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गोवंशी पशुओं में दिख रहा खुरपका-मुंहपका रोग, पशु वैज्ञानिक की समय से टीका लगवाने की सलाह - मेरठ में गोवंशी पशुओं को हो रही बीमारियां

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में लॉकडाउन के कारण पशुओं की देखभाल न हो पाने से तमाम तरह की बीमारियां हो रही हैं. वहीं केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अजयवीर सिंह सिरोही ने किसानों को पशुओं की सेवाएं सही ढंग से करने के लिए निर्देश जारी किया है.

पशुओं को हो रही बीमारियां
पशुओं को हो रही बीमारियां
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Published : Apr 30, 2020, 2:27 PM IST

मेरठ: गर्मी का दौर जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे ही पशुओं में भी देखभाल की जरूरत बढ़ती जा रही है. लॉकडाउन का असर पशुपालन पर भी देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान पशुओं की उचित देखभाल नहीं हो पी रही है. पौष्टिक आहार भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में पशुओं में भी सीजन में होने वाली बीमारी का खतरा बढ़ रहा है.

पशु चिकित्सकों का कहना है कि कुछ स्थानों पर गोवंशी पशुओं में खुरपका और मुंहपका रोग का असर देखने में आया है. इस रोग से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालकों को समय से टीकाकरण कराना चाहिए.

एक फार्म से दूसरे फार्म पर जाने से बचे
केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अजयवीर सिंह सिरोही का कहना है कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही गोवंशी पशुओं में खुरपका मुंहपका रोग का प्रकोप देखा गया है. ऐसे में किसानों को सलाह है कि वह एक फार्म से दूसरे फार्म पर न जाए. रोगी पशुओं को स्वस्थ पशुओं से तुरंत ही अलग कर दें. स्थानीय पशु चिकित्सक की सलाह से रोगी पशुओं की दवा की व्यवस्था करें. पशुशाला की नियमित रूप से साफ-सफाई करते रहें.

गर्मी से पशुओं को बचाए
गर्मी के मौसम में पशुओं की देखभाल बेहद जरूरी है. पालतु पशुओं को गर्मी में होने वाली बीमारी से बचाने के लिए जरूरी है कि उन्हें छाया में बांधें और स्वच्छ निर्मल ताजा पानी पीने के लिए देते रहें. पेट में पड़ने वाले कीड़ों की दवाएं नजदीकी चिकित्सालय से चिकित्साधिकारी की सलाह से लें. बाह्यपरजीवी के निवारण के लिए पशुओं के शरीर पर दवा नहलाने के बाद ही लगाएं.

समय से कराएं टीकाकरण
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अजयवीर सिंह सिरोही ने कहा कि पशुओं के टीकाकरण का समय आ गया है. पशुपालन विभाग की टीमें जल्द ही अनेक प्रकार के रोगों जैसे खुरपका मुंहपका, लंगड़िया, गलाघोंटू, पीपीआर आदि के टीकाकरण के लिए किसानों के पास घर-घर जाएंगी. पशुओं में लगने वाले इन रोगों से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है. इसके लिए पशुपालकों को पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण जरूर कराना चाहिए.

साफ-सफाई का रखें ध्यान
जिस तरह से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए साफ सफाई जरूरी है. उसी तरह पशुओं को रोग से बचाने के लिए भी साफ-सफाई जरूरी है. पशुओं के बाड़ा में चारों और चूने का छिड़काव करते रहना चाहिए. बाड़े के प्रवेश द्वार पर फिनायल फुटबाथ होना चाहिए. इसके अलावा बाड़े के फर्श की धुलाई एक प्रतिशत सोडियम हाइपो क्लोराइट से समय-समय पर करते रहना चाहिए.

मेरठ: गर्मी का दौर जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे ही पशुओं में भी देखभाल की जरूरत बढ़ती जा रही है. लॉकडाउन का असर पशुपालन पर भी देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान पशुओं की उचित देखभाल नहीं हो पी रही है. पौष्टिक आहार भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में पशुओं में भी सीजन में होने वाली बीमारी का खतरा बढ़ रहा है.

पशु चिकित्सकों का कहना है कि कुछ स्थानों पर गोवंशी पशुओं में खुरपका और मुंहपका रोग का असर देखने में आया है. इस रोग से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालकों को समय से टीकाकरण कराना चाहिए.

एक फार्म से दूसरे फार्म पर जाने से बचे
केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अजयवीर सिंह सिरोही का कहना है कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही गोवंशी पशुओं में खुरपका मुंहपका रोग का प्रकोप देखा गया है. ऐसे में किसानों को सलाह है कि वह एक फार्म से दूसरे फार्म पर न जाए. रोगी पशुओं को स्वस्थ पशुओं से तुरंत ही अलग कर दें. स्थानीय पशु चिकित्सक की सलाह से रोगी पशुओं की दवा की व्यवस्था करें. पशुशाला की नियमित रूप से साफ-सफाई करते रहें.

गर्मी से पशुओं को बचाए
गर्मी के मौसम में पशुओं की देखभाल बेहद जरूरी है. पालतु पशुओं को गर्मी में होने वाली बीमारी से बचाने के लिए जरूरी है कि उन्हें छाया में बांधें और स्वच्छ निर्मल ताजा पानी पीने के लिए देते रहें. पेट में पड़ने वाले कीड़ों की दवाएं नजदीकी चिकित्सालय से चिकित्साधिकारी की सलाह से लें. बाह्यपरजीवी के निवारण के लिए पशुओं के शरीर पर दवा नहलाने के बाद ही लगाएं.

समय से कराएं टीकाकरण
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अजयवीर सिंह सिरोही ने कहा कि पशुओं के टीकाकरण का समय आ गया है. पशुपालन विभाग की टीमें जल्द ही अनेक प्रकार के रोगों जैसे खुरपका मुंहपका, लंगड़िया, गलाघोंटू, पीपीआर आदि के टीकाकरण के लिए किसानों के पास घर-घर जाएंगी. पशुओं में लगने वाले इन रोगों से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है. इसके लिए पशुपालकों को पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण जरूर कराना चाहिए.

साफ-सफाई का रखें ध्यान
जिस तरह से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए साफ सफाई जरूरी है. उसी तरह पशुओं को रोग से बचाने के लिए भी साफ-सफाई जरूरी है. पशुओं के बाड़ा में चारों और चूने का छिड़काव करते रहना चाहिए. बाड़े के प्रवेश द्वार पर फिनायल फुटबाथ होना चाहिए. इसके अलावा बाड़े के फर्श की धुलाई एक प्रतिशत सोडियम हाइपो क्लोराइट से समय-समय पर करते रहना चाहिए.

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