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जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए तहसीलदार, मेरठ की मशहूर मार्केट को बताया मऊ में - भगत सिंह मार्केट

आइजीआरएस (IGRS) पोर्टल पर अतिक्रमण की शिकायत पर सदर तहसीलदार ने अनोखा जवाब दिया है. तहसीलदार ने शिकायत के जवाब में पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि मेरठ का मामला नहीं मऊ जिले में पड़ता है भगत सिंह मार्केट.

जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए तहसीलदार
जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए तहसीलदार
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Published : Aug 23, 2021, 10:49 PM IST

मेरठ: जिले में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है. जहां जिले की मशहूर भगत सिंह मार्केट को सदर तहसीलदार नहीं जानते हैं. जीहां, आईजीआरएस में एक शिकायत पर सदर तहसीलदार ने जवाब दिया है कि भगत सिंह मार्केट का संबंध मेरठ से नहीं है, संभवत यह मऊ जिले में पड़ता है. यह जवाब देकर प्रशासन ने शिकायत का निस्तारण भी कर दिया है.


दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने शासन से शिकायत की थी कि कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत भगत सिंह मार्केट में सड़क का अतिक्रमण पर खरीद-फरोख्त जारी है. साथ ही यह अतिक्रमण उद्योग बन चुका है. सार्वजनिक सड़क की जमीन को भी बेच कर लोग लाखों रुपए के अवैध किराया वसूल रहे हैं. अतिक्रमण की इस स्थिति की वजह से भगत सिंह मार्केट में पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश नगरीय नियोजन विकास अधिनियम 1973 की धारा 26 जी 133 सीआरपीसी (CRPC) में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसमें शासन-प्रशासन से उन्होंने कार्रवाई की मांग की है.

शासन प्रशासन तक आईजीआरएस के माध्यम से पहुंची शिकायत पर शासन और प्रशासन ने सदर तहसीलदार से कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की. इसी कार्रवाई के जवाब में उन्हें उत्तर मिला कि संबंधित मामला मऊ जनपद से संबंधित है. शिकायत को मूल रूप से वापस कर निस्तारित कर दिया गया है.


मेरठ: जिले में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है. जहां जिले की मशहूर भगत सिंह मार्केट को सदर तहसीलदार नहीं जानते हैं. जीहां, आईजीआरएस में एक शिकायत पर सदर तहसीलदार ने जवाब दिया है कि भगत सिंह मार्केट का संबंध मेरठ से नहीं है, संभवत यह मऊ जिले में पड़ता है. यह जवाब देकर प्रशासन ने शिकायत का निस्तारण भी कर दिया है.


दरअसल, सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने शासन से शिकायत की थी कि कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत भगत सिंह मार्केट में सड़क का अतिक्रमण पर खरीद-फरोख्त जारी है. साथ ही यह अतिक्रमण उद्योग बन चुका है. सार्वजनिक सड़क की जमीन को भी बेच कर लोग लाखों रुपए के अवैध किराया वसूल रहे हैं. अतिक्रमण की इस स्थिति की वजह से भगत सिंह मार्केट में पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश नगरीय नियोजन विकास अधिनियम 1973 की धारा 26 जी 133 सीआरपीसी (CRPC) में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसमें शासन-प्रशासन से उन्होंने कार्रवाई की मांग की है.

शासन प्रशासन तक आईजीआरएस के माध्यम से पहुंची शिकायत पर शासन और प्रशासन ने सदर तहसीलदार से कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की. इसी कार्रवाई के जवाब में उन्हें उत्तर मिला कि संबंधित मामला मऊ जनपद से संबंधित है. शिकायत को मूल रूप से वापस कर निस्तारित कर दिया गया है.


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