजिटिव आये थे. जिन्हें शहर के अलग-अलग अस्पताल में भर्ती किया गया था. लेकिन 3 दिन पहले एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं डॉक्टरों की टीम दूसरे बच्चे को बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है.

सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि मेरठ जिले में बच्चों के इलाज में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर की कमी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर जिले में सभी पीएचसी और सीएचसी को भी अपडेट किया जा रहा है. तीसरी लहर से पहले ही ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है.

सरकारी अस्पतालों में हर चीज को नए सिरे से अपग्रेड कराया जा रहा है. अगर तीसरी लहर आती है तो समय से उसका इलाज किया जा सके. हालांकि यह कहना अभी मुश्किल है कि तीसरी लहर कितनी ज्यादा खतरनाक होगी. लेकिन सीएम योगी के सख्त निर्देश है कि स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहना है.

मेडिकल प्रिंसिपल ज्ञानेंद्र सिंह ने भी बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ यहां पर लगाए गए हैं. तीसरी लहर दूसरी लहर से भी ज्यादा प्रभावित रहेगी तो बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले से ही कड़े चौकस इंतजाम करने में लगी है. बता दें कि मेरठ जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने करीब 40 बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया था. राहत की बात ये है कि ज्यादातर बच्चों ने कोरोना को मात दी है. जबकि 4 बच्चे अभी एक्टिव चल रहे हैं. जबकि एक बच्चे की कोरोना से मौत भी हुई है.

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