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किसानों के नेता राकेश टिकैत ने किया दिल्ली कूच - दिल्ली कूच

कृषि विधेयक बिल को लेकर जहां हरियाणा पंजाब के किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं, वहीं भारतीय किसान यूनियन ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसान मेरठ से दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं.

किसानों की लड़ाई के लिए किसान यूनियन का दिल्ली कूच
किसानों की लड़ाई के लिए किसान यूनियन का दिल्ली कूच
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Published : Nov 28, 2020, 2:55 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 4:46 PM IST

मेरठ: कृषि विधेयक बिलों को लेकर जहां हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं, वहीं भारतीय किसान यूनियन ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसान मेरठ से दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं. किसान न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने और कृषि विधेयक बिलों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं. यही वजह है कि तीन माह बाद एक बार फिर किसान केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार किसानों के साथ छलावा कर रही है. सरकार के आय दोगुनी करने के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. किसान को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिलने से वे लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

किसानों की लड़ाई के लिए किसान यूनियन का दिल्ली कूच
किसान नेता टिकैत किसानों के साथ निकले दिल्ली
भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान पर पदाधिकारियों और किसानों ने शुक्रवार को दिल्ली देहरादून हाई-वे पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया था. हाई-वे जाम होने से राहगीरों और यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. शुक्रवार की शाम को किसान नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा पंजाब के किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली कूच का एलान कर दिया. देर शाम को राकेश टिकैत मेरठ टोल प्लाजा पहुंचे. जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया और शनिवार सुबह हजारों किसानों के साथ दिल्ली के लिए निकल गए. इस दौरान किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में खाने-पीने का सामान लेकर आए.
सिवाया टोल प्लाजा पर इकट्ठा हुए किसान
राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आने के बाद बड़ी संख्या में किसान सिवाया टोल प्लाजा पर इकट्ठे हो गए. जहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. किसानों ने अपने हक की मांग करते हुए सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि सरकार ने जो कृषि विधेयक पारित किए हैं. वे किसान विरोधी हैं. इनके लागू होने से किसानों को नुकसान और मल्टीनेशनल कंपनियों को फायदा होगा.
किसान की फसल का न्यूनतम मूल्य हो निर्धारित
ETV भारत से बातचीत में राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन दिल्ली के लिए कूच कर रही है. दिल्ली पहुंच कर रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि आज किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर है. आज देश भर में किसानों की फसल का न्यूनतम मूल्य बड़ा सवाल बन गया है. राकेश टिकैत ने मांग की है कि पूरे देश मे न्यूनतम मूल्य पर किसान की फसल की खरीद हो और उसकी खरीद की गारंटी होनी चाहिए. इसके अलावा सरकारी, गैर सरकारी एजेंसियां न्यूनतम मूल्य से कम दाम पर किसान की फसल न खरीद पाएं.
दिल्ली पहुंच कर आय होगी दोगुनी
सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के जो दावे कर रही है, उस फार्मूले को जानने के लिए किसान दिल्ली कूच कर रहा है. सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खेती गांव में किसान करता है और फार्मूला दिल्ली में बैठे नेता बता रहे हैं. उसी फार्मूले को पूछने दिल्ली जाना पड़ रहा है.
हरियाणा सरकार हो बर्खास्त
दिल्ली जा रहे किसानों पर बर्बरतापूर्वक आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें छोड़ने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई के साथ हरियाणा की राज्य सरकार के बर्खास्त की मांग की है. राकेश टिकैत ने बताया कि किसान नेशनल हाई-वे पर शांति पूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे थे. हरियाणा सरकार ने नेशनल हाई-वे पर आकर किसानों पर हमला किया है. हाई-वे पर जाने वाले किसानों पर हमला करना आपराधिक श्रेणी में आता है, इसलिए सभी के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने चाहिए. जिस प्रकार हरियाणा सरकार के आदेश पर हरियाणा और पंजाब के किसानों पर बर्बरता हुई है, उससे सरकार की गुंडागर्दी सामने आई है. उन्होंने हरियाणा सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है.
MSP को लेकर बने कानून
कृषि विधेयक लागू किए जाने के बाद व्यापारी किसानों की फसल को औने-पौने दाम पर खरीदेगा. अगर MSP को लेकर कानून बन जाता है तो उससे कम दाम पर खरीद नहीं कर सकते. जबकि पूर्व में पारित किए गए कृषि विधेयकों के अनुसार मनमाने दाम पर फसल खरीदी जाएगी और महंगे दाम में बेची जाएगी. व्यापारी किसान की फसल की जमाखोरी करेगा, जिससे महंगाई भी बढ़ेगी. सीधे रूप से इससे किसान और गांव के लोग प्रभावित होंगे.

मेरठ: कृषि विधेयक बिलों को लेकर जहां हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं, वहीं भारतीय किसान यूनियन ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में हजारों किसान मेरठ से दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं. किसान न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने और कृषि विधेयक बिलों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं. यही वजह है कि तीन माह बाद एक बार फिर किसान केंद्र सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार किसानों के साथ छलावा कर रही है. सरकार के आय दोगुनी करने के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. किसान को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिलने से वे लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

किसानों की लड़ाई के लिए किसान यूनियन का दिल्ली कूच
किसान नेता टिकैत किसानों के साथ निकले दिल्ली
भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान पर पदाधिकारियों और किसानों ने शुक्रवार को दिल्ली देहरादून हाई-वे पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया था. हाई-वे जाम होने से राहगीरों और यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. शुक्रवार की शाम को किसान नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा पंजाब के किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली कूच का एलान कर दिया. देर शाम को राकेश टिकैत मेरठ टोल प्लाजा पहुंचे. जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया और शनिवार सुबह हजारों किसानों के साथ दिल्ली के लिए निकल गए. इस दौरान किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में खाने-पीने का सामान लेकर आए.
सिवाया टोल प्लाजा पर इकट्ठा हुए किसान
राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आने के बाद बड़ी संख्या में किसान सिवाया टोल प्लाजा पर इकट्ठे हो गए. जहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. किसानों ने अपने हक की मांग करते हुए सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि सरकार ने जो कृषि विधेयक पारित किए हैं. वे किसान विरोधी हैं. इनके लागू होने से किसानों को नुकसान और मल्टीनेशनल कंपनियों को फायदा होगा.
किसान की फसल का न्यूनतम मूल्य हो निर्धारित
ETV भारत से बातचीत में राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन दिल्ली के लिए कूच कर रही है. दिल्ली पहुंच कर रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि आज किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर है. आज देश भर में किसानों की फसल का न्यूनतम मूल्य बड़ा सवाल बन गया है. राकेश टिकैत ने मांग की है कि पूरे देश मे न्यूनतम मूल्य पर किसान की फसल की खरीद हो और उसकी खरीद की गारंटी होनी चाहिए. इसके अलावा सरकारी, गैर सरकारी एजेंसियां न्यूनतम मूल्य से कम दाम पर किसान की फसल न खरीद पाएं.
दिल्ली पहुंच कर आय होगी दोगुनी
सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के जो दावे कर रही है, उस फार्मूले को जानने के लिए किसान दिल्ली कूच कर रहा है. सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खेती गांव में किसान करता है और फार्मूला दिल्ली में बैठे नेता बता रहे हैं. उसी फार्मूले को पूछने दिल्ली जाना पड़ रहा है.
हरियाणा सरकार हो बर्खास्त
दिल्ली जा रहे किसानों पर बर्बरतापूर्वक आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें छोड़ने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई के साथ हरियाणा की राज्य सरकार के बर्खास्त की मांग की है. राकेश टिकैत ने बताया कि किसान नेशनल हाई-वे पर शांति पूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे थे. हरियाणा सरकार ने नेशनल हाई-वे पर आकर किसानों पर हमला किया है. हाई-वे पर जाने वाले किसानों पर हमला करना आपराधिक श्रेणी में आता है, इसलिए सभी के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने चाहिए. जिस प्रकार हरियाणा सरकार के आदेश पर हरियाणा और पंजाब के किसानों पर बर्बरता हुई है, उससे सरकार की गुंडागर्दी सामने आई है. उन्होंने हरियाणा सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है.
MSP को लेकर बने कानून
कृषि विधेयक लागू किए जाने के बाद व्यापारी किसानों की फसल को औने-पौने दाम पर खरीदेगा. अगर MSP को लेकर कानून बन जाता है तो उससे कम दाम पर खरीद नहीं कर सकते. जबकि पूर्व में पारित किए गए कृषि विधेयकों के अनुसार मनमाने दाम पर फसल खरीदी जाएगी और महंगे दाम में बेची जाएगी. व्यापारी किसान की फसल की जमाखोरी करेगा, जिससे महंगाई भी बढ़ेगी. सीधे रूप से इससे किसान और गांव के लोग प्रभावित होंगे.
Last Updated : Nov 28, 2020, 4:46 PM IST
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