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लाखों का पेसमेकर फ्री में लगवाने का मौका! 23 साल से शिविर लगा रहा ये दिल का डॉक्टर, अमेरिका से आते हैं स्पेशलिस्ट

मेरठ का जसवंत राय हॉस्पिटल (Meerut Doctor Free Pacemaker Facility) दिल के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. पूरे देश में यही एक मात्र ऐसा अस्पताल है, जहां शिविर लगाकर मरीजों को निशुल्क पेसमेकर लगाए जाते हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 10, 2023, 8:11 AM IST

Updated : Dec 11, 2023, 12:55 PM IST

डॉ. राजीव अग्रवाल दिल के मरीजों को फ्री में पेसमेकर लगाते हैं.

मेरठ : देश-दुनिया में दिल के मरीजों की तादाद बढ़ रही है. लोग अपने दिल की सेहत को लेकर फिक्रमंद रहते हैं. कई बार दिल के रोगियों को महंगे इलाज से भी जूझना पड़ जाता है. सक्षम लोग तो इस खर्च को उठा लेते हैं, लेकिन कई जरूरतमंद इसका साहस ही नहीं जुटा पाते हैं. ऐसे मरीजों के लिए जिले का जसवंत राय हॉस्पिटल नई उम्मीद है. अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजीव अग्रवाल हर साल यूएस के चिकित्सक मित्रों की मदद से दो दिन मरीजों को मुफ्त पेसमेकर लगाते हैं. वह करीब 23 साल से ऐसा करते चले आ रहे हैं. इस नेक काम के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है.

जसवंत राय हॉस्पिटल को अवार्ड भी मिल चुका है.
जसवंत राय हॉस्पिटल को अवार्ड भी मिल चुका है.

दिल के मरीजों को दे रहे नया जीवन : चिकित्सक को धरती का भगवान कहा जाता है, हालांकि अक्सर कई अस्पतालों में मरीजों के साथ ज्यादती के भी मामले सामने आते रहते हैं. कहीं बिल ज्यादा वसूलने की शिकायत आती है तो कहीं मरीज के परिजनों से धन उगाही के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. इन सबके बीच कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जो वाकई में समाजसेवा की भावना से काम कर रहे हैं. वे मुफ्त में मरीजों को जान बचाने में लगे रहते हैं. इन्हीं में से एक हैं जसवंत राय हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजीव अग्रवाल. वह अपने चिकित्सक साथियों की मदद से दिल के मरीजों को नया जीवन दे रहे हैं.

साल 2000 से निशुल्क पेसमेकर लगाने की शुरुआत की गई थी.
साल 2000 से निशुल्क पेसमेकर लगाने की शुरुआत की गई थी.

पेसमेकर के लिए खर्च करने पड़ते हैं लाखों रुपये : बता दें कि किसी भी रोगी को अगर पेसमेकर लगवाना हो तो उसके लिए उसे लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. कई बार जिन मरीजों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है, उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है. ऐसे लोगों के लिए डॉ. राजीव अग्रवाल किसी मसीहा से कम नहीं हैं. वह 23 साल से हर साल दो दिन मरीजों को फ्री में पेसमेकर लगाने का काम करते चले आ रहे हैं. अब तक 450 से अधिक मरीजों को वह निशुल्क पेसमेकर लगा चुके हैं. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बोस्टन कार्डियक फाउंडेशन और जसवंत राय अस्पताल मिलकर जरूरतमंद मरीजों को निशुल्क पेसमेकर कैंप का आयोजन करते हैं. पेसमेकर, हॉस्पिटल चार्ज, जांच और प्रत्यारोपण सब कुछ निशुल्क होता है. जिस मरीज की नब्ज कम होती है, उसे पेसमेकर लगाया जाता है. जब हार्ट काम करना बंद कर देता है तो पेस पेसमेकर काम करना शुरू कर देता है.

यूएस के चिकित्सक भी करते हैं सहयोग.
यूएस के चिकित्सक भी करते हैं सहयोग.

साल 2000 से हर वर्ष लग रहा निशुल्क पेसमेकर कैंप : डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं कि मेरठ में ही उनके साथी डॉ. एस कुमार हैं, उन्होंने उन्हें सन 2000 में डॉ. सलिल मिड्डा से मिलवाया, डॉ. मिड्डा बोस्टन में एक सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट हैं. मुलाकात के दौरान कुछ अलग तरह से सेवा करने के लिए फ्री में पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद डॉ. सलील मिड्डा और उनकी टीम के प्रयास से निरंतर जरूरतमंद लोगों को पेसमेकर लगाने का क्रम जारी है. डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि न्यू ब्रांड के पेसमेकर हर साल लगाते हैं.

जसवंत राय हॉस्पिटल 23 साल से कर रहा समाजसेवा.
जसवंत राय हॉस्पिटल 23 साल से कर रहा समाजसेवा.

आखिर सारा इंतजाम होता कैसे है : पेसमेकर लगवाना महंगी प्रक्रिया है, ऐसे में इसे निशुल्क लगाना कैसे संभव हो पाता है, इस सवाल पर डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि एक कहावत है कि जब इच्छा होती है तो कायनात भी आपकी मदद करती है. हमारे साथ शहर के बहुत सारे बिजनेसमैन जुड़े हुए हैं. फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री का भी सपोर्ट रहता है. लगभग 50% संसाधन अमेरिकन चिकित्सक लेकर आते हैं. मिशन के तहत वह यूएस (US) में चैरिटी करते हैं. इसमें भिन्न-भिन्न एक्टिविटी के जरिए पैसे जुटाए जाते हैं. इन पैसों से संसाधन जुटाए जाते हैं. बोस्टन कार्डियक फाउंडेशन बोस्टन से पेसमेकर और आवश्यक सामान लेकर आता है.

पूरे देश के मरीज उठा सकते हैं लाभ.
पूरे देश के मरीज उठा सकते हैं लाभ.

चिकित्सक बोले- समाजसेवा कर पाना मेरा सौभाग्य : डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं कि यह उनका सौभाग्य है कि लाला जसवंत राय जो स्वतंत्रता सेनानी थे, उनका आशीर्वाद मिला. इसी की वजह से वह इस कार्य को निरंतरता से कर पा रहे हैं. वह कहते हैं कि उन्हें गर्व भी होता है कि पूरे देश में यही एकमात्र ऐसी एक्टिविटी है जो पूरी तरह फ्री है. मरीजों के लिए जसवंत राय हॉस्पिटल मुफ्त में पेसमेकर लगाता है. डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि देश में किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में ऐसी व्यवस्था है, न ही कोई इस मंशा से कार्य करता है. हमारे जैसा प्रोग्राम किसी के पास नहीं है.

साल में दो बार लगाया जाता है शिविर.
साल में दो बार लगाया जाता है शिविर.

शिविर में देश के किसी भी हिस्से से आ सकता है मरीज : डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं कि देश के किसी भी हिस्से से मरीज शिविर में आ सकता है. जहां से भी मरीज आना चाहें उनका स्वागत है. हमारे पास ईश्वर की कृपा से समाजसेवियों के माध्यम से इतने संसाधन जुट जाते हैं कि हम दूर से आने वाले मरीजों को ट्रेन का किराया भी दे सकते हैं. वह बताते हैं कि पूर्व के वर्षों में बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी मरीज आ चुके हैं. ऐसे मरीजों को पेस मेकर लगाने के बाद दो तीन दिन तक अधिक रखकर टांके काटने के बाद भेजते हैं, जिससे उन्हें दोबारा न आना पड़े.

फरवरी में इन तारीखों पर लगेगा शिविर : अलग तरह के कार्य के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में मेरठ के इस अस्पताल का नाम दर्ज है. डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं वह लोगों की सेवा के लिए ऐसा कर रहे हैं. जसवंत राय अस्पताल के डायरेक्टर भी इसमें पूरा सहयोग करते हैं. इस बार 14 से 15 फरवरी के बीच शिविर लगेगा. बोस्टन में भी डॉक्टर्स से बातचीत हो चुकी है. डॉ. राजीव अग्रवाल ने अपील कि ऐसे मरीजों को चिन्हित करने में मदद करें जो जरूरतमंद हैं. चिकित्सक ने बताया कि शिविर में जितने भी मरीज आ जाते हैं, जिन्हें पेसमेकर लगना जरूरी होता है, उन सभी को पेसमेकर लगाया जाता है.

दस साल तक मरीज को नहीं रहती टेंशन : डॉ. राजीव बताते हैं कि एक बार पेसमेकर लग जाने पर 8 से 10 साल तक कोई टेंशन नहीं रहती है. पेसमेकर लगने में कुछ समस्या हो सकती है. पेसमेकर की चेकिंग लगभग सभी जगह हो जाती है. हमारे सर्किल में काफी चिकित्सक हैं, अगर कोई दूर-दराज का मरीज है तो वहीं के नजदीक के डॉ. से उनकी चेकिंग भी करा देते हैं.
डॉ राजीव ने बताया कि तय समय पर पहुंचकर कोई भी मरीज पेसमेकर लगवा सकता है. पेसमेकर ऐसे मरीजों को लगता है जिनकी नब्ज कम हो जाती है, जिनको चक्कर आने लगते हैं. इसके अलावा जिन्हें पेसमेकर लगा हुआ है, उनका भी वह फ्री में चेकअप करते हैं.

यह भी पढ़ें : गोबर से पेंट, डिस्टेंपर और पुट्टी बना रहीं गांव की महिलाएं: देश-प्रदेश में खासी डिमांड, लाखों में कमाई

डॉ. राजीव अग्रवाल दिल के मरीजों को फ्री में पेसमेकर लगाते हैं.

मेरठ : देश-दुनिया में दिल के मरीजों की तादाद बढ़ रही है. लोग अपने दिल की सेहत को लेकर फिक्रमंद रहते हैं. कई बार दिल के रोगियों को महंगे इलाज से भी जूझना पड़ जाता है. सक्षम लोग तो इस खर्च को उठा लेते हैं, लेकिन कई जरूरतमंद इसका साहस ही नहीं जुटा पाते हैं. ऐसे मरीजों के लिए जिले का जसवंत राय हॉस्पिटल नई उम्मीद है. अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजीव अग्रवाल हर साल यूएस के चिकित्सक मित्रों की मदद से दो दिन मरीजों को मुफ्त पेसमेकर लगाते हैं. वह करीब 23 साल से ऐसा करते चले आ रहे हैं. इस नेक काम के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है.

जसवंत राय हॉस्पिटल को अवार्ड भी मिल चुका है.
जसवंत राय हॉस्पिटल को अवार्ड भी मिल चुका है.

दिल के मरीजों को दे रहे नया जीवन : चिकित्सक को धरती का भगवान कहा जाता है, हालांकि अक्सर कई अस्पतालों में मरीजों के साथ ज्यादती के भी मामले सामने आते रहते हैं. कहीं बिल ज्यादा वसूलने की शिकायत आती है तो कहीं मरीज के परिजनों से धन उगाही के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. इन सबके बीच कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं जो वाकई में समाजसेवा की भावना से काम कर रहे हैं. वे मुफ्त में मरीजों को जान बचाने में लगे रहते हैं. इन्हीं में से एक हैं जसवंत राय हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. राजीव अग्रवाल. वह अपने चिकित्सक साथियों की मदद से दिल के मरीजों को नया जीवन दे रहे हैं.

साल 2000 से निशुल्क पेसमेकर लगाने की शुरुआत की गई थी.
साल 2000 से निशुल्क पेसमेकर लगाने की शुरुआत की गई थी.

पेसमेकर के लिए खर्च करने पड़ते हैं लाखों रुपये : बता दें कि किसी भी रोगी को अगर पेसमेकर लगवाना हो तो उसके लिए उसे लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. कई बार जिन मरीजों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है, उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है. ऐसे लोगों के लिए डॉ. राजीव अग्रवाल किसी मसीहा से कम नहीं हैं. वह 23 साल से हर साल दो दिन मरीजों को फ्री में पेसमेकर लगाने का काम करते चले आ रहे हैं. अब तक 450 से अधिक मरीजों को वह निशुल्क पेसमेकर लगा चुके हैं. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बोस्टन कार्डियक फाउंडेशन और जसवंत राय अस्पताल मिलकर जरूरतमंद मरीजों को निशुल्क पेसमेकर कैंप का आयोजन करते हैं. पेसमेकर, हॉस्पिटल चार्ज, जांच और प्रत्यारोपण सब कुछ निशुल्क होता है. जिस मरीज की नब्ज कम होती है, उसे पेसमेकर लगाया जाता है. जब हार्ट काम करना बंद कर देता है तो पेस पेसमेकर काम करना शुरू कर देता है.

यूएस के चिकित्सक भी करते हैं सहयोग.
यूएस के चिकित्सक भी करते हैं सहयोग.

साल 2000 से हर वर्ष लग रहा निशुल्क पेसमेकर कैंप : डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं कि मेरठ में ही उनके साथी डॉ. एस कुमार हैं, उन्होंने उन्हें सन 2000 में डॉ. सलिल मिड्डा से मिलवाया, डॉ. मिड्डा बोस्टन में एक सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट हैं. मुलाकात के दौरान कुछ अलग तरह से सेवा करने के लिए फ्री में पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद डॉ. सलील मिड्डा और उनकी टीम के प्रयास से निरंतर जरूरतमंद लोगों को पेसमेकर लगाने का क्रम जारी है. डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि न्यू ब्रांड के पेसमेकर हर साल लगाते हैं.

जसवंत राय हॉस्पिटल 23 साल से कर रहा समाजसेवा.
जसवंत राय हॉस्पिटल 23 साल से कर रहा समाजसेवा.

आखिर सारा इंतजाम होता कैसे है : पेसमेकर लगवाना महंगी प्रक्रिया है, ऐसे में इसे निशुल्क लगाना कैसे संभव हो पाता है, इस सवाल पर डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि एक कहावत है कि जब इच्छा होती है तो कायनात भी आपकी मदद करती है. हमारे साथ शहर के बहुत सारे बिजनेसमैन जुड़े हुए हैं. फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री का भी सपोर्ट रहता है. लगभग 50% संसाधन अमेरिकन चिकित्सक लेकर आते हैं. मिशन के तहत वह यूएस (US) में चैरिटी करते हैं. इसमें भिन्न-भिन्न एक्टिविटी के जरिए पैसे जुटाए जाते हैं. इन पैसों से संसाधन जुटाए जाते हैं. बोस्टन कार्डियक फाउंडेशन बोस्टन से पेसमेकर और आवश्यक सामान लेकर आता है.

पूरे देश के मरीज उठा सकते हैं लाभ.
पूरे देश के मरीज उठा सकते हैं लाभ.

चिकित्सक बोले- समाजसेवा कर पाना मेरा सौभाग्य : डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं कि यह उनका सौभाग्य है कि लाला जसवंत राय जो स्वतंत्रता सेनानी थे, उनका आशीर्वाद मिला. इसी की वजह से वह इस कार्य को निरंतरता से कर पा रहे हैं. वह कहते हैं कि उन्हें गर्व भी होता है कि पूरे देश में यही एकमात्र ऐसी एक्टिविटी है जो पूरी तरह फ्री है. मरीजों के लिए जसवंत राय हॉस्पिटल मुफ्त में पेसमेकर लगाता है. डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि देश में किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में ऐसी व्यवस्था है, न ही कोई इस मंशा से कार्य करता है. हमारे जैसा प्रोग्राम किसी के पास नहीं है.

साल में दो बार लगाया जाता है शिविर.
साल में दो बार लगाया जाता है शिविर.

शिविर में देश के किसी भी हिस्से से आ सकता है मरीज : डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं कि देश के किसी भी हिस्से से मरीज शिविर में आ सकता है. जहां से भी मरीज आना चाहें उनका स्वागत है. हमारे पास ईश्वर की कृपा से समाजसेवियों के माध्यम से इतने संसाधन जुट जाते हैं कि हम दूर से आने वाले मरीजों को ट्रेन का किराया भी दे सकते हैं. वह बताते हैं कि पूर्व के वर्षों में बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी मरीज आ चुके हैं. ऐसे मरीजों को पेस मेकर लगाने के बाद दो तीन दिन तक अधिक रखकर टांके काटने के बाद भेजते हैं, जिससे उन्हें दोबारा न आना पड़े.

फरवरी में इन तारीखों पर लगेगा शिविर : अलग तरह के कार्य के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में मेरठ के इस अस्पताल का नाम दर्ज है. डॉ. राजीव अग्रवाल बताते हैं वह लोगों की सेवा के लिए ऐसा कर रहे हैं. जसवंत राय अस्पताल के डायरेक्टर भी इसमें पूरा सहयोग करते हैं. इस बार 14 से 15 फरवरी के बीच शिविर लगेगा. बोस्टन में भी डॉक्टर्स से बातचीत हो चुकी है. डॉ. राजीव अग्रवाल ने अपील कि ऐसे मरीजों को चिन्हित करने में मदद करें जो जरूरतमंद हैं. चिकित्सक ने बताया कि शिविर में जितने भी मरीज आ जाते हैं, जिन्हें पेसमेकर लगना जरूरी होता है, उन सभी को पेसमेकर लगाया जाता है.

दस साल तक मरीज को नहीं रहती टेंशन : डॉ. राजीव बताते हैं कि एक बार पेसमेकर लग जाने पर 8 से 10 साल तक कोई टेंशन नहीं रहती है. पेसमेकर लगने में कुछ समस्या हो सकती है. पेसमेकर की चेकिंग लगभग सभी जगह हो जाती है. हमारे सर्किल में काफी चिकित्सक हैं, अगर कोई दूर-दराज का मरीज है तो वहीं के नजदीक के डॉ. से उनकी चेकिंग भी करा देते हैं.
डॉ राजीव ने बताया कि तय समय पर पहुंचकर कोई भी मरीज पेसमेकर लगवा सकता है. पेसमेकर ऐसे मरीजों को लगता है जिनकी नब्ज कम हो जाती है, जिनको चक्कर आने लगते हैं. इसके अलावा जिन्हें पेसमेकर लगा हुआ है, उनका भी वह फ्री में चेकअप करते हैं.

यह भी पढ़ें : गोबर से पेंट, डिस्टेंपर और पुट्टी बना रहीं गांव की महिलाएं: देश-प्रदेश में खासी डिमांड, लाखों में कमाई

Last Updated : Dec 11, 2023, 12:55 PM IST
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