मेरठ: कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने मंडल के सभी जिलों के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जिले में तैनात जिला अधिकारी व अन्य अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि उनके विभागों के अधिकारी जिस भी सर्किल में तैनात हैं, वे अपने सर्किल क्षेत्र में ही रहें. यही नहीं, रात्रि में भी उन्हें सर्किल क्षेत्र में ही रेगुलर निवास करना होगा. जो ऐसा नहीं करेंगे, ऐसे अफसरों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने मंडल के अंतर्गत आने वाले जिलों के अधिकारियों को स्पष्ट तौर निर्देश दिए हैं कि सभी एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस क्षेत्राधिकारी, सीएससी एवं पीएचसी के डॉक्टर अपने मुख्यालय पर ही निवास करें. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो ये अनुशासनहीनता और लापरवाही मानी जाएगी. मेरठ कमिश्नर ने यह भी निर्देश दिया है कि जिला मुख्यालय के संबंधित अधिकारी इस आशय का प्रमाणपत्र भी सर्किल में तैनात अपने-अपने विभाग के अफसरों से लें कि वे अपने क्षेत्रों में मुख्यालय पर निवास कर रहे हैं. कमिश्नर का ये भी आदेश है कि जिलों के अधिकारी सरप्राइज़ विजिट के जरिए पड़ताल भी करें.
गौरतलब है कि मंडलायुक्त ने एक दिन पहले ही गौतमबुद्धनगर, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ और बागपत जिलों के जिलाधिकारी, एसएसपी, सीडीओ सहित सभी अधिकारियों संग बैठक की थी. इसमें कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने निर्देश दिए हैं कि आमजन की समस्याओं को अधिकारी गंभीरतापूर्वक सुनें व उनकी समस्याओं का समाधान करें. कमिश्नर ने अफसरों से ये भी निर्देश दिए थे कि प्रतिदिन 10 बजे से दोपहर 12 तक जनसुनवाई की जाए. उन्होंने कहा कि किसी दिन बैठक इत्यादि में व्यस्तता होने पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को जनसुनवाई के लिए बैठाया जाए व जन समस्याओं का निचले स्तर पर ही समाधान कराने का प्रयास किया जाए.
कमिश्नर ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि निचले स्तर के अधिकारियों जिनमें एसडीएम, पुलिस क्षेत्राधिकारियों, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सीएचसी पीएचसी पर तैनात डॉक्टर्स रात्रि निवास भी अपने क्षेत्र में करेंगे. उन्होंने कहा है कि रेगुलर औचक निरीक्षण व सत्यापन भी कराया जाए तथा गैरहाजिर अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए.
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इस निर्देश के बाद किसी निजी कंपनी में दस से पांच ड्यूटी की तर्ज पर अपने फर्ज की रश्म अदायगी करके अब एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस क्षेत्राधिकारी, सीएससी एवं पीएचसी के डॉक्टर मुख्यालय को छोड़कर नहीं जा सकेंगे. यदि ऐसा करते हैं तो उनके विरुद्ध एक्शन लिया जाएगा.
कमिश्नर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि मंशा यही है कि तहसील स्तर पर जब संबंधित अधिकारी तैनाती के दौरान उपलब्ध होंगे तो किसी भी समस्या के त्वरित समाधान की संभावना रहती है. उन्होंने कहा कि संबंधित जिले के डीएम औऱ अन्य अफसरों को निर्देशित कर दिया गया है कि किसी भी घटना होने पर तत्काल वहां सर्किल के जिम्मेदार अधिकारी वहां जरूर पहुंचने चाहिए.
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