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मेरठ: मेडिकल कॉलेज के संविदाकर्मियों का वेतन भुगतान न होने पर डीएम ने जतायी नाराजगी

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Published : Nov 1, 2020, 6:44 AM IST

जिलाधिकारी के. बालाजी ने शनिवार को मेरठ मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण पर पहुंचे. डीएम ने संविदा कर्मचारियों का वेतन भुगतान न होने पर नाराजगी जतायी. साथ ही डॉक्टरों से मरीजों को बेहतर उपचार देने के निर्देश दिए.

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मेरठ मेडिकल कॉलेज पहुंचे डीएम.

मेरठ: जिलाधिकारी के. बालाजी ने शनिवार को लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मरीजों को इलाज के दौरान दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. इस दौरान संविदा कर्मचारियों के वेतन का भुगतान न होने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई और दीवाली से पहले सभी संविदाकर्मियों का वेतन देने के निर्देश दिए.

'मरीजों को दिया जाए बेहतर उपचार'
जिलाधिकारी ने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और अन्य डॉक्टरों के साथ बैठक कर कहा कि मेडिकल कॉलेज में आईसीयू व अन्य वार्ड में बेड की संख्या और सुविधा बढ़ायी जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रशासन और शासन स्तर से जो भी मदद होगी, वह की जाएगी. उन्होंने कहा कि मरीजों को बेहतर उपचार दिया जाए और उनके परिजनों को प्रत्येक दिन स्वास्थ्य रिपोर्ट भी दी जाए. जिलाधिकारी ने कहा कि दवाइयों और इंजेक्शन आदि की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. सभी डॉक्टर व स्टाफ पूरी गंभीरता व मनोयोग से मरीजों की सेवा करें.

मेडिकल कॉलेज कोविड अस्पताल में 72 मरीज
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार ने बताया कि वर्तमान में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में कोरोना के 72 मरीज भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में कोरोना मरीजों की मृत्युदर में काफी कमी आयी है. ऐसे मरीज जिनकी आयु 50 वर्ष से ऊपर है या वह गंभीर श्रेणी के मरीज हैं तो ऐसे मरीजों के बेहतर उपचार के लिए एसजीपीजीआई लखनऊ के वरिष्ठ चिकित्सकों से वर्चुअल संवाद कर कंसल्ट किया जा रहा है.


प्लाज्मा थेरेपी से जल्द शुरू होगा इलाज
प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुुमार ने बताया कि 15 नवम्बर से पूर्व मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज कराने पर कार्य चल रहा है. वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 250 बेड हैं, जिसमें से 70 आईसीयू व 180 आइसोलेशन बेड हैं. उन्होंने कहा कि आईसीयू बेड बढ़ाने पर कार्य चल रहा है. कहा कि मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, रेमडेसिवर इंजेक्शन व अन्य दवाइयां उपलब्ध हैं.

मेरठ: जिलाधिकारी के. बालाजी ने शनिवार को लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने मरीजों को इलाज के दौरान दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. इस दौरान संविदा कर्मचारियों के वेतन का भुगतान न होने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई और दीवाली से पहले सभी संविदाकर्मियों का वेतन देने के निर्देश दिए.

'मरीजों को दिया जाए बेहतर उपचार'
जिलाधिकारी ने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और अन्य डॉक्टरों के साथ बैठक कर कहा कि मेडिकल कॉलेज में आईसीयू व अन्य वार्ड में बेड की संख्या और सुविधा बढ़ायी जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रशासन और शासन स्तर से जो भी मदद होगी, वह की जाएगी. उन्होंने कहा कि मरीजों को बेहतर उपचार दिया जाए और उनके परिजनों को प्रत्येक दिन स्वास्थ्य रिपोर्ट भी दी जाए. जिलाधिकारी ने कहा कि दवाइयों और इंजेक्शन आदि की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. सभी डॉक्टर व स्टाफ पूरी गंभीरता व मनोयोग से मरीजों की सेवा करें.

मेडिकल कॉलेज कोविड अस्पताल में 72 मरीज
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार ने बताया कि वर्तमान में एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में कोरोना के 72 मरीज भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में कोरोना मरीजों की मृत्युदर में काफी कमी आयी है. ऐसे मरीज जिनकी आयु 50 वर्ष से ऊपर है या वह गंभीर श्रेणी के मरीज हैं तो ऐसे मरीजों के बेहतर उपचार के लिए एसजीपीजीआई लखनऊ के वरिष्ठ चिकित्सकों से वर्चुअल संवाद कर कंसल्ट किया जा रहा है.


प्लाज्मा थेरेपी से जल्द शुरू होगा इलाज
प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेन्द्र कुुमार ने बताया कि 15 नवम्बर से पूर्व मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज कराने पर कार्य चल रहा है. वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 250 बेड हैं, जिसमें से 70 आईसीयू व 180 आइसोलेशन बेड हैं. उन्होंने कहा कि आईसीयू बेड बढ़ाने पर कार्य चल रहा है. कहा कि मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, रेमडेसिवर इंजेक्शन व अन्य दवाइयां उपलब्ध हैं.

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