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सीएम योगी पर अखिलेश का तंज, पहले हवाई बातें कीं, अब हाथ हिलाकर हवाई सर्वे कर रहे - AKHILESH YADAV ATTACK CM YOGI

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर योगी सरकार पर साधा निशाना.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 17, 2025, 1:59 PM IST

Updated : Feb 17, 2025, 2:04 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने महाकुंभ को लेकर योगी सरकार पर फिर हमला बोला हैं. उन्होंने रविवार को महाकुंभ 2025 में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के हवाई सर्वे को लेकर जमकर हमला बोला है. सीएम योगी को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है.

इसमें सीएम योगी के हवाई सर्वे को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि पहले हवाई बातें कीं, अब हाथ हिला-हिलाकर हवाई सर्वे कर रहे हैं, ऐसा लग रहा है जैसे कि किसी से हवा में हाथ हिलाने का मुकाबला चल रहा है. सवाल ये है कि हवा में कौन है जिससे अभिवादन का आदान-प्रदान हो रहा है.

उन्होंने आगे लिखा, महाकुंभ में आज सेना को उतारना ही पड़ा, अगर ये फैसला पहले ले लिया जाता तो सैकड़ों श्रद्धालुओं की जान बचाई जा सकती थी. समझ नहीं आता है कि किसी का दंभ इतना भी बड़ा हो सकता है कि लोगों की जान पर बन आए पर उनके अहंकार का सिंहासन टस से मस नहीं होता है.

उन्होंने सोशल साइट एक्स पर अपने दूसरे पोस्ट पर लिखा, भाजपा राज्य में ‘महा-आयोजनों’ से संबंधित हादसों और भाजपाइयों की त्रुटिपूर्ण नीतियों और उसके अंतर्निहित कारणों की क्रोनोलॉजी....

  1. सबसे पहले किसी भी ‘महा-आयोजन’ को राजनीतिक दृष्टि से देखना और उसे अपने आत्म प्रचार व चुनावी फ़ायदा उठाने के लिए दुरुपयोग करना फिर वो चाहे धार्मिक आयोजन हो, सामाजिक, सांस्कृतिक या फिर कूटनीतिक.
  2. ⁠’महा-आयोजन’ की व्यवस्था से ज्यादा उसके प्रचार पर पैसा बहाना. उसके संबंध में मिथ्या प्रचार करके जनता में झूठ फैलाकर, जनता का भावनात्मक शोषण करना.
  3. अहंकारी भाजपाइयों का अपने को ही ’महा-आयोजन’ से जुड़ी हर बात का विशेषज्ञ समझकर मनमानी करना.
  4. ⁠आत्मकेंद्रित होने की वजह से ‘महा-आयोजन’ से संबंधित पुर्वानुमानों की चुनौतियों की पूरी तरह उपेक्षा करना.
  5. ‘महा-आयोजन’ के लिए चेतानेवाली दूसरे पक्ष की सलाह को अपनी आलोचना मानकर अस्वीकार कर देना.
  6. ‘महा-आयोजन’ की कमियों की ओर इंगित करती ख़बरों को निजी आरोप समझकर उन पर हमलावर होना.
  7. ‘महा-आयोजन’ में दुर्घटना होने पर सबसे पहले मीडिया प्रबंधन करके हादसे के समाचार को दबाना न कि दुर्घटना को स्वीकार करके राहत, बचाव व सुधार आपदा प्रबंधन करना.
  8. ‘महा-आयोजन’ के हादसे में मरनेवालों और घायलों के आंकड़ों को छिपाना जिससे अपनी बदइंतजामी की कमी को कम-से-कम करके दिखाया जा सके. मृतकों के परिजनों को शव लेने के लिए दौड़ा-दौड़ा कर हताश निराश कर देना और उनसे मृत्यु की वजह कुछ और बताकर मामला रफा-दफा करना.
  9. ⁠महा-आयोजन’ में हादसा होने पर किसी और को उसके लिए जिम्मेदार ठहराकर जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ना या उसे साजिश बताकर अपनी खामियों पर परदा डालना.
  10. ‘महा-आयोजन’ के हादसे से भाजपाइयों की आपसी राजनीति की खींचातानी का बढ़ जाना, एक का मना करना तो दूसरे का स्वीकार करना और अपने-अपने समर्थकों से एक-दूसरे पर कीचड़ उछलवाना.

यह भी पढ़ें: सपा के पोस्टर वॉर से गरमाई सियासत; 2027 में अखिलेश की वापसी का दावा, चुनाव आयोग पर सीधा हमला

यह भी पढ़ें: महाकुंभ भगदड़ पर अखिलेश ने यूपी सरकार को घेरा, कहा- जब निमंत्रण दिया तो इंतजाम क्या किया?

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने महाकुंभ को लेकर योगी सरकार पर फिर हमला बोला हैं. उन्होंने रविवार को महाकुंभ 2025 में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के हवाई सर्वे को लेकर जमकर हमला बोला है. सीएम योगी को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है.

इसमें सीएम योगी के हवाई सर्वे को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि पहले हवाई बातें कीं, अब हाथ हिला-हिलाकर हवाई सर्वे कर रहे हैं, ऐसा लग रहा है जैसे कि किसी से हवा में हाथ हिलाने का मुकाबला चल रहा है. सवाल ये है कि हवा में कौन है जिससे अभिवादन का आदान-प्रदान हो रहा है.

उन्होंने आगे लिखा, महाकुंभ में आज सेना को उतारना ही पड़ा, अगर ये फैसला पहले ले लिया जाता तो सैकड़ों श्रद्धालुओं की जान बचाई जा सकती थी. समझ नहीं आता है कि किसी का दंभ इतना भी बड़ा हो सकता है कि लोगों की जान पर बन आए पर उनके अहंकार का सिंहासन टस से मस नहीं होता है.

उन्होंने सोशल साइट एक्स पर अपने दूसरे पोस्ट पर लिखा, भाजपा राज्य में ‘महा-आयोजनों’ से संबंधित हादसों और भाजपाइयों की त्रुटिपूर्ण नीतियों और उसके अंतर्निहित कारणों की क्रोनोलॉजी....

  1. सबसे पहले किसी भी ‘महा-आयोजन’ को राजनीतिक दृष्टि से देखना और उसे अपने आत्म प्रचार व चुनावी फ़ायदा उठाने के लिए दुरुपयोग करना फिर वो चाहे धार्मिक आयोजन हो, सामाजिक, सांस्कृतिक या फिर कूटनीतिक.
  2. ⁠’महा-आयोजन’ की व्यवस्था से ज्यादा उसके प्रचार पर पैसा बहाना. उसके संबंध में मिथ्या प्रचार करके जनता में झूठ फैलाकर, जनता का भावनात्मक शोषण करना.
  3. अहंकारी भाजपाइयों का अपने को ही ’महा-आयोजन’ से जुड़ी हर बात का विशेषज्ञ समझकर मनमानी करना.
  4. ⁠आत्मकेंद्रित होने की वजह से ‘महा-आयोजन’ से संबंधित पुर्वानुमानों की चुनौतियों की पूरी तरह उपेक्षा करना.
  5. ‘महा-आयोजन’ के लिए चेतानेवाली दूसरे पक्ष की सलाह को अपनी आलोचना मानकर अस्वीकार कर देना.
  6. ‘महा-आयोजन’ की कमियों की ओर इंगित करती ख़बरों को निजी आरोप समझकर उन पर हमलावर होना.
  7. ‘महा-आयोजन’ में दुर्घटना होने पर सबसे पहले मीडिया प्रबंधन करके हादसे के समाचार को दबाना न कि दुर्घटना को स्वीकार करके राहत, बचाव व सुधार आपदा प्रबंधन करना.
  8. ‘महा-आयोजन’ के हादसे में मरनेवालों और घायलों के आंकड़ों को छिपाना जिससे अपनी बदइंतजामी की कमी को कम-से-कम करके दिखाया जा सके. मृतकों के परिजनों को शव लेने के लिए दौड़ा-दौड़ा कर हताश निराश कर देना और उनसे मृत्यु की वजह कुछ और बताकर मामला रफा-दफा करना.
  9. ⁠महा-आयोजन’ में हादसा होने पर किसी और को उसके लिए जिम्मेदार ठहराकर जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ना या उसे साजिश बताकर अपनी खामियों पर परदा डालना.
  10. ‘महा-आयोजन’ के हादसे से भाजपाइयों की आपसी राजनीति की खींचातानी का बढ़ जाना, एक का मना करना तो दूसरे का स्वीकार करना और अपने-अपने समर्थकों से एक-दूसरे पर कीचड़ उछलवाना.

यह भी पढ़ें: सपा के पोस्टर वॉर से गरमाई सियासत; 2027 में अखिलेश की वापसी का दावा, चुनाव आयोग पर सीधा हमला

यह भी पढ़ें: महाकुंभ भगदड़ पर अखिलेश ने यूपी सरकार को घेरा, कहा- जब निमंत्रण दिया तो इंतजाम क्या किया?

Last Updated : Feb 17, 2025, 2:04 PM IST
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