मेरठ : समाजवादी पार्टी के वेस्टर्न यूपी के कद्दावर नेताओं में शुमार पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर पिछले कई महीनों से लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट ढहने के मामले में चर्चा में हैं. अब ऐसे में उनके कुछ फ़ोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. उनकी कुछ तश्वीरों में माफिया डॉन और उमेशपाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद के साथ हैं. जिसके बाद वहः फिर से चर्चा में आ गए हैं. शाहिद इस वक्त मेरठ की किठौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. बीते दिनों शाहिद को हाईकोर्ट से भी झटका लगा है. दरअसल किठौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक और उनके प्रतिद्वंद्वी सत्यवीर त्यागी ने 2022 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पूर्व विधायक सत्यवीर त्यागी ने मई 2022 में किठौर विधानसभा से शाहिद मंजूर द्वारा लड़ी गए चुनाव की वैधता को चुनौती दी थी.
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से चुनाव लड़कर सत्यवीर त्यागी विधानसभा पहुंचे थे. तब उन्होंने शाहिद मंजूर को ही पटखनी दी थी. उसके बाद 2022 में सत्यवीर त्यागी को हार का सामना करना पड़ा और सपा नेता शाहिद मंजूर विजयी घोषित किए गए. इसके बाद पूर्व विधायक सत्यवीर त्यागी ने कुछ तथ्यों साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और किठौर विधानसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम सही नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रशासन की गड़बड़ी से उनकी हार हुई है. किठौर विधानसभा क्षेत्र में हजारों मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है. इसके बाद इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने विधायक शाहिद मंजूर को नोटिस जारी कर दिया था. इसके बाद विधायक शाहिद मंजूर के वकीलों की तरफ से हाईकोर्ट में पक्ष रखा गया और कहा गया था कि चुनाव की वैधता को चुनौती दिए जाने की याचिका स्वीकार योग्य नहीं है. इसके बाद बीते दिनों गुरुवार को हाईकोर्ट की तरफ से जारी आदेश में शाहिद मंजूर के एडवोकेट के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया. इसके बाद अब पूर्व विधायक सत्यवीर त्यागी द्वारा जारी याचिका पर आगे सुनवाई होगी.
लखनऊ के अलाया अपार्टमेंट हादसे में फंसे हैं पूर्व मंत्री और बेटा
गौरतलब है कि माफिया अतीक अहमद से नाम जुड़ने से पूर्व से ही विधायक शाहिद मंजूर और उनका परिवार पहले ही 24 जनवरी 2023 को लखनऊ में हुए अलाया अपार्टमेंट हादसे की वजह से भी चर्चा में हैं. लखनऊ में अलाया अपार्टमेंट ढहने के हादसे में सपा विधायक शाहिद मंजूर का बेटा नवाजिश, भतीजा मोहम्मद तारिक और फहद याजदानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, जो इस वक्त लखनऊ जेल में हैं. उस वक्त हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि अपार्टमेंट का निर्माण मोहम्मद तारिक, नवाजिश और फ़ाहद याजदानी ने बिना नक़्शा पास कराये और घटिया सामग्री का प्रयोग करके कराया था. विधायक शाहिद मंजूर का नाम भी तब बतौर अभियुक्त विवेचना में शामिल किया गया था, लेकिन फिलहाल कोर्ट से राहत के बाद उनकी गिरफ्तारी पर रोक है.
बीते दिनों एक घटनाक्रम और हुआ. इसमें किठौर क्षेत्र के ही राधना गांव के पूर्व ग्राम प्रधान उमर के बेटे का फोटो माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे के साथ वायरल हुआ. इसके अगले ही दिन पूर्व प्रधान के द्वारा कैबिनेट मंत्री रहे और सपा से विधायक शाहिद मंजूर के साथ अतीक अहमद के फोटो पुलिस को उपलब्ध कराए गए. इतना ही नहीं अतीक के बेटों के साथ शाहिद मंजूर के बेटों के भी फ़ोटो तक भी पूर्व प्रधान ने पुलिस को उपलब्ध कराए, जिनमें से कई फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. पूर्व प्रधान ने शाहिद मंजूर पर आरोप लगाए हैं कि अतीक और शाहिद मंजूर दोनों परिवारों की गहरी दोस्ती है. पूर्व प्रधान ने पुलिस से बताया है कि पिछली सरकारों के वक्त अतीक और शाहिद मंजूर के परिवारों का आपस में खूब मिलना जुलना रहा है. अतीक उसके बेटे किठौर, मेरठ आते थे. वहीं शाहिद मंजूर, अतीक की मुलाकातें बाहर भी होती थीं.
पूर्व कैबिनेट मंत्री और किठौर विधायक शाहिद मंजूर से इन तमाम विषयों पर ईटीवी भारत से बातचीत की. विधायक शाहिद मंजूर का कहना है कि उनकी जो फोटो वायरल की गई हैं. वह कम से कम 15 साल पुरानी किसी कार्यक्रम की फोटो हैं. कार्यक्रम में तो लोग एक दूसरे से मिलते ही हैं. विधायक का कहना है कि यह सब उनके विपक्षी पूर्व प्रधान के द्वारा सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है, लेकिन उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है वह इन सब बातों से परेशान होने वाले नहीं हैं. विधायक शाहिद मंजूर ने कहा कि उनके प्रतिद्वंद्वी राधना गांव के पूर्व प्रधान उमर के साथ उनका है एक पुराना विवाद है जिसको लेकर उन पर यह सब तोहमतें लगाई जा रही हैं.
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