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हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के कोच से ईटीवी भारत की खास बातचीत, बोले-बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में फहरेगा तिरंगा

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 को लेकर देश में खासा उत्साह है. महिला हॉकी टीम की अनुभवी फॉरवर्ड खिलाड़ी वंदना कटारिया तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिनिधित्व कर रही हैं. मेरठ के एनएस कॉलेज के मैदान से अपने करियर की शुरुआत करने वाली वंदना के कोच प्रदीप चिनौटी से ईटीवी भारत की टीम ने उनकी तैयारियों को लेकर खास बातचीत की.

हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के कोच.
हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के कोच.
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Published : Aug 3, 2022, 1:01 PM IST

Updated : Aug 3, 2022, 4:11 PM IST

मेरठ: इन दिनों बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 चल रहे हैं. ऐसे में महिला हॉकी टीम की अनुभवी फॉरवर्ड खिलाड़ी वंदना कटारिया तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिनिधित्व कर रही हैं. मेरठ के एनएस कॉलेज के मैदान से अपने करियर की शुरुआत करने वाली वंदना के कोच से खासा उम्मीद है कि वह देश को गोल्ड दिलाएंगी. ईटीवी भारत ने एनएस कॉलेज के मैदान पर पहुंचकर उनके पहले गुरु और कोच प्रदीप चिनौटी से खास बातचीत की.

कॉमनवेल्थ गेम्स में वंदना कटारिया से देश को काफी उम्मीद है. उन्होंने 2003 में अपने करियर की शुरुआत मेरठ के एनएस कॉलेज के मैदान से की थी, जिसके बाद 2006 तक वंदना ने यहां प्रशिक्षण प्राप्त किया था. यानी कह सकते हैं कि मेरठ के एनएस कॉलेज के मैदान में ही सबसे पहले उन्होंने हॉकी हाथ में ली थी, उनके कोच प्रदीप चिनौटी को अपनी शिष्या पर पूरा भरोसा है कि वंदना कटारिया कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को गोल्ड जरूर दिलाएंगी.

जानकारी देते हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के कोच प्रदीप चिनौटी.

ईटीवी भारत ने उसी मैदान पर पहुंचकर वहां हॉकी का प्रशिक्षण ले रहीं बालिकाओं से भी बातचीत की. जहां सभी का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जिस तरह वंदना कटारिया टोक्यो ओलम्पिक में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा था. उसी तरह वे बर्मिंघम में भी भारत का झंडा बुलंद करेंगी.

कोच प्रदीप चिनौटी का मानना है कि वे देश को जरूर पदक दिलाएंगी. वहीं इस मैदान में वर्तमान में भी काफी बेटियां हैं जो कि हॉकी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. उन सभी से भी ईटीवी भारत ने बातचीत की. जहां सभी लड़कियां बेहद उत्साहित दिखीं. सभी को उम्मीद है कि उनकी दीदी वंदना कटारिया देश को गोल्ड दिलाने में सफल होंगी.

गौरतलब है कि वंदना कटारिया मेरठ से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद लखनऊ चली गई थीं. वंदना 2014 और 2018 में भी राष्ट्रमण्डल खेलों में प्रतिभाग कर चुकी हैं. उन्होंने 2014 में एशियाई खेलों में कांस्य पदक, 2016 में एशियाई चैंपियन ट्रॉफी, 2017 में एशिया कप और 2018 में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. वहीं टोक्यो ओलंपिक में तो हैट्रिक बनाकर सभी को चौंका दिया था.

इसे भी पढे़ं- CWG 2022 Medal Tally: नौ पदकों के साथ छठे स्थान पर भारत

मेरठ: इन दिनों बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 चल रहे हैं. ऐसे में महिला हॉकी टीम की अनुभवी फॉरवर्ड खिलाड़ी वंदना कटारिया तीसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिनिधित्व कर रही हैं. मेरठ के एनएस कॉलेज के मैदान से अपने करियर की शुरुआत करने वाली वंदना के कोच से खासा उम्मीद है कि वह देश को गोल्ड दिलाएंगी. ईटीवी भारत ने एनएस कॉलेज के मैदान पर पहुंचकर उनके पहले गुरु और कोच प्रदीप चिनौटी से खास बातचीत की.

कॉमनवेल्थ गेम्स में वंदना कटारिया से देश को काफी उम्मीद है. उन्होंने 2003 में अपने करियर की शुरुआत मेरठ के एनएस कॉलेज के मैदान से की थी, जिसके बाद 2006 तक वंदना ने यहां प्रशिक्षण प्राप्त किया था. यानी कह सकते हैं कि मेरठ के एनएस कॉलेज के मैदान में ही सबसे पहले उन्होंने हॉकी हाथ में ली थी, उनके कोच प्रदीप चिनौटी को अपनी शिष्या पर पूरा भरोसा है कि वंदना कटारिया कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को गोल्ड जरूर दिलाएंगी.

जानकारी देते हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के कोच प्रदीप चिनौटी.

ईटीवी भारत ने उसी मैदान पर पहुंचकर वहां हॉकी का प्रशिक्षण ले रहीं बालिकाओं से भी बातचीत की. जहां सभी का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जिस तरह वंदना कटारिया टोक्यो ओलम्पिक में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा था. उसी तरह वे बर्मिंघम में भी भारत का झंडा बुलंद करेंगी.

कोच प्रदीप चिनौटी का मानना है कि वे देश को जरूर पदक दिलाएंगी. वहीं इस मैदान में वर्तमान में भी काफी बेटियां हैं जो कि हॉकी का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. उन सभी से भी ईटीवी भारत ने बातचीत की. जहां सभी लड़कियां बेहद उत्साहित दिखीं. सभी को उम्मीद है कि उनकी दीदी वंदना कटारिया देश को गोल्ड दिलाने में सफल होंगी.

गौरतलब है कि वंदना कटारिया मेरठ से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद लखनऊ चली गई थीं. वंदना 2014 और 2018 में भी राष्ट्रमण्डल खेलों में प्रतिभाग कर चुकी हैं. उन्होंने 2014 में एशियाई खेलों में कांस्य पदक, 2016 में एशियाई चैंपियन ट्रॉफी, 2017 में एशिया कप और 2018 में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. वहीं टोक्यो ओलंपिक में तो हैट्रिक बनाकर सभी को चौंका दिया था.

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Last Updated : Aug 3, 2022, 4:11 PM IST
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