मेरठ : थाना मेडिकल इलाके के गढ़ रोड स्थित न्यूटीमा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म होने से 8 मरीजों की मौत हो गई. मरीज़ों के परिजनों ने न सिर्फ ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने और इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया, बल्कि गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी कर दी. अस्पताल में तोड़फोड़ की सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई और लोगों को शांत करने का प्रयास किया. इस दौरान कई घंटे तक हंगामा चलता रहा. पुलिस के सामने भी परिजन हंगामा करते रहे.
इसे भी पढ़ें- UP कोरोना अपडेट: सोमवार की सुबह मिले 6850 नए संक्रमित
जानिए क्या है पूरा मामला?
जिला हापुड़ के गांव रावली निवासी रामकुमार ने बताया कि उनके बेटे पवन को निमोनिया की शिकायत होने पर की 10 दिन पहले गढ़ रोड के न्यूटिमा में भर्ती कराया था. उनको सांस लेने में परेशानी हो रही थी. ऑक्सीजन स्तर कम हुआ तो डॉक्टरों ने उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया. बताया जा रहा है कि रविवार देर रात अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई. अस्पताल प्रशासन ने बाहर से ऑक्सीजन मंगवाने की बात कही. ऑक्सीजन की कमी पड़ते ही न सिर्फ पवन की मौत हो गई बल्कि 7 और मरीजों ने भी दम तोड़ दिया.
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
रामकुमार का कहना है कि वे आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर ही रहे थे, तभी डॉक्टरों ने पवन को मृत घोषित कर दिया. इस दौरान मृतकों के तीमारदारों ने डॉक्टरों से बात करने की कोशिश की तो उनकी कहासुनी हो गई. ऑक्सीजन की कमी और डॉक्टरों की लापरवाही से हुई मरीजों की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. गुस्साए परिजनों ने न्यूटिमा अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ शुरू कर दिया. अस्पताल स्टाफ और तीमारदारों के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई. अस्पताल में घन्टों तक तीमारदारों का हंगामा चलता रहा. आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया.
शाम को हमें परिजनों से खबर मिली कि ऑक्सीजन कम है. उसी समय हम वहां पहुंचे. तब ऑक्सीजन लाइन में थी. ऑक्सीजन खत्म नहीं हुई थी. लोगों को किसी ने बता दिया था कि ऑक्सीजन खत्म होने वाली है. मैं वहां पर करीब ढाई से तीन घंटे तक रहा. उस दौरान ऑक्सीजन चालू थी. सिलेंडर आ भी रहे थे. मरीज जो बहुत बीमार थे, उनको कोविड निमोनिया था.अस्पताल में मरीजों की कैसे मौत हुई है, इसकी जांच की जाएगी.
-डॉक्टर अखिलेश मोहन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी