ETV Bharat / state

CCSU मेरठ के रसायन विभाग में बना खास पाउडर, दीवारों को नमी से रखेगा दूर

चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान विभाग की लैब में रिडिस्पर्सिबल पाउडर (Redispersible powder) के विशेष फार्मूले का अविष्कार किया गया है. इस खास फार्मूले से बनने वाले पाउडर के उपयोग से सीलन और नमी की समस्या को समाप्त किया जा सकता है.

etv bharat
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी
author img

By

Published : Nov 5, 2022, 7:42 PM IST

मेरठः चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान विभाग की लैब में रिडिस्पर्सिबल पाउडर (Redispersible powder) के विशेष फार्मूले का अविष्कार किया गया है. यूनिवर्सिटी का दावा है कि इस खास फार्मूले से बनने वाले पाउडर के उपयोग से सीलन और नमी की समस्या को समाप्त किया जा सकता है. ये सीमेंट इंडस्ट्रीज समेत कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्रीज के लिए बेहद ही उपयोगी साबित होगा. फार्मूले को पेटेंट भी कर लिया गया है.

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाजिया तरन्नुम और शोध छात्रा पूजा

चौधरी चरण सिंह विवि के रसायन विज्ञान विभाग(Department of Chemistry) में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाजिया तरन्नुम और रिसर्च स्कॉलर पूजा ने मिलकर रिडिस्पर्सिबल पाउडर (redispersible powder) बनाने का यह विशेष फार्मूला तैयार किया है. एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाजिया तरन्नुम ने बताया कि यह पाउडर विभिन्न अवयवों से मिलकर बनाया गया है. ये एक्रिलेट आधारित रिडिस्पर्सिबल पाउडर इमल्शन पॉलिमराइजेशन से बनाया गया है. यह पाउडर बहुत ही जल प्रतिरोधी है.

प्रोफेसर नाजिया तरन्नुम बताती हैं कि आमतौर पर देखने में आता है कि आवास हों या फिर चाहे अन्य बिल्डिंग हों, उनमें सीलन यानी नमी हो जाती है, जो कि न सिर्फ उस इमारत को कमजोर कर देती है बल्कि उसकी सुंदरता भी घट जाती है. इसी समस्या के समाधान को ध्यान में रखकर रसायन विज्ञान विभाग में काफी लंबे समय से शोध चल रहा था. उन्होंने बताया कि जब तमाम पैरामीटर्स पर उनके बनाए फार्मूले सफल हो गए तो उन्होंने इसे आगे बढ़ाया. वे बताती हैं किसीलन एक बड़ी समाया है इसलिए इसी विषय पर कार्य किया.

एसोसिएट प्रोफेसर नाजिया तरन्नुम ने बताया कि इस शोध का पेटेट भी प्रकाशित हो चुका है. उन्होंने कहा कि अब इसे औद्योगिक कमर्शियल इस्तेमाल के लिए आगे बढ़ाया जाएगा. यह बेहद ही सस्ता एवं टिकाउ है. भीतरी दीवारें पर डिस्टेम्पर के साथ, चूने के साथ या फिर सीमेंट में मिलाकर इस पाउडर का उपयोग कर सकते हैं. प्रोफेसर नाजिया तरन्नुम का कहना है कि अब इसे सीमेंट इंडस्ट्रीज समेत और भी इंडस्ट्रीज तक ले जाएंगे, ताकि इससे आमजन को फायदा मिल सके.

वहीं, खास फार्मूले को बनाने में महत्वपूर्ण रोल निभाने वाली शोध छात्रा पूजा शर्मा ने बताया कि रिडिस्पर्सिबल पॉलिमर पाउडर विभिन्न प्रयोगों में तमाम कसौटियों पर खरा उतरा है. इसमें विभिन्न एकलक (monomer) का प्रयोग किया है. ये पाउडर स्प्रे ड्राइिंग प्रक्रिया में बनाया गया है. ये स्प्रे ड्राइिंग पाउडर फ्री फॉलोविंग है, जो पानी में आसानी से फैल जाता है. इसमें कहीं कोई धातु आधारित उत्प्रेरक(metal based catalyst) का इश्तेमाल भी नहीं किया गया है. पूजा ने बताया कि कई ऐसे ही विषयों पर और भी कुछ अलग करने को लगातार प्रयास जारी हैं.

चौधरी चरण सिंह विश्विविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाजिया तरन्नुम और शोध छात्रा पूजा को इसके लिए बधाई भी मिल रही है. वहीं, यह भी माना जा रहा है कि इससे आने वाले समय में कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को बेहद ही फायदा होगा.

पढ़ेंः पिता ने बाइक नहीं दिलाई तो दो भाइयों ने बना डाला 'तेजस', जानिए क्या है खासियत

मेरठः चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान विभाग की लैब में रिडिस्पर्सिबल पाउडर (Redispersible powder) के विशेष फार्मूले का अविष्कार किया गया है. यूनिवर्सिटी का दावा है कि इस खास फार्मूले से बनने वाले पाउडर के उपयोग से सीलन और नमी की समस्या को समाप्त किया जा सकता है. ये सीमेंट इंडस्ट्रीज समेत कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्रीज के लिए बेहद ही उपयोगी साबित होगा. फार्मूले को पेटेंट भी कर लिया गया है.

एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाजिया तरन्नुम और शोध छात्रा पूजा

चौधरी चरण सिंह विवि के रसायन विज्ञान विभाग(Department of Chemistry) में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाजिया तरन्नुम और रिसर्च स्कॉलर पूजा ने मिलकर रिडिस्पर्सिबल पाउडर (redispersible powder) बनाने का यह विशेष फार्मूला तैयार किया है. एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाजिया तरन्नुम ने बताया कि यह पाउडर विभिन्न अवयवों से मिलकर बनाया गया है. ये एक्रिलेट आधारित रिडिस्पर्सिबल पाउडर इमल्शन पॉलिमराइजेशन से बनाया गया है. यह पाउडर बहुत ही जल प्रतिरोधी है.

प्रोफेसर नाजिया तरन्नुम बताती हैं कि आमतौर पर देखने में आता है कि आवास हों या फिर चाहे अन्य बिल्डिंग हों, उनमें सीलन यानी नमी हो जाती है, जो कि न सिर्फ उस इमारत को कमजोर कर देती है बल्कि उसकी सुंदरता भी घट जाती है. इसी समस्या के समाधान को ध्यान में रखकर रसायन विज्ञान विभाग में काफी लंबे समय से शोध चल रहा था. उन्होंने बताया कि जब तमाम पैरामीटर्स पर उनके बनाए फार्मूले सफल हो गए तो उन्होंने इसे आगे बढ़ाया. वे बताती हैं किसीलन एक बड़ी समाया है इसलिए इसी विषय पर कार्य किया.

एसोसिएट प्रोफेसर नाजिया तरन्नुम ने बताया कि इस शोध का पेटेट भी प्रकाशित हो चुका है. उन्होंने कहा कि अब इसे औद्योगिक कमर्शियल इस्तेमाल के लिए आगे बढ़ाया जाएगा. यह बेहद ही सस्ता एवं टिकाउ है. भीतरी दीवारें पर डिस्टेम्पर के साथ, चूने के साथ या फिर सीमेंट में मिलाकर इस पाउडर का उपयोग कर सकते हैं. प्रोफेसर नाजिया तरन्नुम का कहना है कि अब इसे सीमेंट इंडस्ट्रीज समेत और भी इंडस्ट्रीज तक ले जाएंगे, ताकि इससे आमजन को फायदा मिल सके.

वहीं, खास फार्मूले को बनाने में महत्वपूर्ण रोल निभाने वाली शोध छात्रा पूजा शर्मा ने बताया कि रिडिस्पर्सिबल पॉलिमर पाउडर विभिन्न प्रयोगों में तमाम कसौटियों पर खरा उतरा है. इसमें विभिन्न एकलक (monomer) का प्रयोग किया है. ये पाउडर स्प्रे ड्राइिंग प्रक्रिया में बनाया गया है. ये स्प्रे ड्राइिंग पाउडर फ्री फॉलोविंग है, जो पानी में आसानी से फैल जाता है. इसमें कहीं कोई धातु आधारित उत्प्रेरक(metal based catalyst) का इश्तेमाल भी नहीं किया गया है. पूजा ने बताया कि कई ऐसे ही विषयों पर और भी कुछ अलग करने को लगातार प्रयास जारी हैं.

चौधरी चरण सिंह विश्विविद्यालय के केमिस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाजिया तरन्नुम और शोध छात्रा पूजा को इसके लिए बधाई भी मिल रही है. वहीं, यह भी माना जा रहा है कि इससे आने वाले समय में कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री को बेहद ही फायदा होगा.

पढ़ेंः पिता ने बाइक नहीं दिलाई तो दो भाइयों ने बना डाला 'तेजस', जानिए क्या है खासियत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.